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कर्नाटक के उडुपी की महिला ने हिमालयी मार्ग पर चलायी 900 किलोमीटर बाइक

कर्नाटक के उडुपी शहर में 54 वर्षीय महिला ने 900 किलोमीटर के हिमालयी मार्ग पर बाइक चलाने की उपलब्धि हासिल की है.

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Published : Sep 11, 2022, 12:52 PM IST

54 year old Udupi woman achieved to bike across 900-km Himalayan route
कर्नाटक के उडुपी की महिला ने हिमालयी मार्ग पर चलायी 900 किलोमीटर बाइकEtv Bharat

उडुपी: विल्मा फेड्रेटिया कार्वाल्हो, 54 साल की उम्र में दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची सड़क खारदुंग ला पास पर बाइक से 900 किलोमीटर यात्रा करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह भारत की सबसे उम्रदराज महिला हैं. यह वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन उसने अपने साहस और समर्पण के कारण इसे संभव बनाया.

विल्मा फेड्रेटिया कार्वाल्हो ने खारदुंग ला, नुब्रा, हुंदर, पैंगोंग झील, मोरीरी से गुजरते हुए लेह तक अपनी मोटरसाइकिल से हिमालयी अभियान को कवर किया और लेह पहुंची. उसने दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची वाहन चलने योग्य सड़क पर 6 दिनों में 900 किलोमीटर की दूरी तय की. कुल 900 किमी में से 500 किमी का रास्ता काफी कठिन था. इस बीच में कम ऑक्सीजन स्तर, सड़क की स्थिति खराब थी.

ये भी पढ़ें- HC ने प्रेमिका के साथ भागे छात्र के खिलाफ POCSO मामला रद्द किया

बाइक में तकनीकी समस्या के कारण विमला अपने पहले प्रयास में यात्रा पूरी नहीं कर पाई. लेकिन, उसने अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की. विल्मा उडुपी जिले के कुंडापुरा की रहने वाली हैं. उसने भाई की मदद से येजदी रोडकिंग मोटरसाइकिल चलाने का अभ्यास किया. फिलहाल वह बेंगलुरु में कॉरपोरेट ट्रेनर के तौर पर काम करतीं हैं.

उडुपी: विल्मा फेड्रेटिया कार्वाल्हो, 54 साल की उम्र में दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची सड़क खारदुंग ला पास पर बाइक से 900 किलोमीटर यात्रा करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह भारत की सबसे उम्रदराज महिला हैं. यह वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन उसने अपने साहस और समर्पण के कारण इसे संभव बनाया.

विल्मा फेड्रेटिया कार्वाल्हो ने खारदुंग ला, नुब्रा, हुंदर, पैंगोंग झील, मोरीरी से गुजरते हुए लेह तक अपनी मोटरसाइकिल से हिमालयी अभियान को कवर किया और लेह पहुंची. उसने दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची वाहन चलने योग्य सड़क पर 6 दिनों में 900 किलोमीटर की दूरी तय की. कुल 900 किमी में से 500 किमी का रास्ता काफी कठिन था. इस बीच में कम ऑक्सीजन स्तर, सड़क की स्थिति खराब थी.

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बाइक में तकनीकी समस्या के कारण विमला अपने पहले प्रयास में यात्रा पूरी नहीं कर पाई. लेकिन, उसने अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की. विल्मा उडुपी जिले के कुंडापुरा की रहने वाली हैं. उसने भाई की मदद से येजदी रोडकिंग मोटरसाइकिल चलाने का अभ्यास किया. फिलहाल वह बेंगलुरु में कॉरपोरेट ट्रेनर के तौर पर काम करतीं हैं.

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