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कर्नाटक के 60 वर्षीय मंजूनाथ ने किया कुछ ऐसा कि बन गए प्रेरणास्रोत - States Boards

वृद्धावस्था में दसवीं की परीक्षा देने जैसी बात जरा-सी अटपटी लग सकती है. लेकिन, ऐसा ही कर्नाटक (Karnataka) के एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने कर दिखाया है. कम उम्र के बच्चों के साथ परीक्षा देने का फैसला भी इस बुजुर्ग इंसान ने एक खास वजह से किया. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

कर्नाटक के 60 वर्षीय मंजूनाथ
कर्नाटक के 60 वर्षीय मंजूनाथ
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Published : Jul 19, 2021, 10:56 PM IST

बेंगलुरु : इंसान अगर किसी चीज को पाने के लिए पूरी तरह से प्रयास करता है, तो सभी कठिनाइयों को पार कर आखिर में सफल हो ही जाता है. वृद्धावस्था में दसवीं की परीक्षा (Secondary School Leaving Certificate-SSLC) देने जैसी बात जरा-सी अटपटी लग सकती है. लेकिन, ऐसा ही कर्नाटक (Karnataka) के एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने कर दिखाया है. कोलार जिले के मंजूनाथ 60 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा दे रहे हैं.

मंजूनाथ कोलार शहर के कुरुबारपेटे (Kurubarapete in Kolar city) के रहने वाले हैं और अपने राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं. पुलिस विभाग (Police Department) में कार्यरत मंजूनाथ (Manjunath) ने अपने से कम उम्र के बच्चों के साथ बैठकर परीक्षा देने का फैसला भी एक खास वजह से किया.

दरअसल, मंजूनाथ के दसवीं पास नहीं होने के कारण उनका विभागीय प्रमोशन रूका हुआ है. अपने प्रमोशन को पाने के लिए ही उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास करने की ठान ली और अब कोलार जूनियर कॉलेज (Junior College, Kolar) के परीक्षा केंद्र (examination center) में चल रही SSLC की परीक्षा दे रहे हैं.

पढ़ें : बिना परीक्षा के कई छात्राओं ने 10वीं के रिजल्ट में हासिल किए 500 में से 500 नंबर

बता दें कि कर्नाटक में दसवीं की परीक्षा- 2021 (10th Exam-2021) के लिए कुल 8.76 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जिसमें से कोलार जिले में लगभग 20,512 छात्र यह परीक्षा दे रहे हैं. उनमें से सबसे बुजुर्ग छात्र मंजूनाथ हैं जिन्होंने अब सभी का ध्यान आकर्षण कर रखा है.

COVID 19 महामारी (Pandemic) के कारण, भारत के विभिन्न राज्य बोर्डों (State Boards) ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं (Board Examinations) को रद्द कर दिया था और आंतरिक मूल्यांकन नीति के आधार पर अपने परिणाम जारी करने का निर्णय लिया था.

हालांकि, कर्नाटक उन कुछ राज्यों में शामिल है, जिन्होंने इस साल बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर सहमति जताई.

बेंगलुरु : इंसान अगर किसी चीज को पाने के लिए पूरी तरह से प्रयास करता है, तो सभी कठिनाइयों को पार कर आखिर में सफल हो ही जाता है. वृद्धावस्था में दसवीं की परीक्षा (Secondary School Leaving Certificate-SSLC) देने जैसी बात जरा-सी अटपटी लग सकती है. लेकिन, ऐसा ही कर्नाटक (Karnataka) के एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने कर दिखाया है. कोलार जिले के मंजूनाथ 60 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा दे रहे हैं.

मंजूनाथ कोलार शहर के कुरुबारपेटे (Kurubarapete in Kolar city) के रहने वाले हैं और अपने राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं. पुलिस विभाग (Police Department) में कार्यरत मंजूनाथ (Manjunath) ने अपने से कम उम्र के बच्चों के साथ बैठकर परीक्षा देने का फैसला भी एक खास वजह से किया.

दरअसल, मंजूनाथ के दसवीं पास नहीं होने के कारण उनका विभागीय प्रमोशन रूका हुआ है. अपने प्रमोशन को पाने के लिए ही उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास करने की ठान ली और अब कोलार जूनियर कॉलेज (Junior College, Kolar) के परीक्षा केंद्र (examination center) में चल रही SSLC की परीक्षा दे रहे हैं.

पढ़ें : बिना परीक्षा के कई छात्राओं ने 10वीं के रिजल्ट में हासिल किए 500 में से 500 नंबर

बता दें कि कर्नाटक में दसवीं की परीक्षा- 2021 (10th Exam-2021) के लिए कुल 8.76 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जिसमें से कोलार जिले में लगभग 20,512 छात्र यह परीक्षा दे रहे हैं. उनमें से सबसे बुजुर्ग छात्र मंजूनाथ हैं जिन्होंने अब सभी का ध्यान आकर्षण कर रखा है.

COVID 19 महामारी (Pandemic) के कारण, भारत के विभिन्न राज्य बोर्डों (State Boards) ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं (Board Examinations) को रद्द कर दिया था और आंतरिक मूल्यांकन नीति के आधार पर अपने परिणाम जारी करने का निर्णय लिया था.

हालांकि, कर्नाटक उन कुछ राज्यों में शामिल है, जिन्होंने इस साल बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर सहमति जताई.

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