नई दिल्ली : चीन की सीमा से लगे सेक्टर में रणनीति और तैयारियों पर चर्चा करने के लिए कई सैन्य शीर्ष अधिकारी गुरुवार को लेह में गालवान संघर्ष की तीसरी बरसी पर जुटेंगे. आज गुरुवार यानी 15 जून को गलवान घाटी संघर्ष की तीसरी बरसी है. यह संघर्ष 2020 में हुई थी. बैठक उत्तरी कमान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली और अन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच होगी. बैठक चीन की सीमा से लगे सेक्टर में बल की तैयारियों पर चर्चा के लिए होगी.
चीन की सीमा क्षेत्र में बल की तैयारियों पर होगी चर्चा : सेना के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि उत्तरी कमान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, जिनमें उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली के साथ अन्य शीर्ष अधिकारी कल लेह में परिचालन चर्चा करेंगे. बैठक में चीन की सीमा क्षेत्र में बल की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी.
2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई थी मुठभेड़: गलवान में 2020 में भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, उसी साल महामारी शुरू हुई थी. सरकारी सूत्रों ने कहा था कि सितंबर 2022 में, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में भारतीय सैनिकों और उनके समकक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पैट्रोलिंग पॉइंट -15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी की थी.
यथास्थिति को आक्रामक रूप से बदलने की कोशिश : मई 2020 से, जब चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को आक्रामक रूप से बदलने की कोशिश की थी. दोनों पक्षों को पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के पास अग्रिम चौकियों पर तैनात किया गया.
भारत और चीन के बीच बफर जोन पर समझौता: भारत और चीन सरकार के बीच में 135 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील से हटने के लिए एक समझौता हुआ है. दोनों देशों के बीच तय किया गया है कि जब तक कि सभी बकाया सीमा मुद्दों का समाधान नहीं हो हो जायेगा, तबतक एक बफर जोन बनाया जायेगा. एलएसी पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए 50,000 से अधिक भारतीय सैनिकों को उन्नत हथियारों के साथ एलएसी पर अग्रिम चौकियों पर 2020 से तैनात किया गया है.
(एएनआई)