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लोस में स्मृति बोलीं- तीन साल और चालू वर्ष में 11 हजार से अधिक और विदेश में 1486 बच्चे गोद लिए गए

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2023, 4:03 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 4:10 PM IST

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में बताया कि पिछले तीन साल और चालू वर्ष में 11 हजार से अधिक और विदेशियों के द्वारा 1400 से अधिक बच्चों को गोद लिया गया है. उन्होंने वर्ष वार देश और विदेश में गोद लिए बच्चों का आंकड़ा सदन में पेश किया. Centre tells Parliament, Parliament, Minister of Women and Child Development Smriti Irani, children adopted

Union Minister Smriti Irani
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी

नई दिल्ली: पिछले तीन साल और चालू वर्ष के दौरान भारतीयों द्वारा कुल 11,391 बच्चों और विदेशियों के द्वारा 1486 बच्चों को गोद लिया गया है. यह जानकारी बुधवार को केंद्र ने संसद के राज्यसभा में दी. इस संबंध में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में सांसद डॉ.कनिमोझी द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी. कनिमोझी ने पिछले तीन साल और चालू साल के दौरान भारतीयों और विदेशियों द्वारा गोद लिए गए बच्चों की संख्या को लेकर सवाल उठाया था. इसमें उन्होंने इस अवधि के दौरान बच्चा गोद लेने की संख्या में वृद्धि के बारे में जानकारी पूछी थी.

इस पर केंद्रीय मंत्री ईरानी ने पिछले तीन साल और वर्तमान साल (10 दिसंबर 2023 तक) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 2020-2021 तक देश में गोद लिए गए बच्चों की संख्या 3142 है, वहीं इसी अवधि के दौरान 417 बच्चों को विदेशियों के द्वारा गोद लिया गया. इसी तरह 2021-2022 तक देश में 2991 बच्चों को गोद लिया गया जबकि विदेशियों ने 414 बच्चों को गोद लिया.

उन्होंने कहा कि 2022-2023 तक देश में गोद लेने की संख्या 3010 है, वहीं विदेशियों के द्वारा गोद लेने वालों की संख्या 431 रही. इसी तरह 2023-2024 तक (10 दिसंबर 2023 तक) देश में 2248 बच्चे गोद लिए गए, जबकि विदेशियों ने 224 बच्चों को गोद लिया. ववहीं सरकार को गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल जटिल औपचारिकताओं के बारे में शिकायतें मिलने के अलावा देश में बच्चे को गोद लने की प्रक्रिया को सरल बनाने को लेकर सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने दत्तक ग्रहण विनियम 2022 को अधिसूचित किया है. उन्होंने बताया कि 23 सितंबर 2022 जिसे किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (2021 में संशोधित) के अनुरूप तैयार किया गया है. इसके अलावा दत्तक ग्रहण विनियम, 2022 को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) और दत्तक ग्रहण एजेंसियों और भावी दत्तक माता-पिता (PAPs) सहित अन्य हितधारकों के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था.

उन्होंने बताया कि न्यायालय के बजाय जिला मजिस्ट्रेटों को दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है, यदि वे इससे कम उम्र के बच्चे को गोद ले रहे हैं तो पीएपी के लिए ऊपरी आयु सीमा को घटाकर 85 वर्ष और एकल पीएपी के लिए 40 वर्ष कर दिया गया है. इसके अलावा बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति निर्धारित करने के लिए निवासी भारतीय (आरआई), अनिवासी भारतीय (एनआरआई), और भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) पीएपी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के लिए सीएआरए द्वारा 2 साल, 7 दिन का गोद लेने का प्रयास शुरू किया गया है. इसी क्रम में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के आधार पर दो से अधिक बच्चों वाले पीएपी सामान्य बच्चे के लिए रेफरल प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं, गोद लेने से पहले, गोद लेने के समय भावी माता-पिता और बड़े बच्चों जैसे सभी प्रासंगिक हितधारकों के लिए अनिवार्य परामर्श निर्धारित किया गया है.

गोद लेने के बाद के चरण, विभिन्न चरणों में समय सीमा जैसे दस दिनों के भीतर एलएफए (गोद लेने के लिए कानूनी रूप से निःशुल्क) अपलोड करना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा पंद्रह दिनों की अवधि के भीतर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की जांच और जिला बाल द्वारा गोद लेने के आवेदन दस्तावेजों का सत्यापन संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) पांच दिनों के भीतर, दो साल की अवधि के बाद पहले से ही पालक देखभाल में गोद लेने वाले बच्चों को गोद लेने पर जोर देती है. पहले पालक देखभाल के तहत 5 साल की अवधि निर्धारित की गई थी, इससे पहले कि बच्चे को पालक माता-पिता द्वारा गोद लिया जा सके, और व्यवधान या विघटन का कारण बनने वाले पीएपी के लिए कड़े उपायों का प्रावधान किया गया है.

एडॉप्शन कोआर्डिनेशन एजेंसी अथवा सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) ने अपनी और दूसरों की देखभाल करना विकसित किया है. इसके अंर्तगत एक मजबूत वेब आधारित प्रबंघन प्रणाली के माध्यम से लिंक बनाने के लिए एक ऑनलाइन गोद लेने का मंच है. इस गोद लेने की प्रणाली में पारदर्शिता लाने और विभिन्न स्तरों पर देरी को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. पोर्टल को और सरल बनाया गया है. संसद को बताया गया कि एडॉप्शन कोआर्डिनेशन एजेंसी अथवा सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के मुताबिक गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल औरचारिकताओं के संबंध में किसी भी औपचारिक शिकायत का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

ये भी पढ़ें - लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से कूदे दो शख्स, सांसदों ने पकड़ा

नई दिल्ली: पिछले तीन साल और चालू वर्ष के दौरान भारतीयों द्वारा कुल 11,391 बच्चों और विदेशियों के द्वारा 1486 बच्चों को गोद लिया गया है. यह जानकारी बुधवार को केंद्र ने संसद के राज्यसभा में दी. इस संबंध में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में सांसद डॉ.कनिमोझी द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी. कनिमोझी ने पिछले तीन साल और चालू साल के दौरान भारतीयों और विदेशियों द्वारा गोद लिए गए बच्चों की संख्या को लेकर सवाल उठाया था. इसमें उन्होंने इस अवधि के दौरान बच्चा गोद लेने की संख्या में वृद्धि के बारे में जानकारी पूछी थी.

इस पर केंद्रीय मंत्री ईरानी ने पिछले तीन साल और वर्तमान साल (10 दिसंबर 2023 तक) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 2020-2021 तक देश में गोद लिए गए बच्चों की संख्या 3142 है, वहीं इसी अवधि के दौरान 417 बच्चों को विदेशियों के द्वारा गोद लिया गया. इसी तरह 2021-2022 तक देश में 2991 बच्चों को गोद लिया गया जबकि विदेशियों ने 414 बच्चों को गोद लिया.

उन्होंने कहा कि 2022-2023 तक देश में गोद लेने की संख्या 3010 है, वहीं विदेशियों के द्वारा गोद लेने वालों की संख्या 431 रही. इसी तरह 2023-2024 तक (10 दिसंबर 2023 तक) देश में 2248 बच्चे गोद लिए गए, जबकि विदेशियों ने 224 बच्चों को गोद लिया. ववहीं सरकार को गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल जटिल औपचारिकताओं के बारे में शिकायतें मिलने के अलावा देश में बच्चे को गोद लने की प्रक्रिया को सरल बनाने को लेकर सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने दत्तक ग्रहण विनियम 2022 को अधिसूचित किया है. उन्होंने बताया कि 23 सितंबर 2022 जिसे किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (2021 में संशोधित) के अनुरूप तैयार किया गया है. इसके अलावा दत्तक ग्रहण विनियम, 2022 को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) और दत्तक ग्रहण एजेंसियों और भावी दत्तक माता-पिता (PAPs) सहित अन्य हितधारकों के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था.

उन्होंने बताया कि न्यायालय के बजाय जिला मजिस्ट्रेटों को दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है, यदि वे इससे कम उम्र के बच्चे को गोद ले रहे हैं तो पीएपी के लिए ऊपरी आयु सीमा को घटाकर 85 वर्ष और एकल पीएपी के लिए 40 वर्ष कर दिया गया है. इसके अलावा बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति निर्धारित करने के लिए निवासी भारतीय (आरआई), अनिवासी भारतीय (एनआरआई), और भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) पीएपी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के लिए सीएआरए द्वारा 2 साल, 7 दिन का गोद लेने का प्रयास शुरू किया गया है. इसी क्रम में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के आधार पर दो से अधिक बच्चों वाले पीएपी सामान्य बच्चे के लिए रेफरल प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं, गोद लेने से पहले, गोद लेने के समय भावी माता-पिता और बड़े बच्चों जैसे सभी प्रासंगिक हितधारकों के लिए अनिवार्य परामर्श निर्धारित किया गया है.

गोद लेने के बाद के चरण, विभिन्न चरणों में समय सीमा जैसे दस दिनों के भीतर एलएफए (गोद लेने के लिए कानूनी रूप से निःशुल्क) अपलोड करना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा पंद्रह दिनों की अवधि के भीतर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की जांच और जिला बाल द्वारा गोद लेने के आवेदन दस्तावेजों का सत्यापन संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) पांच दिनों के भीतर, दो साल की अवधि के बाद पहले से ही पालक देखभाल में गोद लेने वाले बच्चों को गोद लेने पर जोर देती है. पहले पालक देखभाल के तहत 5 साल की अवधि निर्धारित की गई थी, इससे पहले कि बच्चे को पालक माता-पिता द्वारा गोद लिया जा सके, और व्यवधान या विघटन का कारण बनने वाले पीएपी के लिए कड़े उपायों का प्रावधान किया गया है.

एडॉप्शन कोआर्डिनेशन एजेंसी अथवा सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) ने अपनी और दूसरों की देखभाल करना विकसित किया है. इसके अंर्तगत एक मजबूत वेब आधारित प्रबंघन प्रणाली के माध्यम से लिंक बनाने के लिए एक ऑनलाइन गोद लेने का मंच है. इस गोद लेने की प्रणाली में पारदर्शिता लाने और विभिन्न स्तरों पर देरी को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. पोर्टल को और सरल बनाया गया है. संसद को बताया गया कि एडॉप्शन कोआर्डिनेशन एजेंसी अथवा सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के मुताबिक गोद लेने की प्रक्रिया में शामिल औरचारिकताओं के संबंध में किसी भी औपचारिक शिकायत का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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Last Updated : Dec 13, 2023, 4:10 PM IST
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