कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 30 विधानसभा सीटों पर शनिवार को मतदान होगा. इस चरण में 73 लाख से अधिक मतदाता 191 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.
इस चरण की अधिकतर सीटें एक समय नक्सलवाद से प्रभावित रहे जंगलमहल क्षेत्र में पड़ती हैं.
अधिकारियों ने कहा कि कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न होगा. चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की करीब 684 कंपनियों को तैनात किया है जो 7,061 मतदानस्थलों पर 10,288 मतदान बूथों पर पहरा देंगी. उन्होंने कहा कि इन बलों के अलावा रणनीतिक महत्व वाले स्थानों पर राज्य पुलिस को भी तैनात किया जाएगा.
पहले चरण में पुरुलिया जिले की सभी नौ सीटों, बांकुड़ा की चार सीटों, झालग्राम की चार सीटों, पश्चिम मेदिनीपुर की छह और पूर्व मेदिनीपुर की सात सीटों पर कोविड-19 के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए मतदान होगा.
पूर्व मेदिनीपुर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का गृह क्षेत्र है. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने जहां 29-29 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने सभी 30 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं.
तृणमूल कांग्रेस पुरुलिया की जॉयपुर सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रही है. यहां उसके आधिकारिक उम्मीदवार उज्ज्वल कुमार का नामांकन पत्र विसंगतियों की वजह से खारिज हो गया था.
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भाजपा भी 29 सीटों पर किस्मत आजमा रही है और बाघमुंडी सीट पर झारखंड की उसकी सहयोगी पार्टी आजसू ने अपना उम्मीदवार उतारा है.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, झालग्राम में 1,010 स्थानों पर सभी 1,307 मतदान केंद्रों को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र घोषित करते हुए हमने केवल बूथ प्रबंधन के लिए केंद्रीय बलों की 127 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है.
केंद्रीय बलों की 14 अन्य कंपनियों का इस्तेमाल त्वरित प्रतिक्रिया दलों (क्यूआरटी) के रूप में किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों की 144 कंपनियों को झालग्राम में तैनात किया जाएगा. अधिकारी के अनुसार अन्य जिलों में प्रत्येक मतदान केंद्र पर औसतन छह अर्द्धसैन्य कर्मियों को तैनात किया जाएगा.
पुरुलिया में सर्वाधिक कंपनियां तैनात होंगी जिनकी संख्या 185 है. पश्चिम बंगाल में 294 सीटों पर आठ चरणों में मतदान होगा. मतगणना दो मई को होगी.