जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जम्मू के छठे दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया. इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने छात्रों को संबोधित किया. उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुधारों पर प्रकाश डाला.
धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम जम्मू से स्नातक होने वाले छात्रों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि सभी स्नातक छात्रों के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि आपने आईआईएम जम्मू जैसे युवा संस्थान और उत्कृष्टता केंद्र से अपनी शिक्षा पूरी की है. यह आपके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत है. चुनौतियों के लिए तैयार रहें.
अपने कम्फर्ट जोन में न रहें. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपको न केवल नौकरी सृजक बनने की ओर देखना चाहिए, बल्कि धन सृजक बनने और देश के आर्थिक विकास में योगदान करने की आकांक्षा भी रखनी चाहिए. हमारे महान राष्ट्र, इस पूरी मानव सभ्यता की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर टिकी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रगतिशील शिक्षा प्रणाली और भविष्योन्मुखी आईटी सुधार युवा पीढ़ी के बेहतर भविष्य की मजबूत नींव तैयार कर रहे हैं.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्नातक छात्रों, उनके माता-पिता और आईआईएम जम्मू के संकाय सदस्यों को उनके मार्गदर्शन और सलाह के लिए बधाई दी. इस मौके पर उन्होंने कहा,'भारत विश्व क्षितिज पर एक नई ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है. हर क्षेत्र में परिवर्तनकारी कार्य देश को एक उर्जा का स्रोत बनने की राह पर ले जा रहा है.'
उन्होंने कहा कि स्नातक छात्र अपने जीवन की एक नई शुरुआत कर रहे हैं, जब हमारे देश के विकास और विकास के इस गौरवशाली चरण ने सभी के लिए नए अवसर, नई संभावनाएं खोली हैं. किसी के दिल में एक सपना बनाना इस दुनिया में किसी भी भौतिक संरचना के निर्माण से बड़ा है. युवा दिमागों के लिए यह सबसे अच्छा समय है कि वे अपने विचारों को वास्तविकता में बदल दें और बेहतर भविष्य का निर्माण करें, जो हमारे गौरवशाली अतीत में गहराई से निहित है.
उपराज्यपाल ने छात्रों को रचनात्मक होने, स्व-शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और प्राचीन मूल्यों में निहित रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य डिजिटल उपकरण राष्ट्र निर्माण को नई गति प्रदान करने के लिए नए विचारों, जिज्ञासा और रचनात्मकता में मदद करेंगे. आज का युवा उस भारतीय पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है जिसके एक हाथ में वेद और दूसरे हाथ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है.
दोनों का सही संतुलन ही उन्हें अलग करता है. उपराज्यपाल ने कहा, आधुनिक प्रौद्योगिकी उपकरणों और मानव नेतृत्व का उत्कृष्ट सहयोग राष्ट्र निर्माण में योगदान देगा. जिज्ञासा, ज्ञान और कर्म तीन तत्व हैं जो हमारे भाग्य का निर्माण करते हैं. भारत के ज्ञान समाज का विकास इन तीन तत्वों की नींव पर आधारित है जो समावेशी विकास का मार्गदर्शन कर रहे हैं और समाज को सशक्त बना रहे हैं.
उपराज्यपाल ने छात्रों से कहा कि ये तीन तत्व मौजूदा अवसरों में मूल्य जोड़ने, नए उपकरण विकसित करने और समाज में परिवर्तनकारी, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव डालने में आपकी अगुवाई करेंगे. आज भविष्योन्मुख आविष्कार और एआई की क्षमता भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत और व्यापक बना रही है. उन्होंने कहा कि नए बिजनेस मॉडल और नवीनतम उपलब्ध डिजिटल टूल्स के साथ बिजनेस लीडर भविष्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को फिर से परिभाषित करेंगे.
उपराज्यपाल ने कहा कि तकनीकी क्षमताओं द्वारा संचालित मानवीय मूल्य भविष्य में व्यवसायों को बदल देंगे. अकेले तकनीक से बदलाव नहीं आएगा, लेकिन मानव नेतृत्व के साथ संयुक्त आधुनिक तकनीक मानव इतिहास में समृद्धि और प्रगति के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण होगी. उपराज्यपाल ने आईआईएम जम्मू के एक सलाहकार संस्थान के रूप में और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में अत्यधिक योगदान देने के प्रयासों की भी सराहना की.भारत को सोने की चिड़िया के रूप में जाना जाता था, न केवल इसलिए कि हम सभ्यता, संस्कृति और समृद्धि में अन्य देशों से सैकड़ों साल आगे थे, बल्कि इसलिए भी कि हमारे पास सबसे अच्छे शैक्षणिक संस्थान थे और पूरा समाज चेतना के शिखर को छू रहा था.