नई दिल्ली: देश में रविवार तक कोरोना वायरस के उप-स्वरूप 'जेएन.1' के 63 मामले सामने आए जिनमें से 34 मामले गोवा में पाए गए. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र से नौ, कर्नाटक से आठ, केरल से छह, तमिलनाडु से चार और तेलंगाना में दो मामले सामने आए हैं. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय कोरोना वायरस के नए उप-स्वरूप की बारीकी से पड़ताल कर रहा है और राज्यों को परीक्षण बढ़ाने तथा अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता है.
अधिकारियों ने कहा था कि भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है और देश में 'जेएन.1' उप-स्वरूप का पता चला है, लेकिन तत्काल चिंता का कोई कारण नहीं है क्योंकि संक्रमित लोगों में से 92 प्रतिशत लोग घर में रहकर ही उपचार का विकल्प चुन रहे हैं, जिससे पता चलता है कि नए उप-स्वरूप के लक्षण हल्के हैं.
उन्होंने कहा था कि अस्पताल में भर्ती होने की दर में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों में कोविड-19 पाया जाना आकस्मिक मामला है.
राज्यों से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा की गई संशोधित कोविड निगरानी रणनीति के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 628 नए मामले सामने आए हैं और उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,054 है. सोमवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 5,33,334 हो गई है. केरल में पिछले 24 घंटे की अवधि एक मरीज की मौत दर्ज की गई. कोरोना वायरस का जेएन.1 (बीए.2.86.1.1) उप-स्वरूप अगस्त में लक्ज़मबर्ग में सामने आया. यह सार्स कोव-2 के बीए.2.86 (पिरोला) का वंशानुगत घटक है.
कर्नाटक में जेएन.1 के 34 मामलों की पुष्टि : कर्नाटक में कोविड 19 संक्रमणों की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि में, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित जीनोम अनुक्रमण में ओमेट्रॉन वायरस सबस्ट्रेन जेएन.1 का पता चला था. कर्नाटक में जेएन.1 के 34 मामलों की पुष्टि हुई. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सीओवीआईडी प्रबंधन के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति आगे एहतियाती कदम उठाने के लिए कल बैठक करेगी.