कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों की हत्या के मामले की जांच में आज डीआईजी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में दिल्ली के सीएफएसएल विशेषज्ञों सहित सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम शामिल हुई. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट इलाके में आठ लोगों की हत्या के मामले में जांच की जिम्मेदारी शुक्रवार को संभाल ली थी. मामले की निगरानी संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी कर रहे हैं (case is monitored by Joint Director-level officer).
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West Bengal | A 15-member CBI team including CFSL experts from Delhi led by (DIG) ranked officer joins the Rampurahat, #Birbhum killing case. The case is monitored by Joint Director-level officer.
— ANI (@ANI) March 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">West Bengal | A 15-member CBI team including CFSL experts from Delhi led by (DIG) ranked officer joins the Rampurahat, #Birbhum killing case. The case is monitored by Joint Director-level officer.
— ANI (@ANI) March 26, 2022West Bengal | A 15-member CBI team including CFSL experts from Delhi led by (DIG) ranked officer joins the Rampurahat, #Birbhum killing case. The case is monitored by Joint Director-level officer.
— ANI (@ANI) March 26, 2022
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों की हत्या के मामले में जांच की जिम्मेदारी शुक्रवार को संभाल ली थी. इससे पहले बीरभूम की हिंसा को समाज की चेतना को झकझोर देने वाला बताते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को राज्य पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में लेने और सुनवाई की अगली तारीख सात अप्रैल को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने बुधवार को मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. अदालत ने कहा कि तथ्य और परिस्थितियों की मांग है कि न्याय के हित और समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जांच सीबीआई को सौंपी जाए.
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के आठ विशेषज्ञों के साथ एक टीम पहले ही भेज दी है जो वारदात स्थल का दौरा कर चुकी है. गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार तड़के अज्ञात बदमाशों ने कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा दी, जिसमें दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.
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कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले का विपक्षी दलों ने स्वागत किया और आरोप लगाया कि राज्य पुलिस, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है तथा इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है. वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार के मातहत काम कर रही एजेंसी पर निष्पक्ष जांच को लेकर भरोसा किया जा सकता है. उसने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों को घेरने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल करती रही है.