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आंध्र प्रदेश: नेल्लोर में देश का पांचवां दुर्लभ ऑपरेशन, ठीक हुआ मरीज - नेल्लोर डेक्सट्रोकार्डिया साइटस इनवर्सेज बीमारी

आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल में दुर्लभ बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का ऑपरेशन कर इलाज किया गया. बताया जा रहा है कि यह देश का पांचवां दुर्लभ ऑपरेशन था. रोगी को डेक्सट्रोकार्डिया साइटस इनवर्सेज नामक दुर्लभ हृदय रोग था.

rare operation in Nellore
केरल: नेल्लोर में देश का पांचवां दुर्लभ ऑपरेशन, ठीक हुआ मरीज
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Published : Jul 19, 2022, 12:14 PM IST

नेल्लोर(आंध्र प्रदेश): आमतौर पर अंग उस तरफ होते हैं जहां उन्हें होना चाहिए. लेकिन, नेल्लोर जिले के एक व्यक्ति के लिए यह अलग था. जो अंग दायीं ओर होने चाहिए वो बायीं ओर और जो बायीं ओर होने चाहिए वो दायीं ओर था. डॉक्टरों ने इसकी पहचान की और फिर ऑपरेशन किया. यह सर्जरी सफल रहा. नेल्लोर के मेडिकवर अस्पताल के डॉक्टरों ने डेक्सट्रोकार्डिया साइटस इनवर्सेज नामक एक दुर्लभ हृदय रोगी की सफलतापूर्वक सर्जरी की है.

यह रोग दस हजार लोगों में से एक को होता है. कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. त्रिलोक ने कहा कि 47 वर्षीय तिरुपति रेड्डी सीने में दर्द की शिकायत के साथ उनके पास आये थे. जब आवश्यक परीक्षण किए गए, तो यह देखा गया कि जो अंग दाहिनी ओर होने चाहिए वे बाईं ओर थे और जो बाईं ओर होने चाहिए वे दाईं ओर थे. उन्होंने कहा कि यह समस्या बहुत कम लोगों में होती है.

ये भी पढ़ें- केरल: नीट परीक्षा में लड़कियों को अंडरगार्मेंट उतारने के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज

बताया जाता है कि यह दुनिया में ऐसी 38वीं और देश में पांचवीं सर्जरी है. उन्होंने कहा कि यह दुनिया की 14वीं ऑफ-पंप बीटिंग हार्ट सर्जरी है. अस्पताल के उपाध्यक्ष महेश्वर रेड्डी और केंद्र प्रमुख गणेश ने कहा कि इस दुर्लभ सर्जरी को उन्नत तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की टीम की मदद से सफलतापूर्वक किया गया.

नेल्लोर(आंध्र प्रदेश): आमतौर पर अंग उस तरफ होते हैं जहां उन्हें होना चाहिए. लेकिन, नेल्लोर जिले के एक व्यक्ति के लिए यह अलग था. जो अंग दायीं ओर होने चाहिए वो बायीं ओर और जो बायीं ओर होने चाहिए वो दायीं ओर था. डॉक्टरों ने इसकी पहचान की और फिर ऑपरेशन किया. यह सर्जरी सफल रहा. नेल्लोर के मेडिकवर अस्पताल के डॉक्टरों ने डेक्सट्रोकार्डिया साइटस इनवर्सेज नामक एक दुर्लभ हृदय रोगी की सफलतापूर्वक सर्जरी की है.

यह रोग दस हजार लोगों में से एक को होता है. कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. त्रिलोक ने कहा कि 47 वर्षीय तिरुपति रेड्डी सीने में दर्द की शिकायत के साथ उनके पास आये थे. जब आवश्यक परीक्षण किए गए, तो यह देखा गया कि जो अंग दाहिनी ओर होने चाहिए वे बाईं ओर थे और जो बाईं ओर होने चाहिए वे दाईं ओर थे. उन्होंने कहा कि यह समस्या बहुत कम लोगों में होती है.

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बताया जाता है कि यह दुनिया में ऐसी 38वीं और देश में पांचवीं सर्जरी है. उन्होंने कहा कि यह दुनिया की 14वीं ऑफ-पंप बीटिंग हार्ट सर्जरी है. अस्पताल के उपाध्यक्ष महेश्वर रेड्डी और केंद्र प्रमुख गणेश ने कहा कि इस दुर्लभ सर्जरी को उन्नत तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की टीम की मदद से सफलतापूर्वक किया गया.

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