समस्तीपुर: जिले के सरकारी विद्यालयों में सरकार शिक्षा सुधार करने का दावा तो प्रतिदिन करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मामला तब प्रकाश में तब आया जब खानपुर प्रखंड के उप प्रमख अमरेंद्र कुमार यादव ने विद्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान छात्राओं और शिक्षिका से जब पूछा गया कि देश के प्रधानमंत्री का नाम क्या है तो उनका जवाब सुन सभी अचरज में पड़ गए.
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9वीं कक्षा के छात्रों के नहीं मालूम पीएम का नाम: खानपुर प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय खानपुर दक्षिणी में पढ़ने वाले नौवीं की छात्रा को भारत के प्रधानमंत्री का नाम नहीं मालूम है. वहीं यहां पढ़ाने वाले शिक्षक पढ़े लिखे हैं, लेकिन उनका ज्ञान भी छात्रों जितना ही है या कहें कि उनसे भी कम है. छात्रा से जब पूछा गया कि देश के प्रधानमंत्री का क्या नाम है तो उसने जवाब में नीतीश कुमार कहा. वहीं जब छात्रा से बिहार के मुख्यमंत्री का नाम पूछा गया तो वह इसका जवाब नहीं दे सकी.
"देश के प्रधानमंत्री का नाम नीतीश कुमार है. मैं खानपुर प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय खानपुर दक्षिणी में पढ़ती हूं."- आरती कुमारी, छात्रा, 9वीं क्लास
![न](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-08-2023/bh-sam-01-school-pkg-vis-byte-bh10021_08082023121020_0808f_1691476820_155.jpg)
शिक्षिका की अज्ञानता भी हुई उजागर: वहीं दूसरा मामला राजकीय नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कारू स्थान मधुबन का है, जहां पढ़ाने वाली शिक्षिका अनिता कुमारी बीए पास हैं लेकिन इन्हें बीए का फुल फॉर्म नहीं पता है. साथ ही इन्हें भी देश के प्रधानमंत्री का नाम नहीं मालूम है. सबसे हैरत की बात यह है कि अभी एक हफ्ते के बाद 15 अगस्त सभी लोग धूमधाम से मनाएंगे. 15 अगस्त किस रूप में मनाया जाता है इस बारे में सभी को जानकारी है लेकिन यहां की शिक्षिक को इस बारे में जानकारी नहीं है.
"मैं पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाती हूं. बीए का फुल फॉर्म ग्रेजुएशन होता है. प्रधानमंत्री का डॉक्टर नरेंद्र है. 15 अगस्त गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है."- अनिता कुमारी,शिक्षिका,राजकीय नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कारू
![उप प्रमुख ने किया विद्यालय का औचक निरीक्षण](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-08-2023/bh-sam-01-school-pkg-vis-byte-bh10021_08082023121020_0808f_1691476820_510.jpg)
उप प्रमुख ने कही ये बात: इनके जवाब सुनकर आप हैरानी में पड़ जाएंगे. इन शिक्षकों के बदौलत पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य क्या होगा खुद ही अंदाजा आप लगा सकते हैं. निरीक्षण के दौरान अमरेंद्र कुमार यादव ने विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं शिक्षकों से जानकारी प्राप्त की तो यह काला सच सामने आया. हालांकि इस मामले को लेकर उप प्रमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि 'इस संबंध में शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों से बात की जाएगी. जल्द ही इस समस्या के निदान को लेकर कठोर कदम उठाया जाएगा.'
अब देखना लाजमी है इस इलाके में शिक्षा का स्तर कब तक सुधरता है. सुदूर ग्रामीण इलाके के बच्चे ऐसे ही अनपढ़ गुरुजी से शिक्षा का ज्ञान पाते रहेंगे तो उनके भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है. बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से बच्चे पहले ही जूझते रहते हैं और कहीं शिक्षक आते भी हैं तो उनकी अज्ञानता से बच्चों का भविष्य उज्जवल होना असंभव है.