ETV Bharat / bharat

Hospital Negligence : कोटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज के ऑक्सीजन मास्क में लगी आग, मौत पर परिजन और अस्पताल प्रबंधन आमने सामने

कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद हंगामा हुआ है. जिसके मुंह, चेहरा, गर्दन और छाती झुलसे मिले हैं. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन मास्क में आग लगने की वजह से उसके मरीज की मौत हुई है जिससे अस्पताल प्रबंधन इनकार कर रहा है.

कोटा मेडिकल कॉलेज
कोटा मेडिकल कॉलेज
author img

By

Published : Jul 13, 2023, 12:52 PM IST

Updated : Jul 13, 2023, 1:31 PM IST

कोटा. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा हुआ है. जिसका मुंह, चेहरा, गर्दन और छाती झुलसे हुए मिले हैं. परिजनों का कहना है कि उपचार के दौरान ऑक्सीजन मास्क में अचानक आग लगने से वैभव शर्मा का चेहरा झुलस गया और उसकी मौत हो गई है. बुधवार देर रात को हंगामा के बाद मरीज के शव को मॉर्चरी में शिफ्ट किया गया. जहां पर आज बड़ी संख्या में मरीज के परिचित और रिश्तेदार एकत्रित हो गए हैं. ये लोग अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की मौत पहले ही हो गई थी. इसके बाद आग लगने की घटना हुई है.

मामले के अनुसार अनंतपुरा निवासी वैभव शर्मा मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतुल शर्मा की यूनिट में भर्ती था. मरीज चार-पांच दिन पहले पेट की आंत फटने की वजह से अस्पताल में भर्ती हुआ था. जिसका ऑपरेशन भी डॉ अतुल शर्मा ने ही किया था. बुधवार देर रात करीब 11:30 बजे मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. तभी उसे ऑक्सीजन मास्क लगाया गया था और इलेक्ट्रिक शॉक देते समय अचानक मास्क में आग लग गई. जिसकी वजह से उसका मुंह, चेहरा, गर्दन और छाती झुलस गया. जब तक मास्क को हटाते तब तक काफी देर हो चुकी थी. वैभव के शरीर पर जलने के निशान आ गए हैं.

मरीज के परिचित और ब्राह्मण कल्याण परिषद के संयोजक अनिल तिवारी का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की इस मामले में घोर लापरवाही है. अस्पताल को अपने उपकरण दुरुस्त रखने चाहिए. वैभव शर्मा का इलाज हो रहा था और वह ठीक ठाक कंडीशन में भी था. इसके बावजूद इस हादसे की वजह से ही उसकी मौत हुई है. ऐसे में वैभव शर्मा के परिजनों को न्याय मिलना चाहिए. इस मामले में पुलिस को अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

पढ़ें निजी अस्पताल में महिला की मौत पर हंगामा, परिजनों का आरोप डॉक्टरों ने पथरी की जगह बच्चेदानी का किया ऑपरेशन

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना का कहना है कि इस पूरे मामले में उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से तथ्यात्मक टिप्पणी मांगी है. साथ ही मामले की जांच भी करवाएंगी. दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से जो जानकारी उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने दी है. उसके अनुसार मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी. इसलिए उसे ऑक्सीजन सपोर्ट देकर वेंटिलेटर लगाया जा रहा था. उस दौरान मरीज की मौत हो चुकी थी, लेकिन चिकित्सकों ने एक बार उसे सीपीआर देकर बचाने का प्रयास किया. साथ ही इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए जा रहे थे. तभी एक चिंगारी इलेक्ट्रिक शॉक से निकली और वह ऑक्सीजन मास्क पर चली गई. इसी के चलते हल्की-फुल्की आग लगी थी, लेकिन मरीज की मौत पहले ही हो चुकी थी. इस आग लगने की वजह से मरीज की मौत नहीं हुई है.

कोटा. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा हुआ है. जिसका मुंह, चेहरा, गर्दन और छाती झुलसे हुए मिले हैं. परिजनों का कहना है कि उपचार के दौरान ऑक्सीजन मास्क में अचानक आग लगने से वैभव शर्मा का चेहरा झुलस गया और उसकी मौत हो गई है. बुधवार देर रात को हंगामा के बाद मरीज के शव को मॉर्चरी में शिफ्ट किया गया. जहां पर आज बड़ी संख्या में मरीज के परिचित और रिश्तेदार एकत्रित हो गए हैं. ये लोग अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की मौत पहले ही हो गई थी. इसके बाद आग लगने की घटना हुई है.

मामले के अनुसार अनंतपुरा निवासी वैभव शर्मा मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतुल शर्मा की यूनिट में भर्ती था. मरीज चार-पांच दिन पहले पेट की आंत फटने की वजह से अस्पताल में भर्ती हुआ था. जिसका ऑपरेशन भी डॉ अतुल शर्मा ने ही किया था. बुधवार देर रात करीब 11:30 बजे मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. तभी उसे ऑक्सीजन मास्क लगाया गया था और इलेक्ट्रिक शॉक देते समय अचानक मास्क में आग लग गई. जिसकी वजह से उसका मुंह, चेहरा, गर्दन और छाती झुलस गया. जब तक मास्क को हटाते तब तक काफी देर हो चुकी थी. वैभव के शरीर पर जलने के निशान आ गए हैं.

मरीज के परिचित और ब्राह्मण कल्याण परिषद के संयोजक अनिल तिवारी का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की इस मामले में घोर लापरवाही है. अस्पताल को अपने उपकरण दुरुस्त रखने चाहिए. वैभव शर्मा का इलाज हो रहा था और वह ठीक ठाक कंडीशन में भी था. इसके बावजूद इस हादसे की वजह से ही उसकी मौत हुई है. ऐसे में वैभव शर्मा के परिजनों को न्याय मिलना चाहिए. इस मामले में पुलिस को अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

पढ़ें निजी अस्पताल में महिला की मौत पर हंगामा, परिजनों का आरोप डॉक्टरों ने पथरी की जगह बच्चेदानी का किया ऑपरेशन

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना का कहना है कि इस पूरे मामले में उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से तथ्यात्मक टिप्पणी मांगी है. साथ ही मामले की जांच भी करवाएंगी. दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से जो जानकारी उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने दी है. उसके अनुसार मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी. इसलिए उसे ऑक्सीजन सपोर्ट देकर वेंटिलेटर लगाया जा रहा था. उस दौरान मरीज की मौत हो चुकी थी, लेकिन चिकित्सकों ने एक बार उसे सीपीआर देकर बचाने का प्रयास किया. साथ ही इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए जा रहे थे. तभी एक चिंगारी इलेक्ट्रिक शॉक से निकली और वह ऑक्सीजन मास्क पर चली गई. इसी के चलते हल्की-फुल्की आग लगी थी, लेकिन मरीज की मौत पहले ही हो चुकी थी. इस आग लगने की वजह से मरीज की मौत नहीं हुई है.

Last Updated : Jul 13, 2023, 1:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.