जब भी हम अपने आसपास सुनते है कि किसी ने अपने पार्टनर को चीट किया है यानि धोखा दिया है, तो समाज और हमारी सबसे पहली प्रतिक्रिया यही होता है कि हम उसे सही और गलत सामाजिक दृष्टिकोण से आंकने लगते है यह जाने बिना कि उस महिला के साथ क्या गुजर रही है.
हमारे पुरुष प्रधान देश में जहां एक ओर पुरुष धोखे को विभिन्न कारणों से नैतिक बना देते है, वहीं महिला समाज के इस नैतिक मूल्यों में उलझ कर रह जाती है. क्या कारण है कि महिलाएं विवाहेत्तर संबंधों की तरफ आकर्षित हो रही है?
वो कहीं ना कहीं खुद को उपेक्षित महसूस करती है. परिवार में उसका स्थान शादी के कुछ समय बाद केवल किचन तक सिमट कर रह जाता है. वहीं कामकाजी महिलाओं की जिंदगी वर्कलाइफ बैलेंस को सँभालने में गुज़र जाती हैं ,इस बीच वो खुद को कहीं खो देती है और अगर कोई भी प्रशंसा के कुछ शब्द उनकी तरफ जड़ दे तो, वो उस व्यक्ति की तरफ आकर्षित हो जाती है. इसका मुख्य कारण है कि एक तरफ रिश्तो में दुरी फिर वह वैवाहिक हो या फिर लाइव-इन रिलेशनशिप, दूसरी ओर उपेक्षाफिर वह पति हो , पार्टनर हो या बच्चे ।
यहां ऐसे 4 मुख्य कारण दिए गए हैं, जो आपको उन महिलाओं को आंकने के बजाय उन्हें समझने में मदद करेंगे कि किन परिस्थितियों में उन्होंने यह कदम उठाया है:
वे अप्रत्यक्ष और उपेक्षित महसूस करती हैं
हमारे पुरुष प्रधान समाज में जहां ये माना जाता है कि महिलाएं सिर्फ घर और बच्चे का ध्यान रखने के लिए बनी है. इसलिए पति अपनी पत्नियों के हर दिन के प्रयासों की सराहना नहीं करते है. वो खुद को एक पत्नी, या एक समान साथी के बजाय एक काम वाली, दाई या यहां तक कि एक प्रदाता की तरह महसूस करती हैं. इसलिए वह किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करती है, जो उसे वह कौन है उसके लिए सराहें, ना कि उसकी सेवाओं के लिए.
वो अकेलापन महसूस करती है
एक रिश्ते में, एक समय के बाद पार्टनर्स अपने रिश्ते को रोमांचक बनाने के प्रयासों को बंद कर देते हैं. खास तौर पर जब पति अधिकांश समय अपने काम में बिताता है, या ज्यादा बात ना करता हो, या अपनी पत्नी को भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस ना कराता हो, ऐसी स्थिति में वह लोगों के बीच भी अकेलापन महसूस करने लगती है.
रोमांस चाहती हो
जरूरी नहीं कि शारीरिक संबंध की ही चाह हो. मुमकिन है कि वह अपने पति के साथ पार्टी करता चाहती हो, सोफे में बैठ कर मूवी देखना चाहती हो या सिर्फ कुछ समय साथ गुजारना चाहती हो. एक काम वाली और सबका ख्याल रखने के बजाय वो एक पत्नी और जीवन साथी के तौर पर जीवन गुजारना चाहती है. और जब उन्हें रिश्ते से ये सब नहीं मिलता है, तो वो इस खाली जगह को भरने के लिए किसी अन्य पार्टनर की तलाश करती है.
संतोषजनक नहीं है यौन जीवन
यौन संबंध पति-पत्नी के रिश्ते का एक जरूरी हिस्सा होता है. इसकी कमी रिश्ते को खराब कर सकती है. यह एक गलत धारणा है कि केवल पुरुषों को सेक्स की आवश्यकता होती है या वही इसका आनंद लेते हैं. मुमकिन है कि पति उसकी इच्छाओं को ध्यान में ना रखे या उसकी जरूरतों के बारे में ना जानें. जिसके कारण उस संतुष्टि को पाने के लिए, वह एक साथी की तलाश कर सकती है.