नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि वर्ष 2022-2023 में देश भर के 12,53,019 छात्र स्कूल से बाहर हो गए हैं, इनमें जहां लड़कों की संख्या 6,97,121 है, वहीं लड़कियों की संख्या 6,22,078 है. लड़कियों की तुलना में लड़कों की संख्या 75,043 अधिक है. यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बिकास रंजन भट्टाचार्य और एए रहीम के एक प्रश्न के लिखित उत्तर के माध्यम से साझा की, जिसमें स्कूल से बाहर गए बच्चों (OoSC) के बारे में विवरण मांगा गया था.
राज्य मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 9,30,531 प्रारंभिक स्तर पर छात्रों की संख्या है, जिनमें से 5,02,771 लड़के हैं औ 4,27,728 लड़कियां हैं और 32 ट्रांसजेंडर हैं. आंकड़ों के अनुसार, प्रारंभिक स्तर (6 से 14 वर्ष की आयु) में स्कूल न जाने वाले बच्चों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश (3,96,655) में थी, इसके बाद बिहार (1,34,252), गुजरात (1,06,885), असम (80,739), हरियाणा (22,841), और तमिलनाडु (20,352) और अन्य का नाम शामिल है.
इसी तरह, माध्यमिक स्तर पर 3,22,488 माध्यमिक स्तर पर छात्रों की संख्या है, जिनमें 1,94,350 लड़के हैं और 1,28,126 लड़कियां हैं और 12 ट्रांसजेंडर हैं. माध्यमिक स्तर पर (14 से 18 वर्ष की आयु के बीच) मध्य प्रदेश (84,788) के बाद ओडिशा (54,634), असम (48,795), गुजरात (36,522) और आंध्र प्रदेश (20,443) व अन्य में अधिकतम स्कूल न जाने वाले राज्य पाए गए. माध्यमिक स्तर के डेटा में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मणिपुर, बिहार और अन्य सहित कई राज्यों की प्रतिक्रियाओं का उल्लेख नहीं है.
इन बच्चों को मुख्यधारा की स्कूली शिक्षा में वापस लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने कहा, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रहा है.