कुपवाड़ा: भारतीय सेना के जवानों ने सोमवार को कश्मीर घाटी के बर्फीले कुपवाड़ा जिले में पांच किलोमीटर तक एक गर्भवती महिला को अपने कंधे पर बिठाकर अस्पताल पहुंचाया, जिसकी वजह से मां और बच्चे दोनों की जान बचाई जा सकी. सेना के अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना को कालारूस ब्लॉक के बड़ाखेत गांव से सुबह 11:00 बजे महिला के परिवार के सदस्यों से एक आपात कॉल मिली, जिसमें तत्काल चिकित्सा निकासी का अनुरोध किया गया था.
महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए, सेना की बचाव और चिकित्सा टीम ने महिला को लगभग 5 किमी तक बर्फीले रास्ते और लगातार हो रही बर्फबारी के बीच अपने कंधों पर उठा लिया. सूमो ब्रिज के पास जवानों को एक एंबुलेंस मरीज को लेने के लिए खड़ी मिली. महिला सकुशल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलारूस पहुंच गई और एक स्वस्थ बच्चे का जन्म दिया. परिवार और डॉक्टरों ने भारतीय सेना के जवानों को उनके समर्थन और समय पर सहायता देने के लिए आभार व्यक्त किया. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि मां और बच्चा दोनों ठीक हैं.
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5 किमी तक की कड़ी मेहनत के बाद सैनिकों की प्रतिबद्धता और जोश को देखकर परिवार की आंखों में आंसू आ गए. निकासी में किसी भी तरह की देरी से मां और बच्चे दोनों के जीवन को खतरा हो सकता था. अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों और डॉक्टरों द्वारा निस्वार्थ कार्य की व्यापक रूप से सराहना की गई और यह कुपवाड़ा में मजबूत 'आवाम जवान कनेक्ट' का एक सच्चा उदाहरण है. भारी बर्फबारी के कारण सड़कों पर फिसलन हो गई थी और पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया था. उन्होंने कहा कि चूंकि सड़कें संकरी, घुमावदार और खतरनाक थीं, इसलिए कोई निजी वाहन घर तक नहीं पहुंच सकता था.