नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को पेश महिला आरक्षण बिल पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने एतराज जताया है. राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा है कि महिला आरक्षण लाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे. संसद में पेश बिल में जिन शर्तों का हवाला दिया गया है, इससे 2024 के आम चुनाव में कोई महिला आरक्षण नहीं होगा.
AAP ने मांग की है कि बिना किसी देरी के महिला आरक्षण को तत्काल लागू किया जाए. राघव ने कहा है कि महिला आरक्षण विधेयक के खंड 5 के अनुसार आरक्षण परिसीमन होने और नई जनगणना के बाद ही लागू होगा. इसका मतलब यह है कि 2024 के आम चुनाव के लिए कोई महिला आरक्षण नहीं होने जा रहा है. देश और महिलाओं को महिला आरक्षण के लिए नए सिरे से जनगणना और परिसीमन का इंतजार करना होगा.
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Senior AAP Leader and Minister @AtishiAAP Addressing an Important Press Conference | LIVE https://t.co/2Jlll860xb
— AAP (@AamAadmiParty) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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2024 चुनाव में ही लागू हो बिलः प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि हम महिला आरक्षण बिल का स्वागत करते हैं, लेकिन भाजपा को इस बिल को 2024 के लोकसभा चुनाव से ही लागू करना चाहिए. बिल में जो प्रावधान हैं उनके अनुसार यह महिला आरक्षण बिल 2028 तक लागू हो पाएगा. भाजपा सरकार महिला आरक्षण बिल नहीं, महिला बेवकूफ बना बिल ला रही है. आम आदमी पार्टी की मांग है कि यदि महिला आरक्षण बिल लागू करना है तो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से ही इसे लागू किया जाए. इसके लिए जरूरी संशोधन किए जाएं. इसमें आम आदमी पार्टी सहयोग करेगी.
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महिला आरक्षण लाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे....
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) September 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
As per Clause 5 of the #WomenReservationBill, the reservation will kick in only AFTER a delimitation exercise and a fresh census - post the Constitution (One Hundred and Twenty Eighth Amendment) Act, 2023.
Does this imply:
1⃣ No… pic.twitter.com/B7diAtif9n
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— Raghav Chadha (@raghav_chadha) September 19, 2023
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उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी वही बृजभूषण की पार्टी है. यह महिला विरोधी पार्टी है. लोकसभा चुनाव आ रहा है और इन्हें वोट मांगने जाना है इसलिए महिलाओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है लेकिन देश की महिलाओं को आटा दाल और टमाटर का भाव पता है. वह बेवकूफ नहीं बनने वाली हैं. हमारी प्रधानमंत्री से मांग है कि यह जो बिल संसद में पेश किया जा रहा है इसमें संशोधन किया जाए. जनगणना डीलिमिटेशन का इंतजार ना किया जाए. आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि महिला आरक्षण बिल 2024 के चुनाव से लागू किया जाए.
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पहली बार बड़ा फैसला राजीव सरकार ने लिया थाः महिला आरक्षण को लेकर सबसे बड़ा फैसला राजीव गांधी सरकार ने लिया था. उन्होंने 1989 में पंचायती राज और सभी नगर पालिकाओं में एक तिहाई आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. हालांकि, वह बिल को राज्यसभा से पारित नहीं करवाया जा सका था.