रांची: प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती, इन अल्फाजों को सच कर दिखाया है रांची के 9 साल के आइवान ने. जिनका चयन रोम में होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाषण के लिए हुआ है. रांची के हेहल डेलाटोली के रहने वाले 9 वर्षीय आइवान अभय मिंज डीएसपीएमयू के प्रोफेसर के बेटे हैं.
रांची के हेहल डेलाटोली के रहने वाले हैं आइवान
राजधानी रांची के हेहल डेलाटोली के रहने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी के प्रोफेसर अभय सागर मिंज के 9 वर्षीय बेटे आइवान अभय मिंज को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाषण के लिए चुना गया है. आइवान को फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन्स फूड समिट और ग्लोबल इंडीजेनस यूथ फोरम के संयुक्त तत्वाधान में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन रोम में 16 से 18 जून तक आयोजित होगा, जिसमें आइवान ऑनलाइन जुड़ेंगे.
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9 वर्षीय आइवान की उपलब्धि
आइवान अभय मिंज को आदिवासी देशज ज्ञान में महारत हासिल किया है. आइवान के पिता डॉ अभय सागर मिंज एंथ्रोपोलॉजी के शिक्षक हैं और उनकी मां भी एक शिक्षिका हैं. उन्होंने अपने माता-पिता से कई तरह का शिक्षा भी हासिल की है. आइवान इस समिट में आदिवासियों के देशज ज्ञान और खेती पर चर्चा करेगें. आइवान के पिता अभय सागर ने बताया कि आइवान पारंपरिक सरना प्रार्थना भी करेगा और इसकी तैयारी वह कर रहा है, इस दौरान आइवान जनजातीय देशज ज्ञान और खेती पर भी वक्तव्य देगा.
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देश और प्रदेश का नाम किया रोशन
जानकारी के मुताबिक आइवान के नाम की अनुशंसा एफेड के निदेशक अनीश श्रेष्ठा ने की है, जो ग्लोबल इंडीजेनस यूथ फोरम में सदस्य भी हैं. आदिवासी समुदाय के लोगों को आगे बढ़ाने में उनका अहम योगदान रहा है. एक बार फिर झारखंड के 9 वर्षीय आइवान ने अपनी प्रतिभा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है.
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