चूरू. जिला मुख्यालय के नजदीक रामसरा गांव में बड़ा हादसा हो गया. इंस्टाग्राम पर नहाने का वीडियो लाइव करते समय जोहड़ (पक्का तालाबनुमा) में उतरे चार युवकों की पानी में डूबने से मौत हो गई. घटना की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों ने रेस्क्यू अभियान चलाया. करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने युवकों के शवों को बाहर निकाला. चारों शवों को राजकीय भरतिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. सोमवार को रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द किए जाएंगे.
डीएसपी राजेन्द्र बुरड़क ने बताया कि रामसरा गांव के चार युवक जोहड़ में नहाने के लिए उतरे थे. इस दौरान सुरेश (21) रामसरा सबसे आगे था. वो जोहड़ को पार करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बीच पानी में संतुलन बिगड़ने से डूबने लगा. उसको बचाने के लिए तीनों साथी भी गहरे पानी में उतर गए और डूब गए. रामसरा निवासी 21 साल के सुरेश नायक, 18 साल के योगेश रैगर, 18 साल के लोकेश निमेल व 18 साल का कबीर सिंह की डूबने से मौत हो गई. रामसरा निवासी जीतू प्रजापत, उमर प्रजापत, रणजीत कड़वासरा, ताराचंद प्रजापत, सहित अन्य ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चारों शवों को बाहर निकाला.
मोनू को कॉल कर लाइव करने के लिए बुलाया : घटनास्थल पर मौजूद युवक मोनू ने बताया कि रविवार दोपहर को लोकेश ने कॉल कर जोहड़ में नहाने के लिए बुलाया था. उसने नहाने से मना किया तो युवकों ने उसे नहाने का वीडियो लाइव करने की बात कही. मोनू इंस्टाग्राम पर लाइव कर ही रहा था कि अचानक लोकेश डूबने लगा. मोनू ने तुरंत युवक के परिजनों को इस बारे में सूचना दी. साथ ही पुलिस को भी सूचित किया गया
प्रशासन व जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे : घटना की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता हरलाल सहारण सहित तहसीलदार धीरज झाझड़िया, सीओ सिटी राजेन्द्र बुरड़क, थानाधिकारी रतननगर जसवीर सहित सदर व रतननगर का पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा. भाजपा नेता हरलाल सहारण ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे हादसों में प्रशासन के पास रेस्क्यू के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं हैं. पिकअप से शवों को अस्पताल ले जाया गया क्योंकि एम्बुलेंस एक घंटे की देरी से पहुंची.
कबीर व योगेश के पिता रहते हैं विदेश : ग्रामीणों ने बताया कि कबीर व योगेश के पिता विदेश में रहते हैं. दो भाइयों में योगेश बड़ा था, वहीं, कबीर ने कुछ समय पहले ही पढ़ाई छोड़ी थी. दो भाई व एक बहन में वह सबसे छोटा था. लोकेश लोहिया कॉलेज का स्टूडेंट था और सुरेश चालक था.