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शर्मनाक ! इलाज न मिलने पर 6 माह की बेटी ने पिता की गोद में तोड़ा दम

यूपी के बाराबंकी में एक पिता अपनी 6 माह की बेटी को गोद में लेकर सिरौली गौसपुर संयुक्त चिकित्सालय के बाहर बिलखता रहा. आंसू पोंछकर बार-बार यही कह रहा था कि, 'एक बार मेरी बेटी को कोई डॉक्टर देख लेता तो वो जिंदा होती.'

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Published : Jun 1, 2021, 1:01 AM IST

बाराबंकीः सिरौली गौसपुर तहसील में बने 100 बेड के हॉस्पिटल में 6 माह की बच्ची के लिए एक बेड तो मिलना दूर, डॉक्टर चेकअप तक करने नहीं आए. इलाज के अभाव के चलते मासूम ने पिता की गोद में दमतोड़ दिया. बेटी की मौत पर गमजदा पिता अस्पताल प्रशासन और सरकार को कोसता रहा और मां बच्ची के गुजर जाने के दुःख में बिलखती रही.

दिल को झकझोर देने वाला ये मामला सिरौली गौसपुर तहसील के ताशीपुर गांव का है. यहां रहने वाले संदीप शुक्ला की 6 माह की बेटी नित्या सोते वक्त तखत से गिरकर बेहोश हो गई थी.

संदीप उसे लेकर सिरौली गौसपुर संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे. 2 घंटे तक बच्ची को गोद में लिए संदीप इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों से बेटी को देख लेने की गुहार लगाते रहे, लेकिन इंसानियत खो चुके अस्पताल के डॉक्टरों ने मासूम को देखना तक मुनासिब नहीं समझा. इलाज न मिलने पर बच्ची ने दमतोड़ दिया.

बेटी के गम में संदीप अस्पताल प्रशासन और सरकार कोसते रहे. रो-रोकर कहते रहे, 'वाह रे योगी सरकार. डॉक्टरों को बुलाते-बुलाते गला बैठ गया. कोई देखने तक नहीं आया. कोई आकर देख लेता तो मेरी बेटी बच जाती.' वहीं बेटी के गुजर जाने पर मां अस्पताल का एक कोना पकड़कर बिलखती रही.

पढ़ें- राज्यसभा के लिए मनोनीत किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी

मामले की सूचना मिलने पर बदोसराय पुलिस मौके पर पहुंची और संदीप से तहरीर ले ली. पुलिस ने किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर और कार्रवाई का आश्वासन देकर घर भेज दिया.
डॉक्टरों की लापरवाही से एक मासूम बच्ची की जान चली गई. देखना यह होगा की स्वास्थ्य विभाग क्या कार्रवाई करता है.

बाराबंकीः सिरौली गौसपुर तहसील में बने 100 बेड के हॉस्पिटल में 6 माह की बच्ची के लिए एक बेड तो मिलना दूर, डॉक्टर चेकअप तक करने नहीं आए. इलाज के अभाव के चलते मासूम ने पिता की गोद में दमतोड़ दिया. बेटी की मौत पर गमजदा पिता अस्पताल प्रशासन और सरकार को कोसता रहा और मां बच्ची के गुजर जाने के दुःख में बिलखती रही.

दिल को झकझोर देने वाला ये मामला सिरौली गौसपुर तहसील के ताशीपुर गांव का है. यहां रहने वाले संदीप शुक्ला की 6 माह की बेटी नित्या सोते वक्त तखत से गिरकर बेहोश हो गई थी.

संदीप उसे लेकर सिरौली गौसपुर संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे. 2 घंटे तक बच्ची को गोद में लिए संदीप इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों से बेटी को देख लेने की गुहार लगाते रहे, लेकिन इंसानियत खो चुके अस्पताल के डॉक्टरों ने मासूम को देखना तक मुनासिब नहीं समझा. इलाज न मिलने पर बच्ची ने दमतोड़ दिया.

बेटी के गम में संदीप अस्पताल प्रशासन और सरकार कोसते रहे. रो-रोकर कहते रहे, 'वाह रे योगी सरकार. डॉक्टरों को बुलाते-बुलाते गला बैठ गया. कोई देखने तक नहीं आया. कोई आकर देख लेता तो मेरी बेटी बच जाती.' वहीं बेटी के गुजर जाने पर मां अस्पताल का एक कोना पकड़कर बिलखती रही.

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मामले की सूचना मिलने पर बदोसराय पुलिस मौके पर पहुंची और संदीप से तहरीर ले ली. पुलिस ने किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर और कार्रवाई का आश्वासन देकर घर भेज दिया.
डॉक्टरों की लापरवाही से एक मासूम बच्ची की जान चली गई. देखना यह होगा की स्वास्थ्य विभाग क्या कार्रवाई करता है.

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