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पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, राज्य में 261 रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं

पंजाब सरकार ने कहा है कि 261 रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims residing in Punja) में से 191 डेरा बस्सी में रह रहे हैं जबकि 70 हंडेसरा गांव में. इसके साथ ही इन 261 में से 227 के पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) का प्रमाण-पत्र है. कोविड-19 महामारी के कारण 34 अन्य के लिये यह प्रमाण-पत्र हासिल नहीं किया जा सका.

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Published : Dec 18, 2021, 7:09 PM IST

Rohingya Muslims residing in Punja
रोहिंग्या मुसलमान

नई दिल्ली : पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इस समय राज्य में 261 रोहिंग्या मुसलमान (Rohingya Muslims residing in Punja) रह रहे हैं और उनका बायोमेट्रिक विवरण भारत सरकार की वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए अपलोड कर दिया गया है. शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य बांग्लादेश या म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा नहीं करता है.

हलफनामे में सरकार ने कहा, 'हालांकि, इस कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, 261 रोहिंग्या मुसलमान हैं, जो पंजाब में एसएएस नगर जिले के डेरा बस्सी और हंडेसरा इलाकों में रह रहे हैं.'

हलफनामे में कहा गया है कि 261 रोहिंग्या मुसलमानों में से 191 डेरा बस्सी में रह रहे हैं जबकि 70 हंडेसरा गांव में. इसके साथ ही इन 261 में से 227 के पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) का प्रमाण-पत्र है. कोविड-19 महामारी के कारण 34 अन्य के लिये यह प्रमाण-पत्र हासिल नहीं किया जा सका.

यह हलफनामा अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया था, जिसमें केंद्र और राज्यों को देश से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं सहित अवैध प्रवासियों की पहचान, हिरासत और निर्वासन करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

याचिका में केंद्र और राज्यों को अवैध आव्रजन और घुसपैठ को संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर सुलह योग्य अपराध बनाने के लिए संबंधित कानूनों में संशोधन करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है.

पंजाब सरकार ने आगे कहा है कि राज्य में रहने वाले रोहिंग्या दैनिक मजदूरी पर बूचड़खानों और मांस संयंत्रों में सेवा कर रहे हैं.

हलफनामे में कहा गया है, जिला पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, उनके खिलाफ, एक व्यक्ति मोहम्मद हुसैन को छोड़कर, कुछ भी प्रतिकूल नहीं आया है, जिसे डेरा बस्सी पुलिस थाने में गिरफ्तार किया गया है और वर्तमान में संगरूर जेल में बंद है.

यह भी पढ़ें- सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू के नरवाल कैंप भेजा गया

इसी तरह, रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में पांच बांग्लादेशी नागरिक और 74 पाकिस्तानी नागरिक राज्य में रह रहे हैं. हलफनामे में कहा गया, यहां यह उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार द्वारा इन बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों को उनके संबंधित देशों में वापस भेजने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं.

इसमें कहा गया, पिछले 10 वर्षों के दौरान, 94 पाकिस्तानी नागरिकों और 115 बांग्लादेशी नागरिकों (11 बच्चों सहित) को उचित प्रक्रिया और देश के कानून का पालन करने के बाद पंजाब से उनके संबंधित देशों में वापस भेज दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इस समय राज्य में 261 रोहिंग्या मुसलमान (Rohingya Muslims residing in Punja) रह रहे हैं और उनका बायोमेट्रिक विवरण भारत सरकार की वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए अपलोड कर दिया गया है. शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य बांग्लादेश या म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा नहीं करता है.

हलफनामे में सरकार ने कहा, 'हालांकि, इस कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, 261 रोहिंग्या मुसलमान हैं, जो पंजाब में एसएएस नगर जिले के डेरा बस्सी और हंडेसरा इलाकों में रह रहे हैं.'

हलफनामे में कहा गया है कि 261 रोहिंग्या मुसलमानों में से 191 डेरा बस्सी में रह रहे हैं जबकि 70 हंडेसरा गांव में. इसके साथ ही इन 261 में से 227 के पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) का प्रमाण-पत्र है. कोविड-19 महामारी के कारण 34 अन्य के लिये यह प्रमाण-पत्र हासिल नहीं किया जा सका.

यह हलफनामा अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया था, जिसमें केंद्र और राज्यों को देश से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं सहित अवैध प्रवासियों की पहचान, हिरासत और निर्वासन करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

याचिका में केंद्र और राज्यों को अवैध आव्रजन और घुसपैठ को संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर सुलह योग्य अपराध बनाने के लिए संबंधित कानूनों में संशोधन करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है.

पंजाब सरकार ने आगे कहा है कि राज्य में रहने वाले रोहिंग्या दैनिक मजदूरी पर बूचड़खानों और मांस संयंत्रों में सेवा कर रहे हैं.

हलफनामे में कहा गया है, जिला पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, उनके खिलाफ, एक व्यक्ति मोहम्मद हुसैन को छोड़कर, कुछ भी प्रतिकूल नहीं आया है, जिसे डेरा बस्सी पुलिस थाने में गिरफ्तार किया गया है और वर्तमान में संगरूर जेल में बंद है.

यह भी पढ़ें- सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू के नरवाल कैंप भेजा गया

इसी तरह, रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में पांच बांग्लादेशी नागरिक और 74 पाकिस्तानी नागरिक राज्य में रह रहे हैं. हलफनामे में कहा गया, यहां यह उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार द्वारा इन बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों को उनके संबंधित देशों में वापस भेजने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं.

इसमें कहा गया, पिछले 10 वर्षों के दौरान, 94 पाकिस्तानी नागरिकों और 115 बांग्लादेशी नागरिकों (11 बच्चों सहित) को उचित प्रक्रिया और देश के कानून का पालन करने के बाद पंजाब से उनके संबंधित देशों में वापस भेज दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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