कांकेर: परलकोट जलाशय से फोन के लिए पानी निकलने वाले फूड इंस्पेक्टर को रिकवरी का नोटिस जारी किया गया है. विभागीय जांच के अनुसार 53092 रुपये की रिकवरी फूड इंस्पेक्टर से की जाएगी. 10 दिन के अंदर राशि जमा करने को कहा गया है. जल संसाधन उप संभाग कापसी ने यह रिकवरी नोटिस जारी किया है.
नोटिस में क्या कहा: "21 मई को परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर में भरे पानी में मोबाइल गिरने के बाद बिना विभाग के सीनियर अधिकारी की अनुमति के बिना डीजल पंप लगाकर पानी निकाला गया. निजी स्वार्थ के लिए 4104 घन मीटर पानी व्यर्थ बहाया गया. जिसका विभाग की जलदर के अनुसार चार्ज रु. 10.50/- प्रति घन मीटर की दर से रू. 43002/- और बिना अनुमति के जल व्यर्थ पर दण्ड राशि रू. 10000/- कुल राशि रु 43000/- + रु. 10000 /- रु. 53092 /- निर्धारित की जाती है. जिसे 10 दिन के अंदर जमा करना है. "
क्या है पूरा मामला: कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फूड ऑफिसर राजेश विश्वास रविवार 21 मई को छुट्टी मनाने खेरकट्टा परलकोट जलाशय पहुंचे थे. मौज मस्ती और सेल्फी के दौरान उनका सैमसंग कंपनी का S सीरीज का लगभग 96 हजार रुपये का फोन जलाशय में गिर गया. फूड इंस्पेक्टर ने तुरंत जल संसाधन के एसडीओ साहब से बात की. सिंचाई विभाग के एसडीओ रामलाल ढिवर ने पानी खाले करने फूड इंस्पेक्टर को मौखिक स्वीकृति दे दी. स्थानीय लोगों की मदद से 30 एचपी के दो पंप मंगाए गए और तीन दिन तक 24 घंटे पंप चलाकर लाखों लीटर पानी जलाशय से बाहर निकाल व्यर्थ बहाया गया.
कांकेर का फूड इंस्पेक्टर निलंबित : मीडिया में मामला आने के बाद कलेक्टर ने फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को निलंबित कर दिया. निलंबन के दौरान फूड इंस्पेक्टर को कांकेर जिला कार्यालय अटैच किया गया. प्रशासन ने प्रारंभिक जांच में पाया कि खेरकेट्टा जलाशय से 21 लाख लीटर नहीं बल्कि 41104 क्यूबिक मीटर पानी मोबाइल ढूंढने के लिए बर्बाद किया गया. फूड इंस्पेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना किसी अनुमति के भीषण गर्मी में बांध से पानी बहाया है. जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के खिलाफ है. कलेक्टर ने एसडीओ आरसी धीवर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था. एसडीओ ने कांकेर कलेक्टर को संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जिसके बाद कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के सचिव को कार्रवाई के लिए अनुशंसा पत्र लिखा था.