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Joshimath Sinking: सड़कों पर हजारों लोग, कराह रहे प्रभावित, फिर भी आपदा सचिव के लिए सब 'ALL IS WELL'

जोशीमठ भू धंसाव को लेकर आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बेतुका बयान दिया है. आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा जोशीमठ के लोगों को कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा मीडिया को जोशीमठ को लेकर ज्यादा सुर्खियां नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि जोशीमठ में हालात सामान्य हैं. साथ ही उन्होंने कहा हम चाहें तो अभी जोशीमठ में सब कर दें, लेकिन उससे किसी का फायदा नहीं होगा.

Joshimath Sinking
आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का बयान
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Published : Jan 27, 2023, 9:15 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 9:21 PM IST

आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का बयान

देहरादून: जोशीमठ के हालातों की जानकारी देते हुए शुक्रवार को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा मीडिया को नसीहत देते नजर आये. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा जोशीमठ के लोगों को कोई परेशानी नहीं है, लेकिन मीडिया समस्या को बढ़ा चढ़ा कर दिखा रहा है. इसी दौरान उन्होंने विस्थापन में लगातार हो रही रही देरी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा हम चाहें तो जोशीमठ में अभी सब कर दें लेकिन उस से किसी का फायदा नहीं होगा, यानी जितनी देर लगेगी उतना फायदा होगा. वहीं, दूसरी तरफ जोशीमठ की सड़कों पर आज हजारों लोग उतरे. ये सभी आपदा सचिव के ऐसे बयानों से खासे नाराज हैं.

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किये जा रहे राहत और बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं. वहीं, अपनी कमियां छुपाने के लिए आपदा प्रबंधन सचिव मीडिया पर अपनी खुन्नस निकालते नजर आये. शुक्रवार को देहरादून सचिवालय मीडिया सेंटर में जोशीमठ के हालातों की जानकारी देते देते आपदा प्रबंधन सचिव मीडिया की भूमिका पर भी ही सवाल खड़े करने लगे. उन्होंने जोशीमठ को लेकर मीडिया द्वारा की जा रही रिपोर्ट पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा मीडिया को जोशीमठ को लेकर ज्यादा सुर्खियां नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि जोशीमठ में हालात सामान्य हैं.

रंजीत कुमार सिन्हा के बयान पर भड़के जोशीमठ के लोग
पढे़ं- Joshimath Sinking: IIT रुड़की की रिपोर्ट पर टिका हेलंग बाईपास का भविष्य, पीपलकोटी में विस्थापन का प्लान HOLD

आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया जोशीमठ को लेकर धरातल पर हालात सामान्य हैं. जोशीमठ के लोगों को कोई खास समस्या नहीं है. वहां के लोग आपदा प्रबंधन के प्रयासों को लेकर संतुष्ठ हैं. हमें उनकी इस बात को समझना चाहिए ना कि बिना वजह जोशीमठ की परेशानियों को हाइलाइट करना चाहिए. दूसरी तरफ अगर धरातल की बात करें तो जिस वक्त आपदा प्रबंधन सचिव सचिवालय में यह बयान दे रहे थे ठीक उसी वक्त जोशीमठ में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे.
पढे़ं- CM Dhami on Rahul Gandhi: 'जोशीमठ में सबका स्वागत, लेकिन ये समय राजनीति का नहीं'

आपदा सचिव जोशीमठ की समस्याओं का ठीकरा मीडिया पर फोड़ते नजर आ रहे हैं. आपदा सचिव के इस बयान से जोशीमठ के लोगों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी अतुल सती ने आपदा सचिव के इस बयान को बिल्कुल बेतुका बताया. उन्होंने कहा जोशीमठ की पूरी जनता आपदा सचिव के इस बयान की कड़ी निंदा करती है.
पढे़ं- Congress on BJP: 'जोशीमठ पर ध्यान देने की जगह फिजूल काम कर रहे धामी', चमोली जिपं अध्यक्ष को हटाने पर बोले गोदियाल

जोशीमठ भू धंसाव के ताजा हालात: जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.36 करोड़ रूपये की धनराशि 224 प्रभावित भूस्वामियों को वितरित कर दी गई है. 95 प्रभावित किरायेदारों को 47.50 लाख की धनराशि तत्काल राहत के रूप में वितरित की गई है. जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर निर्माणाधीन हैं. शीघ्र निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है. ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड ट्रांजिशन सेंटर हेतु भूमि विकास का कार्य जारी है. सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम. था, वर्तमान में घटकर 171 एलपीएम हो गया है. अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है. पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है. अभी तक 863 भवनों में दरारें आई हैं. गांधीनगर में 1, सिंहधार में 2, मनोहर बाग में 5, सुनील में 7 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं. 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं. विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 902 है. 39 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों या किराए के घरों में चले गए हैं.

आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का बयान

देहरादून: जोशीमठ के हालातों की जानकारी देते हुए शुक्रवार को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा मीडिया को नसीहत देते नजर आये. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा जोशीमठ के लोगों को कोई परेशानी नहीं है, लेकिन मीडिया समस्या को बढ़ा चढ़ा कर दिखा रहा है. इसी दौरान उन्होंने विस्थापन में लगातार हो रही रही देरी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा हम चाहें तो जोशीमठ में अभी सब कर दें लेकिन उस से किसी का फायदा नहीं होगा, यानी जितनी देर लगेगी उतना फायदा होगा. वहीं, दूसरी तरफ जोशीमठ की सड़कों पर आज हजारों लोग उतरे. ये सभी आपदा सचिव के ऐसे बयानों से खासे नाराज हैं.

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किये जा रहे राहत और बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं. वहीं, अपनी कमियां छुपाने के लिए आपदा प्रबंधन सचिव मीडिया पर अपनी खुन्नस निकालते नजर आये. शुक्रवार को देहरादून सचिवालय मीडिया सेंटर में जोशीमठ के हालातों की जानकारी देते देते आपदा प्रबंधन सचिव मीडिया की भूमिका पर भी ही सवाल खड़े करने लगे. उन्होंने जोशीमठ को लेकर मीडिया द्वारा की जा रही रिपोर्ट पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा मीडिया को जोशीमठ को लेकर ज्यादा सुर्खियां नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि जोशीमठ में हालात सामान्य हैं.

रंजीत कुमार सिन्हा के बयान पर भड़के जोशीमठ के लोग
पढे़ं- Joshimath Sinking: IIT रुड़की की रिपोर्ट पर टिका हेलंग बाईपास का भविष्य, पीपलकोटी में विस्थापन का प्लान HOLD

आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया जोशीमठ को लेकर धरातल पर हालात सामान्य हैं. जोशीमठ के लोगों को कोई खास समस्या नहीं है. वहां के लोग आपदा प्रबंधन के प्रयासों को लेकर संतुष्ठ हैं. हमें उनकी इस बात को समझना चाहिए ना कि बिना वजह जोशीमठ की परेशानियों को हाइलाइट करना चाहिए. दूसरी तरफ अगर धरातल की बात करें तो जिस वक्त आपदा प्रबंधन सचिव सचिवालय में यह बयान दे रहे थे ठीक उसी वक्त जोशीमठ में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे.
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आपदा सचिव जोशीमठ की समस्याओं का ठीकरा मीडिया पर फोड़ते नजर आ रहे हैं. आपदा सचिव के इस बयान से जोशीमठ के लोगों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी अतुल सती ने आपदा सचिव के इस बयान को बिल्कुल बेतुका बताया. उन्होंने कहा जोशीमठ की पूरी जनता आपदा सचिव के इस बयान की कड़ी निंदा करती है.
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जोशीमठ भू धंसाव के ताजा हालात: जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.36 करोड़ रूपये की धनराशि 224 प्रभावित भूस्वामियों को वितरित कर दी गई है. 95 प्रभावित किरायेदारों को 47.50 लाख की धनराशि तत्काल राहत के रूप में वितरित की गई है. जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर निर्माणाधीन हैं. शीघ्र निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है. ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड ट्रांजिशन सेंटर हेतु भूमि विकास का कार्य जारी है. सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम. था, वर्तमान में घटकर 171 एलपीएम हो गया है. अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है. पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है. अभी तक 863 भवनों में दरारें आई हैं. गांधीनगर में 1, सिंहधार में 2, मनोहर बाग में 5, सुनील में 7 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं. 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं. विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 902 है. 39 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों या किराए के घरों में चले गए हैं.

Last Updated : Jan 27, 2023, 9:21 PM IST
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