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उत्तराखंड के चमोली ग्लेशियर हादसे में अब तक बिहार के पांच लोग लापता

उत्तराखंड 'जल प्रलय' में बिहार के भी पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनमें से तीन वहां चल रहे प्रोजेक्ट में काम करते थे. ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद से परिजनों से इनका संपर्क नहीं हो पा रहा है.

चमोली आपदा
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Published : Feb 10, 2021, 10:02 PM IST

पटना : उत्तराखंड में रविवार को हुए ग्लेशियर हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इससे बिहार भी अछूता नहीं है. चमोली आपदा में बिहार के भी पांच लोग लापता हैं. इनमें से तीन वहां चल रहे प्रोजेक्ट में काम करते थे.

पटना जिले के रानीतालाब थाने के निसरपुरा निवासी मनीष कुमार लापता हैं. बतौर इंजीनियर हरिद्वार में जोशी मठ के नजदीक ओम मेटल इंफ्राटेक पावर प्रोजेक्ट कम्पनी में काम करने वाले 28 वर्षीय मनीष कुमार के ग्लेशियर हादसे में लापता होने की सूचना उनके परिजनों को कंपनी की ओर से मिली.

वहीं, समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड के बासुदेवपुर गांव का रहने वाला नरेश दास भी इस हादसे के बाद लापता हैं. उत्तराखंड के चमोली में नरेश अपने अन्य कुछ सहयोगी के साथ हाइड्रो पवार प्रोजेक्ट में मजदूर था.

रविवार को हुए 'जल-प्रलय' में सारण के 46 वर्षीय मुन्ना सिंह उर्फ विनोद सिंह लापता हैं. मुन्ना सिंह तपोवन बिजली प्रोजेक्ट में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं. उनके इस त्रासदी के शिकार हो जाने की आशंका से परिजन परेशान हैं.

सारण का ही तरैया थाना क्षेत्र के अफजलपुर गांव का रहने वाला 24 साल का सोनू कुमार भी हादसे के दिन से लापता है. सोनू प्राइवेट फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करता था. 15 जून को उसकी शादी थी. सूचना मिलने के बाद उसके परिवार में कोहराम मच गया है.

वहीं, गोपालगंज के सोहागपुर निवासी नेमधारी प्रसाद भी लापता हैं. नेमधारी, तपोवन के बिजली परियोजना में कार्यरत थे. कंपनी के ड्राइवर ने परिजनों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद उनकी पत्नी और बूढ़ी मां का रो-रोकर बुरा हाल है.

पढ़ें :- चमोली आपदा की जिम्मेदार खो चुकी न्यूक्लियर डिवाइस तो नहीं? जानिए रैणी गांव के लोगों की राय

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई. इस हादसे में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं.

पटना : उत्तराखंड में रविवार को हुए ग्लेशियर हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इससे बिहार भी अछूता नहीं है. चमोली आपदा में बिहार के भी पांच लोग लापता हैं. इनमें से तीन वहां चल रहे प्रोजेक्ट में काम करते थे.

पटना जिले के रानीतालाब थाने के निसरपुरा निवासी मनीष कुमार लापता हैं. बतौर इंजीनियर हरिद्वार में जोशी मठ के नजदीक ओम मेटल इंफ्राटेक पावर प्रोजेक्ट कम्पनी में काम करने वाले 28 वर्षीय मनीष कुमार के ग्लेशियर हादसे में लापता होने की सूचना उनके परिजनों को कंपनी की ओर से मिली.

वहीं, समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड के बासुदेवपुर गांव का रहने वाला नरेश दास भी इस हादसे के बाद लापता हैं. उत्तराखंड के चमोली में नरेश अपने अन्य कुछ सहयोगी के साथ हाइड्रो पवार प्रोजेक्ट में मजदूर था.

रविवार को हुए 'जल-प्रलय' में सारण के 46 वर्षीय मुन्ना सिंह उर्फ विनोद सिंह लापता हैं. मुन्ना सिंह तपोवन बिजली प्रोजेक्ट में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं. उनके इस त्रासदी के शिकार हो जाने की आशंका से परिजन परेशान हैं.

सारण का ही तरैया थाना क्षेत्र के अफजलपुर गांव का रहने वाला 24 साल का सोनू कुमार भी हादसे के दिन से लापता है. सोनू प्राइवेट फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करता था. 15 जून को उसकी शादी थी. सूचना मिलने के बाद उसके परिवार में कोहराम मच गया है.

वहीं, गोपालगंज के सोहागपुर निवासी नेमधारी प्रसाद भी लापता हैं. नेमधारी, तपोवन के बिजली परियोजना में कार्यरत थे. कंपनी के ड्राइवर ने परिजनों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद उनकी पत्नी और बूढ़ी मां का रो-रोकर बुरा हाल है.

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बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई. इस हादसे में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं.

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