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Chardham Yatra: अब तक 63 तीर्थ यात्रियों की मौत, केदारनाथ में सबसे ज्यादा लोगों की थमी सांसें - केदारनाथ में सबसे ज्यादा लोगों की थमी सांसें

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग पर अब तक 63 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ में हुई है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इनमें 66% मौतें मधुमेह और उच्च रक्तचाप के कारण हुई है.

CHARDHAM YATRA
चारधाम यात्रा
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Published : May 23, 2022, 6:00 PM IST

Updated : May 23, 2022, 7:31 PM IST

देहरादून/उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. बीती 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक साढ़े आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मौत की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अभी तक 63 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) अभी तक 63 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 28 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 12 यात्रियों ने जान गंवाई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौके केदारनाथ यात्रा में हुई है. जहां अभी तक 30 तीर्थ यात्रियों की सांसें थम चुकी है.

जानकारी देती डीजी हेल्थ.

ये भी पढ़ेंः बाबा केदार भरोसे चल रही यात्रा, पैदल मार्ग पर गंदगी का अंबार, यात्री परेशान

आज यमुनोत्री में एक यात्री ने तोड़ा दमः यमुनोत्री यात्रा पर आए मध्य प्रदेश निवासी के एक तीर्थयात्री की जानकी चट्टी में हृदय गति रुकने से मौत हो गई. पुलिस ने शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. सोमवार सुबह करीब 8 बजे गोकुल प्रसाद (उम्र 70 वर्ष) पुत्र भवरलाल निवासी परसोली आगर मार्ग तराना उज्जैन मध्यप्रदेश, यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जा रहे थे.

इसी दौरान जानकी चट्टी पार्किंग में अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो गया. परिजनों ने उन्हें जानकी चट्टी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. उक्त यात्री की मृत्यु हृदय गति रुकने से होना बताया गया है. यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर कपाट खुलने के बाद इस बार 17 यात्रियों की मृत्यु हो गई है.

आज केदारनाथ में दो श्रद्धालुओं की गई जानः सोमवार यानी आज केदारनाथ यात्रा के दौरान दो तीर्थयात्रियों की मौत हुई है, जिनमें बावन राव सखाराम साउले (उम्र 70 वर्ष), निवासी अकोला महाराष्ट्र और दूसरे मृत व्यक्ति की जानकारी प्राप्त की जा रही है. अब तक 30 तीर्थयात्रियों की यात्रा के दौरान मौत हो चुकी है.

केदारनाथ से एक यात्री को किया गया एयर लिफ्टः वहीं, पैदल मार्ग के लिनचोली में एक यात्री की ज्यादा तबीयत खराब होने पर एयर लिफ्ट किया गया है. दरअसल, मुंबई स्थित मुलुन्ड निवासी 47 वर्षीय सचिन तुकाराम पाटिल अपनी पत्नी यामिनी के साथ केदारनाथ दर्शन हेतु निकले थे. जब ये लोग खच्चर के जरिए लिनचोली के पास पहुंचे तो सचिन पाटिल को ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगी.

सांस फूलने पर उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी होने लगी. सचिन की पत्नी यामिनी ने बताया कि उस दौरान केदारनाथ में बारिश भी हो रही थी. ऐसे में घबराहट और बैचेनी बढ़ने पर सचिन को पहले लिनचोली में ही प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन यात्री की स्थिति को देखते हुए बाद में हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया. जहां उनका इलाज जारी है.

क्या बोलीं डीजी हेल्थः स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट (Uttarakhand DG Health Shailja Bhatt) का कहना है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर अब तक 60 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिसमें 66% मौतें मधुमेह और उच्च रक्तचाप के कारण हुईं है. उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय रूप से अयोग्य तीर्थयात्रियों को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही यात्रा यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा पर कोरोना का साया, स्वास्थ्य महकमे के लिए अब नई चुनौती

यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है.

तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए.

इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

देहरादून/उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. बीती 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक साढ़े आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मौत की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अभी तक 63 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) अभी तक 63 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 28 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 12 यात्रियों ने जान गंवाई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौके केदारनाथ यात्रा में हुई है. जहां अभी तक 30 तीर्थ यात्रियों की सांसें थम चुकी है.

जानकारी देती डीजी हेल्थ.

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आज यमुनोत्री में एक यात्री ने तोड़ा दमः यमुनोत्री यात्रा पर आए मध्य प्रदेश निवासी के एक तीर्थयात्री की जानकी चट्टी में हृदय गति रुकने से मौत हो गई. पुलिस ने शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. सोमवार सुबह करीब 8 बजे गोकुल प्रसाद (उम्र 70 वर्ष) पुत्र भवरलाल निवासी परसोली आगर मार्ग तराना उज्जैन मध्यप्रदेश, यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जा रहे थे.

इसी दौरान जानकी चट्टी पार्किंग में अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो गया. परिजनों ने उन्हें जानकी चट्टी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. उक्त यात्री की मृत्यु हृदय गति रुकने से होना बताया गया है. यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर कपाट खुलने के बाद इस बार 17 यात्रियों की मृत्यु हो गई है.

आज केदारनाथ में दो श्रद्धालुओं की गई जानः सोमवार यानी आज केदारनाथ यात्रा के दौरान दो तीर्थयात्रियों की मौत हुई है, जिनमें बावन राव सखाराम साउले (उम्र 70 वर्ष), निवासी अकोला महाराष्ट्र और दूसरे मृत व्यक्ति की जानकारी प्राप्त की जा रही है. अब तक 30 तीर्थयात्रियों की यात्रा के दौरान मौत हो चुकी है.

केदारनाथ से एक यात्री को किया गया एयर लिफ्टः वहीं, पैदल मार्ग के लिनचोली में एक यात्री की ज्यादा तबीयत खराब होने पर एयर लिफ्ट किया गया है. दरअसल, मुंबई स्थित मुलुन्ड निवासी 47 वर्षीय सचिन तुकाराम पाटिल अपनी पत्नी यामिनी के साथ केदारनाथ दर्शन हेतु निकले थे. जब ये लोग खच्चर के जरिए लिनचोली के पास पहुंचे तो सचिन पाटिल को ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगी.

सांस फूलने पर उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी होने लगी. सचिन की पत्नी यामिनी ने बताया कि उस दौरान केदारनाथ में बारिश भी हो रही थी. ऐसे में घबराहट और बैचेनी बढ़ने पर सचिन को पहले लिनचोली में ही प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन यात्री की स्थिति को देखते हुए बाद में हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया. जहां उनका इलाज जारी है.

क्या बोलीं डीजी हेल्थः स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट (Uttarakhand DG Health Shailja Bhatt) का कहना है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर अब तक 60 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिसमें 66% मौतें मधुमेह और उच्च रक्तचाप के कारण हुईं है. उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय रूप से अयोग्य तीर्थयात्रियों को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही यात्रा यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

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यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है.

तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए.

इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

Last Updated : May 23, 2022, 7:31 PM IST
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