ETV Bharat / bharat

किस्मत की मेहरबानी : यूएई में सुनाई गई थी फांसी की सजा, आज सुरक्षित लौटा भारत - Release from death penalty

त्रिशूर के मूल निवासी बेक्स कृष्णन को अबू धाबी जेल में मौत की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद एक कारोबारी की मदद से उन्हें रिहा कराया गया. आखिरकार अब वे केरल पहुंच गए हैं.

bex
bex
author img

By

Published : Jun 9, 2021, 9:23 PM IST

कोच्चि : यूएई में हत्या मामले में मौत की सजा से मुक्त होने के बाद बुधवार को यहां पहुंचे 45 वर्षीय भारतीय ने कहा कि उसकी रिहाई उसके लिए 'दूसरा जीवन' लेकर आई है.

एतिहाद से केरल पहुंचे बेक्स मंगलवार को यूएई के समयानुसार रात 8.32 बजे अबू धाबी से रवाना हुई फ्लाइट से भारत के केरल पहुंचे. वह नौ साल बाद अपने परिजनों से मिले जिस पर उन्होंने खुशी व्यक्त की.

बेक्स कृष्णनन नामक इस व्यक्ति को साल 2012 में यूएई में सड़क दुर्घटना में सूडान के एक युवक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि प्रतिष्ठित एनआरआई कारोबारी व परोपकारी एम ए यूसुफ अली ने कृष्णन की मदद करते हुए लगभग एक करोड़ रुपये का हर्जाना भरा, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

त्रिशूर के निवासी कृष्णन को बुधवार तड़के अबूधाबी से यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया. उनकी पत्नी वीना तथा बेटा अद्वैथ, रिश्तेदार व दोस्त उन्हें लेने हवाई अड्डे पर पहुंचे.

कृष्णन ने मीडिया से कहा, जब मुझे पता चला कि यूसुफ अली ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है तो मुझे राहत मिली. यह मेरा दूसरा जीवन है. मैं यूसुफ अली का आभारी हूं. वह कई महीने से पीड़ित के परिवार से बात कर रहे थे.

इस बीच, अली ने एक बयान में कहा कि सूडानी लड़के के परिवार को कृष्णन को माफी देने के लिए मनाने के बाद उन्होंने जनवरी में अबूधाबी की एक अदालत में पांच लाख दिरहम जमा किए थे.

बयान में कहा गया है, हमें माता-पिता दोनों को मनाना था और इसमें कई महीने लग गए. शुरुआत में यह मुश्किल था, क्योंकि लड़के की मां चाहती थी कि कानून अपना काम करे. कृष्णन को माफी देने के लिए उन्हें मनाना मुश्किल था.

पढ़ें :- NRI कारोबारी ने ₹1 करोड़ देकर भारतीय नागरिक को फांसी की सजा से बचाया

सितंबर 2012 में कृष्णन ने अपनी कार से बच्चों के समूह को टक्कर मार दी थी, जिसमें सूडान के एक युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद यूएई के उच्चतम न्यायालय ने कृष्णन को मौत की सजा सुनाई थी. तब से कृष्णन का परिवार और उनके दोस्त उन्हें रिहा कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी. इसकी एक खास वजह यह भी थी कि मृतक का परिवार सूडान चला गया था, जिसके चलते माफी पर किसी भी तरह की बातचीत पर विराम लग गया था.

कृष्णन का परिवार लूलू ग्रुप के चेयरमैन यूसुफ अली के पास गया, जिन्होंने मामले की जानकारी हासिल की और सभी पक्षकारों को संपर्क में रहने को कहा.

अंतत: जनवरी 2021 में सूडान में पीड़ित के परिवार ने कृष्णन को माफी दे दी. इसके बाद यूसुफ अली ने कृष्णन की रिहाई के लिए मुआवजे के तौर पर अदालत में पांच लाख दिरहम (लगभग एक करोड़ रुपये) जमा कराए.

अबूधाबी में स्थित लूलू ग्रुप, लूलू हाइपरमार्केट और शॉपिंग मॉल पर स्वामित्व रखता है. यह समूह मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) क्षेत्र के शीर्ष रिटेलरों में शुमार है.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : यूएई में हत्या मामले में मौत की सजा से मुक्त होने के बाद बुधवार को यहां पहुंचे 45 वर्षीय भारतीय ने कहा कि उसकी रिहाई उसके लिए 'दूसरा जीवन' लेकर आई है.

एतिहाद से केरल पहुंचे बेक्स मंगलवार को यूएई के समयानुसार रात 8.32 बजे अबू धाबी से रवाना हुई फ्लाइट से भारत के केरल पहुंचे. वह नौ साल बाद अपने परिजनों से मिले जिस पर उन्होंने खुशी व्यक्त की.

बेक्स कृष्णनन नामक इस व्यक्ति को साल 2012 में यूएई में सड़क दुर्घटना में सूडान के एक युवक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि प्रतिष्ठित एनआरआई कारोबारी व परोपकारी एम ए यूसुफ अली ने कृष्णन की मदद करते हुए लगभग एक करोड़ रुपये का हर्जाना भरा, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

त्रिशूर के निवासी कृष्णन को बुधवार तड़के अबूधाबी से यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया. उनकी पत्नी वीना तथा बेटा अद्वैथ, रिश्तेदार व दोस्त उन्हें लेने हवाई अड्डे पर पहुंचे.

कृष्णन ने मीडिया से कहा, जब मुझे पता चला कि यूसुफ अली ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है तो मुझे राहत मिली. यह मेरा दूसरा जीवन है. मैं यूसुफ अली का आभारी हूं. वह कई महीने से पीड़ित के परिवार से बात कर रहे थे.

इस बीच, अली ने एक बयान में कहा कि सूडानी लड़के के परिवार को कृष्णन को माफी देने के लिए मनाने के बाद उन्होंने जनवरी में अबूधाबी की एक अदालत में पांच लाख दिरहम जमा किए थे.

बयान में कहा गया है, हमें माता-पिता दोनों को मनाना था और इसमें कई महीने लग गए. शुरुआत में यह मुश्किल था, क्योंकि लड़के की मां चाहती थी कि कानून अपना काम करे. कृष्णन को माफी देने के लिए उन्हें मनाना मुश्किल था.

पढ़ें :- NRI कारोबारी ने ₹1 करोड़ देकर भारतीय नागरिक को फांसी की सजा से बचाया

सितंबर 2012 में कृष्णन ने अपनी कार से बच्चों के समूह को टक्कर मार दी थी, जिसमें सूडान के एक युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद यूएई के उच्चतम न्यायालय ने कृष्णन को मौत की सजा सुनाई थी. तब से कृष्णन का परिवार और उनके दोस्त उन्हें रिहा कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी. इसकी एक खास वजह यह भी थी कि मृतक का परिवार सूडान चला गया था, जिसके चलते माफी पर किसी भी तरह की बातचीत पर विराम लग गया था.

कृष्णन का परिवार लूलू ग्रुप के चेयरमैन यूसुफ अली के पास गया, जिन्होंने मामले की जानकारी हासिल की और सभी पक्षकारों को संपर्क में रहने को कहा.

अंतत: जनवरी 2021 में सूडान में पीड़ित के परिवार ने कृष्णन को माफी दे दी. इसके बाद यूसुफ अली ने कृष्णन की रिहाई के लिए मुआवजे के तौर पर अदालत में पांच लाख दिरहम (लगभग एक करोड़ रुपये) जमा कराए.

अबूधाबी में स्थित लूलू ग्रुप, लूलू हाइपरमार्केट और शॉपिंग मॉल पर स्वामित्व रखता है. यह समूह मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) क्षेत्र के शीर्ष रिटेलरों में शुमार है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.