देहरादून (उत्तराखंड): टिहरी के नरेंद्रनगर चल रही इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक के दूसरे दिन, तीन सत्र आयोजित किए गए. बैठक में प्रतिनिधियों ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा निवेश संकेतक लागू करने के तरीकों पर चर्चा की. बैठक के दौरान समावेशी शहरों के समर्थकों पर चर्चा के साथ ही जी-20 देशों में बुनियादी ढांचे के बजट आवंटन का भी विश्लेषण किया गया. जी-20 की तीसरी इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक 26 जून को ऋषिकेश में शुरू हुई है.
तीन दिवसीय इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में G20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के करीब 63 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधियों ने बेहतर स्वागत के लिए भारतीय प्रेसीडेंसी को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही कार्य क्षेत्रों में बेहतर प्रगति हासिल करने के लिए प्रेसीडेंसी के प्रयासों को भी प्रतिनिधियों ने स्वीकार किया. भारत को एमआरओ हब बनाने पर 'गोलमेज सम्मेलन' के माध्यम से भी सहायक बनाया गया. इसके तहत रखरखाव, मरम्मत और संचालन क्षेत्र में भारत ने बेहतर काम किया है.
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दरअसल, यह कार्यक्रम भारतीय प्रेसीडेंसी की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया था. इस साइड इवेंट में विमानन क्षेत्र में निजी क्षेत्र, उद्योग निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के अनुभव को साझा किया गया. इसके साथ ही भारत की ओर से सामूहिक रूप से विमानन क्षेत्र में पेश किए जाने वाले अवसरों को सबके सामने रखने के लिए एक अवसर दिया. प्रतिनिधियों के बेहतर अनुभव के लिए सुबह एक 'योग रिट्रीट' का भी आयोजन किया था. प्रतिनिधियों के बीच टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देने के मद्देनजर प्रतिनिधियों को एक मैत्रीपूर्ण क्रिकेट मैच के लिए भी आमंत्रित किया गया था.
बता दें कि, जी20 के तहत से तीसरी बैठक है जो उत्तराखंड में हो रही है. सबसे पहले नैनीताल के रामनगर में बैठक हुई थी. फिर टिहरी के नरेंद्र नगर में ही दूसरी बैठक आयोजित की गई थी. इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की इस बैठक के लिए भी नरेंद्र नगर का चुनाव ही किया गया है. 26 जून से नरेंद्रनगर में शुरू हुई इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक 28 जून तक चलेगी.