नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अधिकांश मुद्दे और एजेंडे पर मतभेद रखने वाली आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर उसको सैद्धांतिक रूप से समर्थन देने का ऐलान किया है. पार्टी के राज्यसभा सदस्य और महासचिव संदीप पाठक ने कहा है कि अनुच्छेद 44 भी यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात करता है, लेकिन इसे लागू करने से पहले सभी हितधारकों के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा हो. इसके बाद ही इसे लागू किया जाए, कानून बनाया जाए.
AAP का यह समर्थन देने का ऐलान उस समय आया है जब वह विपक्षी दलों की बैठक से अपने को अलग-थलग महसूस कर रही है. माना जा रहा है कि गत 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में केजरीवाल चाहते थे कि सबसे पहले दिल्ली को लेकर केंद्र के ताजा अध्यादेश पर चर्चा हो और खासकर कांग्रेस समर्थन की घोषणा करे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर दिल्ली लौट गए थे.
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#WATCH | We support Uniform Civil Code (UCC) in principle as Article 44 also says that there should be UCC in the country. Therefore, there should be a wide consultation with all religions, political parties and organizations and a consensus should be built: AAP leader Sandeep… pic.twitter.com/kiZoOpcgcS
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PM मोदी ने भोपाल में की थी UCC की चर्चाः गत मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बातें की थी. इसके बाद से यह मुद्दा एक बार फिर सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. कांग्रेस से लेकर कई अन्य विपक्षी दलों ने खुलकर अपनी राय व्यक्त नहीं की है. ऐसे में केजरीवाल की राय अन्य विपक्षी दलों से जुदा है.
क्या कहा था PM मोदी ने: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत दो कानूनों पर नहीं चल सकता. भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा, तो घर कैसे चल पाएगा? इसके बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है.
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विपक्ष का आरोप: प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने कई राज्यों में चुनाव नजदीक आने पर राजनीतिक लाभ के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर की स्थिति जैसी वास्तविक समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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#WATCH संविधान के अंतर्गत सभी को समान अधिकार दिए गए हैं। अगर समान अधिकार ही देना चाहें तो पहले अपने धर्म की पोंगापंथी को खत्म करें। हमारे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसलिए मंदिर परिसर में जाने से इसलिए रोक दिया जाता है क्योंकि वे आदिवासी समाज की हैं: PM मोदी की UCC की… pic.twitter.com/2agx1IYBAH
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