अयोध्या: जिला जेल में 5 साल की सजा पूरी कर चुके 98 साल के वृद्ध संत को स्थानीय जेल अधीक्षक और एक समाजसेवी भाजपा नेता की मदद से रिहा कराया गया. रिहा होने के बाद जेल अधीक्षक ने अपने कार्यालय में संत को शाल और अंगवस्त्र देकर ससम्मान विदा किया और अपनी सरकारी पुलिस जीप से उनके आश्रम तक पहुंचाया. जेल प्रशासन कि इस मानवीय पहल को स्थानीय लोग काफी सराह रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि साल 2016 में मारपीट के एक मामले में कुमारगंज के आश्रम में हुई घटना को लेकर वयोवृद्ध संत राम सूरत पर आरोप तय हुआ था और उन्हें 5 साल की सजा हुई थी. इसके बाद सजा की अवधि पूरी होने के बाद भी संतराम सूरत की रिहाई नहीं हो पाई थी. साल 2021 में संतराम सूरत की सजा की अवधि पूरी हो गई थी लेकिन कोरोना कॉल के चलते रिहाई नहीं हो पाई थी. स्थानीय भाजपा नेता शैलेंद्र मोहन मिश्र द्वारा 11500 रुपए जुर्माने की राशि जमा करने के बाद संतराम सूरत को जेल से रिहा कर दिया गया है.
पुलिस की जीप से जेल से आश्रम तक ले जाया गया
वृद्ध संत की रिहाई पर जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने अपने कार्यालय में संत को माला पहनाई. शॉल और अंग वस्त्र, मिठाई दी. इसके अलावा उनके द्वारा जमा किए गए 9500 रुपये देकर उन्हें विदा किया. खराब मौसम और वृद्ध कैदी की अवस्था को देखते हुए जेल अधीक्षक ने अपनी जीप से संत राम सूरत को उनके आश्रम अयोध्या के बाबा रघुनाथ दास बड़ी छावनी की तरफ रवाना किया. यह पूरा मामला इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल है और इसका वीडियो देखकर लोग जेल प्रशासन की तारीफ कर रहे हैं.
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