कानपुर देहात: कानपुर देहात जेल (Kanpur Dehat Jail) में बंद बिकरू कांड (Bikru Kand) की आरोपी खुशी दुबे 30 महीने बाद शनिवार शाम करीब 7:30 बजे जेल से रिहा हुई. इस दौरान बहन के गले लग उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. इस दौरान उनके पिता भी मौजूद थे. यहां से वह पनकी स्थित अपने आवास जाएंगी. खुशी ने मीडिया से कहा कि मैं 4 तारीख 2020 को थाने गई थी और 8 तारीख को जेल. उन चार दिनों में मुझपर क्या बीती मैं नहीं बता सकती हूं. मुझे तो आज तक यह भी नहीं पता कि मैं किस मामले में जेल गई थी.
वहीं, खुशी के वकील शिवाकांत ने बताया कि खुशी पर सभी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं. इनमें 302, 396 और 7सीएलए जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं. कानून पर पूरा विश्वास है. न्याय मिला लेकिन थोड़ी देर जरूर हुई. उन्होंने कहा कि जल्द ही खुशी इस मामले में बाइज्जत बरी होगी. हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.
कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर कुख्यात अपराधी विकास दुबे व उसके गैंग ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी. घटना में बिल्हौर सर्किल के तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी व कई लोग घायल भी हुए थे. इस मामले में पुलिस ने पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे पर हत्या व हत्या का प्रयास, डकैती के मुख्य मामले के साथ ही फर्जी दस्तावेज लगा सिम लेने का मामला दर्ज किया था.
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी खुशी दुबे की जमानत मंजूर की है व बचाव पक्ष ने जमानत आदेश के साथ ही जमानत के प्रपत्र अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-13 पॉक्सो शैलेंद्र कुमार वर्मा की अदालत में दाखिल दखिल कर दिए गए हैं. अदालत से जमानत प्रपत्रों को रजिस्टर्ड डाक से पनकी व नौबस्ता थाने में भेजा गया था. वहीं, जमानती की मलियत तस्दीक करने के लिए यूको बैंक शाखा आर्मापुर व रजिस्ट्रार कार्यालय कानपुर नगर को भेजा गया था.
इसके बाद बैंक के साथ ही नौबस्ता व पनकी थाना से जमानत सत्यापन रिपोर्ट अदालत में आ चुकी है. रजिस्ट्रार कार्यालय से सत्यापन रिपोर्ट आना शेष था. इसके बाद जनपद कानपुर देहात की न्यायालय से खुशी दुबे की रिहाई का परवाना कानपुर देहात जिला जेल भेजा जा चुका है व आज शनिवार को खुशी दुबे सलाखों के पीछे से रिहा कर दी जाएगी.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत ने बताया कि शुक्रवार को सब रजिस्ट्रार जोन-चार कार्यालय से जो सत्यापन रिपोर्ट न्यायालय में आई है. वह अपूर्ण है. रिपोर्ट में रजिस्ट्री की तस्दीक की है, लेकिन मालियत स्पष्ट नहीं की गई है. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए नोटिस जारी करते हुए सब रजिस्ट्रार को 23 जनवरी को अदालत में स्पष्ट आख्या के साथ उपस्थित होने के आदेश दिए हैं. बोर्ड के सामने दोनों जमानती पेश कर दिए हैं. इसके बाद बोर्ड ने खुशी की रिहाई का परवाना माती जिला कारागार भेज दिया, लेकिन मुख्य में जमानत प्रपत्रों के सत्यापन की कार्रवाई पूरी न होने के चलते खुशी की रिहाई नहीं हो सकी है.
बिकरू कांड मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि उन्होंने माती जेल में खुशी से मुलाकात की है. इस दौरान उसका हालचाल लेने के साथ ही अदालत की कार्यवाही के बारे में खुशी को बताया है. साथ ही बताया कि उसकी जल्द ही जेल से रिहाई कराने की बात भी कही है. खुशी ने रोते हुए आभार भी व्यक्त किया. खुशी दुबे की रिहाई को लेकर जिला न्यायालय से परवाना जा चुका है. परवाने की तस्दीक जिला न्यायालय करता है, उसके बाद मामले में बंद आरोपी को जेल से रिहा कर दिया जाता है. वहीं, शाम 7: 30 बजे खुशी दुबे को जेल से रिहा कर दिया गया. वह अपने परिजनों के साथ पनकी स्थित आवास के लिए रवाना हो गई.