नई दिल्ली : आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआरसीपी को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि मौका मिलने पर भाजपा भाजपा ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी सरकार गिराने से नहीं चुकेगी. इन दोनों राज्यों में क्रमश: बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआरसीपी की सरकार है. इन दोनों पार्टियों ने दिल्ली सेवा विधेयक पर केंद्र का समर्थन करने का फैसला लिया है.
आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टियों के नेताओं को यह समझना चाहिए कि मौका मिलने पर भाजपा उन राज्यों में सरकारें गिराने का मौका नहीं छोड़ेगी जहां वे वर्तमान में शासन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद ओडिशा में सत्तारूढ़ पार्टी है. वहीं, जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी आंध्र प्रदेश में सत्ता की बागडोर संभाले हुए है.
बुधवार को भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष में कुछ दल, जिनमें बीजद और वाईएसआरसीपी शामिल हैं, संसद में भाजपा की मदद कर रहे हैं. इन दलों के अपने राजनीतिक विचार हो सकते हैं. हालांकि, जब भी भाजपा को मौका मिलेगा कि उन राज्यों में उनकी सरकारें गिरा दें, वे ऐसा करने में संकोच नहीं करेंगे. जानकारी के मुताबिक, जैसे ही बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार और पारित करने के लिए पेश करेंगे.
इससे पहले, मंगलवार को बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने बताया कि पार्टी दिल्ली सेवा विधेयक पर सरकार का समर्थन करेगी. बीजद का आधिकारिक रुख एकजुट विपक्ष के लिए एक झटका है, जो राज्यसभा में विधेयक को हराने के लिए बहुमत जुटाने की कोशिश कर रहा है. बाद में, मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी विधेयक पर केंद्र को अपना समर्थन देने के लिए बीजेडी और वाईएसआरसीपी पर हमला बोला.
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि वह यह समझने में असफल रहे कि प्रस्तावित कानून में उन्हें क्या योग्यता मिली. चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा कि मैं दिल्ली सेवा प्राधिकरण विधेयक का समर्थन करने वाले भाजपा सांसदों को समझ सकता हूं, लेकिन मैं यह समझने में असफल हूं कि बीजद और वाईएसआरसीपी पार्टियों को विधेयक में क्या दिखा.
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को निचले सदन में यह विवादास्पद विधेयक पेश किया. विधेयक केंद्र सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, नियमों और सेवा की अन्य शर्तों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है. केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए अध्यादेश जारी किया. यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसले के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं को नियंत्रित करने की शक्ति आप सरकार को सौंपने के कुछ दिनों बाद जारी किया गया था.
(एएनआई)