करनाल: सोमवार को IGNOU का 36वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में बीए की डिग्री हासिल करने के लिए 18 से 81 साल की उम्र के छात्र करनाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में पहुंचे थे. लेकिन उस वक्त सभी चौंक गए जब सेना से सेवानिवृत्त सिरसा के रहने वाले 81 साल के छात्र लाल सिंह गोधरा ग्रेजुएशन की डिग्री लेने वहां पहुंचे.
जानिए कौन है 81 साल के छात्र: बता दें कि लाल सिंह गोधरा मिडिल की परीक्षा पास करने के बाद सेना में भर्ती हो गए थे. बतौर सिपाही सेना में अपनी सेवाएं देते उन्होंने सन 1962, 65 व 71 का युद्ध लड़ा. सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वो हरियाणा ट्रांस्पोर्टेशन में भर्ती हो गए और वहां पर यार्ड मास्टर के पद पर उन्होंने अपनी सेवाएं दी. ट्रांसपोर्ट विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद लाल सिंह को उनके पोते पोतियों ने आगे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया.
जब डिग्री लेने पहुंचे गोधरा: लाल सिंह की दो पोतियां MBBS की पढ़ाई कर रही हैं. जिसके बाद लाल सिंह ने उम्र की सीमा को पीछे करते हुए इग्नू का सहारा लिया और आगे बढ़ने लगे. लाल सिंह 81 साल के हो गए हैं. इसके बावजूद भी उम्र की कोई परवाह किए बिना 10वीं व 12वीं इग्नू से करने के बाद आज वो करनाल में इग्नू द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में अपनी बीए की डिग्री लेने पहुंचे. खचाखच भरे हॉल में विद्यार्थियों ने ताली बजा कर लाल सिंह का स्वागत किया और इग्नू के अधिकारियों ने उनको सम्मानित किया.
करीब 300 छात्र-छात्राओं ने ली डिग्री: गौरतलब है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में हुआ 36 वें दीक्षांत समारोह आयोजन किया गया. करनाल और चंडीगढ़ क्षेत्रीय केंद्र के 18 से 81 साल के 300 से अधिक छात्र-छात्राओं ने डिग्री ली. इग्नू मुख्यालय नई दिल्ली से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में जुड़े. शिक्षा बोर्ड भिवानी के सचिव राजेश गोयल ने कहा कि विद्यार्थियों का एनरोलमेंट 50% ले जाने का लक्ष्य है. नई शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारियां लगातार जारी है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कार्यक्रम से जुड़ीं: मुक्त विश्वविद्यालय के रूप में पहचान बनाने वाला इग्नू आज देश भर के लाखों लोगों में शिक्षा की अलख जगा रहा है. बच्चे से लेकर बड़ी उम्र तक के लोगों की उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने वाले इग्नू के 36 वें दीक्षांत समारोह में चंडीगढ़ और करनाल रीजन के 300 से अधिक विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की हैं. इस अवसर पर जहां नई दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिरकत की, वहीं करनाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में हरियाणा शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. राजेश गोयल ने बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की.
2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू: मीडिया से बातचीत में राजेश गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश में शिक्षा का एनरोलमेंट 50% पहुंचना चाहिए. जो कि अभी 27% के आसपास है. इस कार्य में इग्नू का अहम योगदान रहने वाला है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने उन्हें 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने का लक्ष्य दिया है. जिसके लिए वे पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं. जिनमें मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट, क्षेत्रीय भाषाओं का समावेश, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से समझौता, कौशल विकास और विश्वविद्यालयों का विभिन्न औद्योगिक इकाइयों से समझौता जैसे मुद्दों पर हम काम कर रहे हैं और तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं.
36 केंद्रों पर आयोजित हुआ दीक्षांत समारोह: इग्नू करनाल के क्षेत्रीय प्रभारी निदेशक डॉ. धर्मपाल ने कहा कि आज इग्नू का दीक्षांत समारोह देश के 36 केंद्रों पर आयोजित किया जा रहा है. जिनमें 2 लाख79 हजार छात्रों को डिग्रियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि करनाल क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत 16000 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल का नामांकन जल्द ही दो लाख पार कर जाएगा.
शिक्षा के लिए उम्र की सीमा नहीं: इग्नू क्षेत्रीय केंद्र चंडीगढ़ के निदेशक भानु प्रताप सिंह ने बताया कि इग्नू में शिक्षा प्राप्त करने वाले हर उम्र के लोग हैं. इस में शिक्षा की पूरी आजादी है. कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में शिक्षा प्राप्त कर सकता है. उन्होंने कहा कि इग्नू में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों में महिलाओं का प्रतिशत भी 50 से 60 के बीच में है, जो महिला सशक्तिकरण का एक उत्तम उदाहरण है.
विद्यार्थियों के लिए बेहतर मंच: दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने आए विद्यार्थियों ने बताया कि इग्नू में शिक्षा प्राप्त करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है. हर कोई भी उम्र का व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकता है और अपने सपनों को पूरा कर सकता है. बड़ी उम्र में शिक्षा प्राप्त करने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए सिरसा के लाल सिंह गोधरा एक मिसाल बनकर उभरे हैं.
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PHD की डिग्री लेना लक्ष्य: दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने आए लाल सिंह गोदारा ने बताया कि वह शुरुआत में आर्मी में नौकरी करते थे. लेकिन कम शिक्षा के कारण उन्हें कई बार लोगों के ताने सुनने पड़ते थे. यही नहीं उनके पोते पोतियां भी उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहते थे. जिसके कारण उन्होंने इग्नू से 10वीं 12वीं और आज बीए की डिग्री हासिल की है. उनका सपना है कि वह MA और PHD की डिग्री भी हासिल करेंगे. वह 3 युद्धों में भाग ले चुके हैं और आज भी उनके अंदर शिक्षा प्राप्त करने का जज्बा पूरी तरह से बरकरार है. उनके जज्बे को देखकर दीक्षांत समारोह में आए सभी लोगों ने उनकी जमकर तारीफ भी की.