ETV Bharat / bharat

बकाया नहीं चुकाने पर 8 देशों ने खोया संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग का अधिकार - United Nations Chief Antonio Guterres

विश्व के आठ देशों ने अपने हिस्से का बकाया जमा नहीं करने के कारण वोटिंग का अधिकार खो दिया है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि इनमें ईरान और वेनेजुएला जैसे देश भी शामिल हैं.

right to vote at UN
right to vote at UN
author img

By

Published : Jan 13, 2022, 8:12 AM IST

संयुक्त राष्ट्र ( न्यूयॉर्क) : यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने मंगलवार को लिखे महासभा को पत्र में बताया कि कुल 11 देश अपने बकाये के भुगतान के मामले में पीछे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद के प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने कहा कि यूएन चार्टर के अनुच्छेद-19 के तहत, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 19 के तहत, उन सदस्य देशों के मतदान के अधिकार को निलंबित कर दिया जाता है, जिनका बकाया योगदान वाली राशि का आधा या उससे अधिक हो जाता है. इस नियम में अपवाद है. अगर सदस्य राष्ट्र यह साबित करे कि अब भुगतान करना उसकी स्थिति नियंत्रण से बाहर (conditions beyond its control) है और वह भुगतान करने में असमर्थ है तो उसे छूट मिल सकती है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अपने पत्र में कहा कि 2022 में कोमोरो द्वीप समूह, साओ टोम प्रिंसिपे और सोमालिया ने भी अपने हिस्से का बकाया जमा नहीं किया है. फिलहाल ईरान, सूडान, वेनेजुएला, एंटीगुआ और बारबुडा, कांगो, गिनी, पापुआ न्यू गिनी और वानुअतु के वोटिंग के अधिकार स्थगित किया गए हैं. वोटिंग के लिए इन्हें संयुक्त राष्ट्र में न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा. ईरान को 18.4 मिलियन डॉलर और वेनेजुएला को 39.8 मिलियन डॉलर देने होंगे.

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का सालाना बजट 3.2 बिलियन डॉलर का है. इसके अलावा शांति कायम रखने संबंधित काम के लिए बजट अलग है. यूएन का कुल बजट करीब 6.5 बिलियन डॉलर है. अक्टूबर 2020 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने 2021 के लिए 3 अरब 23 करोड़ डॉलर के बजट को मंजूरी दी थी. महासभा ने 2022 के लिए लगभग 3.122 अरब डॉलर के वार्षिक नियमित बजट को मंजूरी दी है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 देशों को सदस्यता के बदले (United Nations) को सालाना कुछ पैसा देना पड़ता है. यह देश के लिए यह राशि अलग होती है और सभी सदस्य देश इसमें अपने हिस्से की रकम देते हैं. यह रकम इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रशासन, कार्यक्रम और शांति पूर्ण अभियानों पर खर्च की जाती है. संयुक्त राष्ट्र के कई संगठन जैसे यूनिसेफ और विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए धन संयुक्त राष्ट्र के फंड से ही मुहैया कराया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र ( न्यूयॉर्क) : यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने मंगलवार को लिखे महासभा को पत्र में बताया कि कुल 11 देश अपने बकाये के भुगतान के मामले में पीछे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद के प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने कहा कि यूएन चार्टर के अनुच्छेद-19 के तहत, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 19 के तहत, उन सदस्य देशों के मतदान के अधिकार को निलंबित कर दिया जाता है, जिनका बकाया योगदान वाली राशि का आधा या उससे अधिक हो जाता है. इस नियम में अपवाद है. अगर सदस्य राष्ट्र यह साबित करे कि अब भुगतान करना उसकी स्थिति नियंत्रण से बाहर (conditions beyond its control) है और वह भुगतान करने में असमर्थ है तो उसे छूट मिल सकती है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अपने पत्र में कहा कि 2022 में कोमोरो द्वीप समूह, साओ टोम प्रिंसिपे और सोमालिया ने भी अपने हिस्से का बकाया जमा नहीं किया है. फिलहाल ईरान, सूडान, वेनेजुएला, एंटीगुआ और बारबुडा, कांगो, गिनी, पापुआ न्यू गिनी और वानुअतु के वोटिंग के अधिकार स्थगित किया गए हैं. वोटिंग के लिए इन्हें संयुक्त राष्ट्र में न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा. ईरान को 18.4 मिलियन डॉलर और वेनेजुएला को 39.8 मिलियन डॉलर देने होंगे.

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का सालाना बजट 3.2 बिलियन डॉलर का है. इसके अलावा शांति कायम रखने संबंधित काम के लिए बजट अलग है. यूएन का कुल बजट करीब 6.5 बिलियन डॉलर है. अक्टूबर 2020 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने 2021 के लिए 3 अरब 23 करोड़ डॉलर के बजट को मंजूरी दी थी. महासभा ने 2022 के लिए लगभग 3.122 अरब डॉलर के वार्षिक नियमित बजट को मंजूरी दी है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 देशों को सदस्यता के बदले (United Nations) को सालाना कुछ पैसा देना पड़ता है. यह देश के लिए यह राशि अलग होती है और सभी सदस्य देश इसमें अपने हिस्से की रकम देते हैं. यह रकम इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रशासन, कार्यक्रम और शांति पूर्ण अभियानों पर खर्च की जाती है. संयुक्त राष्ट्र के कई संगठन जैसे यूनिसेफ और विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए धन संयुक्त राष्ट्र के फंड से ही मुहैया कराया जाता है.

पढ़ें : पाकिस्तान की नई सुरक्षा नीति में भारत के साथ 'शांति' पर बल : रिपोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.