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4 करोड़ डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता नंबर से जोड़ा गया

4 करोड़ डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड (4 crore digital health records) को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) नंबर से जोड़ा गया है. 4.5 करोड़ रोगियों ने अस्पतालों में भर्ती होकर निशुल्क इलाज कराया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है कि डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अधिक नागरिकों को मिले.

4 crore digital health records
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया
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Published : Dec 17, 2022, 7:05 PM IST

नई दिल्ली : भारत में 4 करोड़ डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) नंबर से जोड़ा गया है (4 crore digital health records). अब तक कुल 29 करोड़ नागरिकों ने अपना विशिष्ट ABHA कार्ड बनवाया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में 11,700 निजी अस्पतालों सहित 26,267 पैनलबद्ध स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं का नेटवर्क है और अब तक इस योजना के तहत 4.5 करोड़ रोगियों ने अस्पतालों में भर्ती होकर निशुल्क इलाज कराया है.

  • Milestone Moment!

    Ayushman Bharat Digital Mission crosses the landmark of 4⃣ crores digitally linked health records.

    PM @NarendraModi Ji's Govt is committed to building a robust, inter-operable & inclusive digital health ecosystem for a healthy India. pic.twitter.com/eNU6087owZ

    — Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लोकसभा में जसकौर मीना, फारूक अब्दुल्ला और हीना गावित के पूरक प्रश्नों के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने यह जानकारी दी. मांडविया ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य 10 करोड़ परिवार या 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में लाना है तथा इसकी प्रत्येक महीने समीक्षा की जाती है. उन्होंने कहा कि चार दिसंबर 2022 की स्थिति के अनुसार, कुल 20.96 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए हैं.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना में 11,700 निजी अस्पतालों सहित 26,267 पैनलबद्ध स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं का नेटवर्क है तथा इस नेटवर्क के माध्यम से 4.5 करोड़ लोग अस्पताल में भर्ती हुए और बिना एक पैसा खर्च किए उन्होंने इलाज कराया. उन्होंने कहा कि इन पर अब तक 48,954.33 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

मांडविया ने कहा कि प्रतिदिन 7-8 लाख लाभार्थी कार्ड प्रकाशित किए जाते हैं और मंत्रालय इस दृष्टि से काम कर रहा है कि अगले 4-6 महीने में 50 लाख लोगों को कार्ड मिल सके.

वहीं, एनएचए के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने कहा, 'एबीडीएम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है कि डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अधिक नागरिकों द्वारा उठाया जा सके.'

उन्होंने कहा कि मंत्रालय स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकों, नैदानिक ​​प्रयोगशालाओं जैसी सुविधाओं के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू करने की योजना बना रहा है.

शर्मा ने कहा, 'हम एबीडीएम के साथ एकीकृत करने के लिए विभिन्न हेल्थ लॉकर एप्लिकेशन को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि नागरिकों को अपने डिजिटल रिकॉर्ड को स्टोर करने और प्रबंधित करने के लिए अधिक विकल्प मिल सकें.'

राज्य सरकार के सहयोग से देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में ABHA के साथ व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड की यह डिजिटल लिंकिंग बड़े पैमाने पर की जा रही है. शर्मा ने कहा, 'स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर निरंतर ध्यान देने के साथ, हमारा उद्देश्य कागज रहित चिकित्सा परामर्श प्राप्त करना है और रोगी और स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं के बीच प्रत्येक लेनदेन में अधिक सटीकता है.'

पढ़ें- महिलाओं के योगदान के बिना स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास अधूरा : मनसुख मंडाविया

नई दिल्ली : भारत में 4 करोड़ डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) नंबर से जोड़ा गया है (4 crore digital health records). अब तक कुल 29 करोड़ नागरिकों ने अपना विशिष्ट ABHA कार्ड बनवाया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में 11,700 निजी अस्पतालों सहित 26,267 पैनलबद्ध स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं का नेटवर्क है और अब तक इस योजना के तहत 4.5 करोड़ रोगियों ने अस्पतालों में भर्ती होकर निशुल्क इलाज कराया है.

  • Milestone Moment!

    Ayushman Bharat Digital Mission crosses the landmark of 4⃣ crores digitally linked health records.

    PM @NarendraModi Ji's Govt is committed to building a robust, inter-operable & inclusive digital health ecosystem for a healthy India. pic.twitter.com/eNU6087owZ

    — Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लोकसभा में जसकौर मीना, फारूक अब्दुल्ला और हीना गावित के पूरक प्रश्नों के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने यह जानकारी दी. मांडविया ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य 10 करोड़ परिवार या 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में लाना है तथा इसकी प्रत्येक महीने समीक्षा की जाती है. उन्होंने कहा कि चार दिसंबर 2022 की स्थिति के अनुसार, कुल 20.96 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए हैं.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना में 11,700 निजी अस्पतालों सहित 26,267 पैनलबद्ध स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं का नेटवर्क है तथा इस नेटवर्क के माध्यम से 4.5 करोड़ लोग अस्पताल में भर्ती हुए और बिना एक पैसा खर्च किए उन्होंने इलाज कराया. उन्होंने कहा कि इन पर अब तक 48,954.33 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

मांडविया ने कहा कि प्रतिदिन 7-8 लाख लाभार्थी कार्ड प्रकाशित किए जाते हैं और मंत्रालय इस दृष्टि से काम कर रहा है कि अगले 4-6 महीने में 50 लाख लोगों को कार्ड मिल सके.

वहीं, एनएचए के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने कहा, 'एबीडीएम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है कि डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अधिक नागरिकों द्वारा उठाया जा सके.'

उन्होंने कहा कि मंत्रालय स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकों, नैदानिक ​​प्रयोगशालाओं जैसी सुविधाओं के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू करने की योजना बना रहा है.

शर्मा ने कहा, 'हम एबीडीएम के साथ एकीकृत करने के लिए विभिन्न हेल्थ लॉकर एप्लिकेशन को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि नागरिकों को अपने डिजिटल रिकॉर्ड को स्टोर करने और प्रबंधित करने के लिए अधिक विकल्प मिल सकें.'

राज्य सरकार के सहयोग से देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में ABHA के साथ व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड की यह डिजिटल लिंकिंग बड़े पैमाने पर की जा रही है. शर्मा ने कहा, 'स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर निरंतर ध्यान देने के साथ, हमारा उद्देश्य कागज रहित चिकित्सा परामर्श प्राप्त करना है और रोगी और स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं के बीच प्रत्येक लेनदेन में अधिक सटीकता है.'

पढ़ें- महिलाओं के योगदान के बिना स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास अधूरा : मनसुख मंडाविया

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