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वामपंथी उग्रवाद के कारण पिछले पांच सालों में 870 मौतें, छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 503 मौतें: गृह मंत्रालय - गृह मंत्रालय

केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि एलडब्ल्यूई (वामपंथी उग्रवाद) से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी आई है, जो कि 2010 से तुलना के मुकाबले 2022 में कम है.

Minister of State for Home Nityanand Rai
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय
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Published : Aug 8, 2023, 5:19 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि साल 2010 की तुलना में 2022 में LWE (वामपंथी उग्रवाद) से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि परिणामी मौतें (नागरिक + सुरक्षा बल) 2010 में 1,005 के उच्चतम स्तर से 90 प्रतिशत कम होकर 2022 में 98 हो गई हैं. यह जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को लोकसभा में उपलब्ध कराई गई.

मंत्रालय द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में वामपंथी हिंसा (नागरिक + सुरक्षा बल) से संबंधित मौतों की 870 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 2018 में 240, 2019 में 202, 2020 में 183, 2021 में 147 और 2022 में 98 घटनाएं शामिल हैं. इन 870 मौतों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा मौतें छत्तीसगढ़ में दर्ज की गई हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 503 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 2018 में 153, 2019 में 77, 2020 में 111, 2021 में 101 और 2022 में 61 मौतें शामिल हैं. वहीं झारखंड में कुल 174 मौतों में से 2018 में 43, 2019 में 54, 2020 में 39, 2021 में 26 और 2022 में 12 मौतें दर्ज की गई हैं.

LWE के कारण होने वाली कुल घटनाओं के संदर्भ में, 2018 में 833, 2019 में 670, 2020 में 665, 2021 में 509 और 2022 में 531 के साथ LWE से संबंधित कुल 3,208 घटनाएं दर्ज की गईं. इन 3,208 घटनाओं में से, लगभग 50 प्रतिशत मामले छत्तीसगढ़ से दर्ज किए गए हैं. इनमें 2018 में 392, 2019 में 263, 2020 में 315, 2021 में 255 और 2022 में 305 मामले दर्ज किए गए हैं.

इसके बाद झारखंड में 2018 में 205, 2019 में 200, 2020 में 199, 2021 में 130, 2022 में 132 और अन्य शामिल हैं. यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में सामने आई, जब कुछ सांसदों ने वामपंथी उग्रवाद के संबंध में जानकारी मांगी थी. राय ने पिछले पांच वर्षों के दौरान वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विशिष्ट सुरक्षा उपायों पर एक सवाल पर यह बात कही.

उन्होंने कहा कि पिछले 05 वर्षों के दौरान विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस), सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजनाओं के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों की क्षमता निर्माण के लिए 4,931 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

राय ने बताया कि इसके अलावा, एलडब्ल्यूई प्रबंधन के लिए केंद्रीय एजेंसियों की सहायता (एसीएलडब्ल्यूईएम) योजना के तहत, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों में हेलीकॉप्टरों के उपयोग और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को 764 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि साल 2010 की तुलना में 2022 में LWE (वामपंथी उग्रवाद) से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि परिणामी मौतें (नागरिक + सुरक्षा बल) 2010 में 1,005 के उच्चतम स्तर से 90 प्रतिशत कम होकर 2022 में 98 हो गई हैं. यह जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को लोकसभा में उपलब्ध कराई गई.

मंत्रालय द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में वामपंथी हिंसा (नागरिक + सुरक्षा बल) से संबंधित मौतों की 870 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 2018 में 240, 2019 में 202, 2020 में 183, 2021 में 147 और 2022 में 98 घटनाएं शामिल हैं. इन 870 मौतों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा मौतें छत्तीसगढ़ में दर्ज की गई हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 503 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 2018 में 153, 2019 में 77, 2020 में 111, 2021 में 101 और 2022 में 61 मौतें शामिल हैं. वहीं झारखंड में कुल 174 मौतों में से 2018 में 43, 2019 में 54, 2020 में 39, 2021 में 26 और 2022 में 12 मौतें दर्ज की गई हैं.

LWE के कारण होने वाली कुल घटनाओं के संदर्भ में, 2018 में 833, 2019 में 670, 2020 में 665, 2021 में 509 और 2022 में 531 के साथ LWE से संबंधित कुल 3,208 घटनाएं दर्ज की गईं. इन 3,208 घटनाओं में से, लगभग 50 प्रतिशत मामले छत्तीसगढ़ से दर्ज किए गए हैं. इनमें 2018 में 392, 2019 में 263, 2020 में 315, 2021 में 255 और 2022 में 305 मामले दर्ज किए गए हैं.

इसके बाद झारखंड में 2018 में 205, 2019 में 200, 2020 में 199, 2021 में 130, 2022 में 132 और अन्य शामिल हैं. यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में सामने आई, जब कुछ सांसदों ने वामपंथी उग्रवाद के संबंध में जानकारी मांगी थी. राय ने पिछले पांच वर्षों के दौरान वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विशिष्ट सुरक्षा उपायों पर एक सवाल पर यह बात कही.

उन्होंने कहा कि पिछले 05 वर्षों के दौरान विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस), सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजनाओं के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों की क्षमता निर्माण के लिए 4,931 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

राय ने बताया कि इसके अलावा, एलडब्ल्यूई प्रबंधन के लिए केंद्रीय एजेंसियों की सहायता (एसीएलडब्ल्यूईएम) योजना के तहत, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों में हेलीकॉप्टरों के उपयोग और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को 764 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

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