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जानिए, क्यों यह परिवार डेढ़ साल से नहीं निकला घर से बाहर

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Published : Jul 19, 2021, 9:42 PM IST

आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में एक परिवार डेढ़ साल से क्वारंटाइन में रह रहा था. ऐसा करने के पीछे परिवार की क्या मजबूरी थी, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर....

सेल्फ क्वारंटाइन में एक परिवार
सेल्फ क्वारंटाइन में एक परिवार

विशाखापत्तनम : कोरोना वायरस (Corona Virus) का डर इस कदर छाया कि एक परिवार ने खुद को डेढ़ साल तक क्वारंटाइन कर लिया. ऐसी हैरान कर देने वाली घटना आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले (East Godavari district in Andhra Pradesh) की है. राजोलू मंडल (Rajolu mandal) में सेल्फ क्वारंटाइन (self quarantine) में रह रहे इस परिवार में तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं.

दोनों पुरुष अति आवश्यक पड़ने पर ही बाहर जाते थे, जबकि, क्वारंटाइन के दौरान पिता के दिव्यांग पेंशन और राशन (handicapped pension and rations) पर ही परिवार पल रहा था. वहीं, सरकार की ओर से उन्हें आवास भूमि आवंटित है.

सेल्फ क्वारंटाइन में परिवार
सेल्फ क्वारंटाइन में परिवार

हाल ही में, पंचायत कर्मचारी (panchayat staff) उनके घर पहुंच गए और परिवार के एक महिला सदस्य से बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट (biometric‌ fingerprint) मांगा. तभी परिवार की बाकी महिलाएं भी आ गईं और पंचायत कर्मचारियों को वहां से चले जाने को कहा.

पढ़ें : कोविड के नए 80 प्रतिशत नए मामलों के लिए वायरस का डेल्टा स्वरूप जिम्मेदार: विशेषज्ञ

पंचायत कर्मचारियों के काफी कहने के बाद भी महिलाएं किसी भी सूरत में बाहर नहीं निकलीं. जिसके बाद गांव के सरपंच ने पुलिस को इस बारे में सूचित किया. खबर पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और परिवार को उनके घर से बाहर निकलने को मजबूर की.

पुलिस एसआई कृष्णमाचारी (SI Krishnamachari) ने बताया कि डेढ़ साल से क्वारंटाइन में रहकर महिलाओं का मानसिक संतूलन बिगड़ गया है. वहीं, परिवार के कुछ सदस्य कुपोषण (malnutrition) से पीड़ित हैं. सभी को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

विशाखापत्तनम : कोरोना वायरस (Corona Virus) का डर इस कदर छाया कि एक परिवार ने खुद को डेढ़ साल तक क्वारंटाइन कर लिया. ऐसी हैरान कर देने वाली घटना आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले (East Godavari district in Andhra Pradesh) की है. राजोलू मंडल (Rajolu mandal) में सेल्फ क्वारंटाइन (self quarantine) में रह रहे इस परिवार में तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं.

दोनों पुरुष अति आवश्यक पड़ने पर ही बाहर जाते थे, जबकि, क्वारंटाइन के दौरान पिता के दिव्यांग पेंशन और राशन (handicapped pension and rations) पर ही परिवार पल रहा था. वहीं, सरकार की ओर से उन्हें आवास भूमि आवंटित है.

सेल्फ क्वारंटाइन में परिवार
सेल्फ क्वारंटाइन में परिवार

हाल ही में, पंचायत कर्मचारी (panchayat staff) उनके घर पहुंच गए और परिवार के एक महिला सदस्य से बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट (biometric‌ fingerprint) मांगा. तभी परिवार की बाकी महिलाएं भी आ गईं और पंचायत कर्मचारियों को वहां से चले जाने को कहा.

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पंचायत कर्मचारियों के काफी कहने के बाद भी महिलाएं किसी भी सूरत में बाहर नहीं निकलीं. जिसके बाद गांव के सरपंच ने पुलिस को इस बारे में सूचित किया. खबर पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और परिवार को उनके घर से बाहर निकलने को मजबूर की.

पुलिस एसआई कृष्णमाचारी (SI Krishnamachari) ने बताया कि डेढ़ साल से क्वारंटाइन में रहकर महिलाओं का मानसिक संतूलन बिगड़ गया है. वहीं, परिवार के कुछ सदस्य कुपोषण (malnutrition) से पीड़ित हैं. सभी को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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