ETV Bharat / bharat

उद्योगपति रतन टाटा ने किया फोन और बदल गई स्टार्टअप की किस्मत - ratan tata backed company

औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा कई स्टार्टअप कंपनियों को मदद देते रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने स्टार्टअप रेपोस एनर्जी कंपनी में निवेश किया है. इस कंपनी के द्वारा आर्गेनिक कचरे से चलने वाला एक मोबाइल इलेक्ट्रिक वाहन को लॉन्च किया गया है.

िोे्ि
िे्ि
author img

By

Published : Aug 8, 2022, 6:35 PM IST

मुंबई : देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिट्स रतन टाटा देश में कई स्टार्टअप कंपनियों को मदद कर रहे हैं. इन्हीं में से एक है मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी (Repos Energy). रतन टाटा ने पुणे की इस स्टार्टअप कंपनी में निवेश किया है. हाल ही में रेपोस एनर्जी ने ऑर्गेनिक कचरे से चलने वाला एक मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल लॉन्च किया है. कंपनी की फाउंडर अदिति भोसले वालुंज का कहना है कि रतन टाटा के एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत बदल दी थी.

कुछ साल पहले अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने रेपोस एनर्जी को शुरू किया था. लेकिन इसे आगे बढ़ाने के लिए किसी मेंटर की जरूरत है. उन्हें ऐसे आदमी की तलाश थी जिसने पहले भी इस दिशा में काम किया हो. ऐसे में उनके दिमाग में रतन टाटा का नाम आया, लेकिन सबने उन्हें हतोत्साहित किया. उनका कहना था कि रतन टाटा बड़े आदमी हैं और उनसे मिलना संभव नहीं है. लेकिन अदिति ने हार नहीं मानी.

अदिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (LinkedIn) पर लिखे एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने अपने प्रोजेक्ट से जुड़ा एक 3डी प्रेजेंटेशन तैयार किया. इसमें रेपोस एनर्जी के बारे में सबकुछ विस्तार से बताया गया था. इसके बाद उन्होंने इस प्रेजेंटेशन को एक लेटर के साथ रतन टाटा को भेजा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इस पर अदिति और चेतन ने मुंबई जाकर रतन टाटा से मिलने का फैसला किया. वह उनके घर तक पहुंच गए. लेकिन घर के बाहर करीब 12 घंटे तक इंतजार करने के बाद वे वापस अपने होटल आ गए.

अदिति ने कहा कि जब वे होटल वापस आए, तभी एक फोन कॉल आया. अदिति ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आई कि 'हैलो, क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूं.' इस पर अदिति ने पूछा कि आप कौन बोल रहे हैं तो सामने से आवाज आई, 'मैं रतन टाटा बोल रहा हूं, मुझे तुम्हारा लेटर मिला, क्या हम मिल सकते हैं.' अदिति को अपने कानों पर भरोसा नहीं हो रहा था.

अगले दिन अदिति और चेतन टाटा ग्रुप के चेयरमैन से मिले और अपना प्लान बताया. अदिति ने बताया कि तीन घंटे चली मीटिंग में हमने अपने काम और लक्ष्य के बारे में उन्हें बताया. वे तीन घंटे हमारे लिए किसी मेडिटेशन जैसे थे, जहां उन्होंने हमारे विचारों को सुना, अपने अनुभव शेयर किए और हमारा मार्गदर्शन किया. इसके बाद उनकी कंपनी को टाटा ग्रुप की ओर से 2019 में पहला और 2022 में दूसरा निवेश मिला.

ये भी पढ़ें - दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा के परिवार पर फिल्म का एलान, इन 2 कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए मिलाया हाथ

मुंबई : देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिट्स रतन टाटा देश में कई स्टार्टअप कंपनियों को मदद कर रहे हैं. इन्हीं में से एक है मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी (Repos Energy). रतन टाटा ने पुणे की इस स्टार्टअप कंपनी में निवेश किया है. हाल ही में रेपोस एनर्जी ने ऑर्गेनिक कचरे से चलने वाला एक मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल लॉन्च किया है. कंपनी की फाउंडर अदिति भोसले वालुंज का कहना है कि रतन टाटा के एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत बदल दी थी.

कुछ साल पहले अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने रेपोस एनर्जी को शुरू किया था. लेकिन इसे आगे बढ़ाने के लिए किसी मेंटर की जरूरत है. उन्हें ऐसे आदमी की तलाश थी जिसने पहले भी इस दिशा में काम किया हो. ऐसे में उनके दिमाग में रतन टाटा का नाम आया, लेकिन सबने उन्हें हतोत्साहित किया. उनका कहना था कि रतन टाटा बड़े आदमी हैं और उनसे मिलना संभव नहीं है. लेकिन अदिति ने हार नहीं मानी.

अदिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (LinkedIn) पर लिखे एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने अपने प्रोजेक्ट से जुड़ा एक 3डी प्रेजेंटेशन तैयार किया. इसमें रेपोस एनर्जी के बारे में सबकुछ विस्तार से बताया गया था. इसके बाद उन्होंने इस प्रेजेंटेशन को एक लेटर के साथ रतन टाटा को भेजा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इस पर अदिति और चेतन ने मुंबई जाकर रतन टाटा से मिलने का फैसला किया. वह उनके घर तक पहुंच गए. लेकिन घर के बाहर करीब 12 घंटे तक इंतजार करने के बाद वे वापस अपने होटल आ गए.

अदिति ने कहा कि जब वे होटल वापस आए, तभी एक फोन कॉल आया. अदिति ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आई कि 'हैलो, क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूं.' इस पर अदिति ने पूछा कि आप कौन बोल रहे हैं तो सामने से आवाज आई, 'मैं रतन टाटा बोल रहा हूं, मुझे तुम्हारा लेटर मिला, क्या हम मिल सकते हैं.' अदिति को अपने कानों पर भरोसा नहीं हो रहा था.

अगले दिन अदिति और चेतन टाटा ग्रुप के चेयरमैन से मिले और अपना प्लान बताया. अदिति ने बताया कि तीन घंटे चली मीटिंग में हमने अपने काम और लक्ष्य के बारे में उन्हें बताया. वे तीन घंटे हमारे लिए किसी मेडिटेशन जैसे थे, जहां उन्होंने हमारे विचारों को सुना, अपने अनुभव शेयर किए और हमारा मार्गदर्शन किया. इसके बाद उनकी कंपनी को टाटा ग्रुप की ओर से 2019 में पहला और 2022 में दूसरा निवेश मिला.

ये भी पढ़ें - दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा के परिवार पर फिल्म का एलान, इन 2 कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए मिलाया हाथ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.