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जम्मू कश्मीर में केंद्र के 66 मंत्रियों का दौरा, जानेंगे कश्मीरियों के 'मन की बात'

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Published : Sep 25, 2021, 6:40 PM IST

जम्मू कश्मीर को लेकर सरकार ने बड़े कार्यक्रम तय किए हैं और केंद्रीय मंत्रियों को कश्मीर जाने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए उनके रोस्टर तैयार किए गए हैं और यह तमाम कार्यक्रम प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद गृह मंत्री अमित शाह के निरीक्षण में चलाया जा रहा है. वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर योजना के तहत केंद्रीय मंत्रियों को अपने-अपने विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा करने जाना होगा. अक्टूबर तक बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे होते रहेंगे.

सरकार की तरफ से अगस्त में ही केंद्रीय मंत्रियों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर रोस्टर तैयार कर दिए गए और यह लक्ष्य रखा गया था कि अक्टूबर तक ज्यादा से ज्यादा मंत्रियों के दौरे करा लिए जाएंगे. सरकार की तरफ से फिलहाल 6 केंद्रीय मंत्रियों को जम्मू कश्मीर जाने का निर्देश दिया गया है.

अगर देखा जाए तो इस साल अक्टूबर तक 66 केंद्रीय मंत्रियों के दौरे का लक्ष्य रखा गया है. पिछले साल भी सरकार ने प्रयोग के तौर पर जनवरी महीने में 36 केंद्रीय मंत्रियों के एक ही महीने के दौरान दौरे करवाए थे. यह कार्यक्रम सरकार के आउटरीच परियोजना-2 के तहत तैयार किया गया है. एक हफ्ते के लिए 6 मंत्रियों के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं.

आगामी 27-28 सितंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का हाईवे निरीक्षण दौरा और शिलान्यास है. इस दौरान वे 3 नेशनल हाईवे का शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा जोजिला टनल के निरीक्षण के लिए भी जाएंगे. नितिन गडकरी के अलावा मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर और गिरिराज सिंह सहित दो अन्य मंत्रियों के कार्यक्रम भी तय किए जा रहे हैं. अनुराग ठाकुर लद्दाख के दौरे पर हैं.

जम्मू कश्मीर को मुख्यधारा में लाने के लिए धारा 370 के हटने के बाद से ही लगातार भारत सरकार के मुख्य तौर पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख को लेकर लगातार परियोजनाएं तैयार कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो इस टेरिटरी से संबंधित सारे कार्यक्रम और सरकार की योजनाएं गृह मंत्री अमित शाह के निरीक्षण में ही तैयार की जा रही है.

केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे का रोस्टर भी अमित शाह के दिशा-निर्देश के साथ ही तैयार किया गया है. सरकार पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर ही जम्मू कश्मीर में भी केंद्रीय मंत्रियों के दौरे तय कर रही है. नियमानुसार प्रत्येक 15 दिन के अंदर 8 केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर राज्यों में भी भेजे जाते रहे थे.

इसी तरह सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में को भी उच्च प्राथमिकता देने के संकेत दिए थे. इसके बाद ही पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर जम्मू कश्मीर में भी इस तरह की कवायद शुरू की गई है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह तमाम कार्यक्रम प्रधानमंत्री की इच्छा से ही तैयार की गई है. इसके तहत पिछले साल भी 36 मंत्रियों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया था और इस बार 66 मंत्रियों के जम्मू-कश्मीर भेजे जाने के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं. यह मंत्री अपने संबंधित मंत्रालय से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे.

दौरे पर जाने वाले मंत्री आम लोगों से मिलकर व जानकारी लेकर दौरे की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगे. ताकि जनाकांक्षाओं की लिस्ट सरकार तैयार कर सके. जम्मू कश्मीर के लोगों का मूड भांपते हुए उनके दिल मे विश्वास बना सके.

यह भी पढ़ें-UNGA में इमरान ने अलापा कश्मीर का राग, भारत ने कहा-PoK छोड़े पाकिस्तान

प्रत्येक मंत्री का कार्यक्रम तैयार करने में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि कौन से मंत्री का दौरा किस क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण है. उदाहरण के तौर पर ग्रामीण विकास से जुड़े मंत्री का दौरा प्रदेश के ग्रामीण इलाकों और कस्बों की समस्या जाने के लिए होगा. ज्यादा से ज्यादा मंत्रियों के दौरे ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में लगाए जाएंगे.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर योजना के तहत केंद्रीय मंत्रियों को अपने-अपने विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा करने जाना होगा. अक्टूबर तक बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे होते रहेंगे.

सरकार की तरफ से अगस्त में ही केंद्रीय मंत्रियों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर रोस्टर तैयार कर दिए गए और यह लक्ष्य रखा गया था कि अक्टूबर तक ज्यादा से ज्यादा मंत्रियों के दौरे करा लिए जाएंगे. सरकार की तरफ से फिलहाल 6 केंद्रीय मंत्रियों को जम्मू कश्मीर जाने का निर्देश दिया गया है.

अगर देखा जाए तो इस साल अक्टूबर तक 66 केंद्रीय मंत्रियों के दौरे का लक्ष्य रखा गया है. पिछले साल भी सरकार ने प्रयोग के तौर पर जनवरी महीने में 36 केंद्रीय मंत्रियों के एक ही महीने के दौरान दौरे करवाए थे. यह कार्यक्रम सरकार के आउटरीच परियोजना-2 के तहत तैयार किया गया है. एक हफ्ते के लिए 6 मंत्रियों के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं.

आगामी 27-28 सितंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का हाईवे निरीक्षण दौरा और शिलान्यास है. इस दौरान वे 3 नेशनल हाईवे का शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा जोजिला टनल के निरीक्षण के लिए भी जाएंगे. नितिन गडकरी के अलावा मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर और गिरिराज सिंह सहित दो अन्य मंत्रियों के कार्यक्रम भी तय किए जा रहे हैं. अनुराग ठाकुर लद्दाख के दौरे पर हैं.

जम्मू कश्मीर को मुख्यधारा में लाने के लिए धारा 370 के हटने के बाद से ही लगातार भारत सरकार के मुख्य तौर पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख को लेकर लगातार परियोजनाएं तैयार कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो इस टेरिटरी से संबंधित सारे कार्यक्रम और सरकार की योजनाएं गृह मंत्री अमित शाह के निरीक्षण में ही तैयार की जा रही है.

केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे का रोस्टर भी अमित शाह के दिशा-निर्देश के साथ ही तैयार किया गया है. सरकार पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर ही जम्मू कश्मीर में भी केंद्रीय मंत्रियों के दौरे तय कर रही है. नियमानुसार प्रत्येक 15 दिन के अंदर 8 केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर राज्यों में भी भेजे जाते रहे थे.

इसी तरह सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में को भी उच्च प्राथमिकता देने के संकेत दिए थे. इसके बाद ही पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर जम्मू कश्मीर में भी इस तरह की कवायद शुरू की गई है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह तमाम कार्यक्रम प्रधानमंत्री की इच्छा से ही तैयार की गई है. इसके तहत पिछले साल भी 36 मंत्रियों को जम्मू-कश्मीर भेजा गया था और इस बार 66 मंत्रियों के जम्मू-कश्मीर भेजे जाने के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं. यह मंत्री अपने संबंधित मंत्रालय से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे.

दौरे पर जाने वाले मंत्री आम लोगों से मिलकर व जानकारी लेकर दौरे की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगे. ताकि जनाकांक्षाओं की लिस्ट सरकार तैयार कर सके. जम्मू कश्मीर के लोगों का मूड भांपते हुए उनके दिल मे विश्वास बना सके.

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प्रत्येक मंत्री का कार्यक्रम तैयार करने में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि कौन से मंत्री का दौरा किस क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण है. उदाहरण के तौर पर ग्रामीण विकास से जुड़े मंत्री का दौरा प्रदेश के ग्रामीण इलाकों और कस्बों की समस्या जाने के लिए होगा. ज्यादा से ज्यादा मंत्रियों के दौरे ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में लगाए जाएंगे.

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