उज्जैन। शहर के शिप्रा तट स्तिथ गंगाघाट किनारे मौनतीर्थ पीठ में उत्तरप्रदेश के बलिया निवासी चार व्यक्तियों ने महामंडलेश्वर डॉ सुमनानंद की कथा से प्रभावित होकर ईसाई धर्म छोड़ सनातन धर्म को अपनाया है. मौनतीर्थ पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद ने शुद्धि और सनातन प्रक्रिया से चारों को सनातन धर्म पर चलने का संकल्प दिलवाया है. विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ धर्म परिवर्तन का अनुष्ठान करवाया.
जानिए चारों के बारे में : इन चारों युवकों ने नाम बदला है. जो ये है हेमंत पॉल से हेमंत प्रजापति, डेनियल से रविंद्र कुमार, रमेश मसीह से अमलेश कुमार और पीटर से प्रदीप कुमार. सभी ने महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. सुमनानंद महाराज व उपस्थित साधु संतों का आशीर्वाद लेकर नया जीवन आरंभ किया. मौनतीर्थ पीठ में सामाजिक समरसता के लिए समय-समय पर गतिविधियां संचालित की जाती हैं. डॉ. विद्यासागर मौनतीर्थ पीठ के सामाजिक समरसता प्रमुख भी उपस्थित थे. उन्हीं के संपर्क से ये चारों महाराज के संपर्क में आए.
सनातन प्रक्रिया के तहत कराई घर वापसी: स्वामी डॉ सुमनानंद ने अधीक जानकारी देते हुए बताया कि ये लोग उत्तरप्रदेश के निवासी हैं. हमारी कथा से बहुत प्रभावित है. इन्हें सनातन के विषय में सब जानकारी दी. जिसके बाद इनका घर वापसी का मन हुआ. उन्होंने बताया कि इन युवकों की 3 से 4 पीढ़ी गुजर चुकी है. पढ़े-लिखे बच्चे हैं, उन्होंने निर्णय लिया और हमने जो प्रक्रिया है, उसके तहत पालन करवाया है. उनकी शुद्धि कर उन्हें मंत्र दिया गया. हमें नहीं पता न्यायालय में इन लोगो ने आवदेन दिया या नहीं, लेकिन हमारे यहां जो सनातन में लौटाने की जो प्रक्रिया होती है, वह कर दी है. स्वामी डॉ सुमनानंद ने बताया कि काफी समय से ये हमारे संपर्क में हैं. ये अचानक नहीं हुआ है. हमारे मौन तीर्थ पीठ के समरसता राष्ट्रीय प्रमुख विद्यासागर उपाध्याय उन्हीं के माध्यम से ये लोग हमारे संपर्क में आये थे. ये लोग अब परिवार को लाने की बात कहकर गए हैं. अगर सब आएंगे तो उन्हें भी शुद्धि कर नारायण नाम दिया जाएगा. इससे पहले उत्तराखंड के नफिज नामक मुस्लिम व्यक्ति ने घर वापसी की है. जो कि आम आदमी पार्टी का नेता था. ये सब उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं.