लाहौल-स्पीतिः जिले के बारालाचा दर्रे में बर्फीले तूफान के बीच बीआरओ ने 244 लोगों को रेस्क्यू किया है. बीआरओ व लाहौल प्रशासन की ओर से 30 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया. माइनस डिग्री तापमान के बीच इन सभी लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. वहीं, भारी बर्फबारी को देखते हुए वाहन चालकों को केलांग से आगे नहीं भेजा जा रहा है, ताकि बर्फबारी के बीच कोई वाहन चालक बर्फ में न फंस जाए.
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बारालाचा दर्रा के आसपास फंसे 87 लोगों का रेस्क्यू किया
टीम को बर्फ के बीच रेस्क्यू अभियान चलाना इतना आसान नहीं था. भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफान के कारण दो बार रेस्क्यू ऑपरेशन स्थगित करना पड़ा. बुधवार को रात भर चले ऑपरेशन के बाद सुबह चार बजे बारालाचा दर्रा के आसपास फंसी दो महिलाओं, चार बच्चों समेत कुल 87 लोगों को सुरक्षित जिंगजिंगबार स्थित बीआरओ के कैंप में पहुंचाया गया. बर्फीले तूफान के कारण इस क्षेत्र में आगे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.
27 ट्रक और 3 छोटे वाहन फंसे
बीआरओ की टीम ने बहुत सावधानी से रेस्क्यू अभियान को अंजाम दिया. हालांकि, लाहौल-स्पीति पुलिस ने भी इसमें अपनी भूमिका निभाई. मालूम हाे कि 20 अप्रैल को अचानक हुई बर्फबारी के कारण बारालाचा दर्रे के आसपास लेह जा रहे 27 ट्रक और 3 छोटे वाहन फंस गए थे. इनमें कुल 87 लोग सवार थे.
147 लोगों को बारालाचा दर्रा पहुंचाया
बीआरओ ने सरचू और जिंगजिंगबार से रेस्क्यू की दो टीमों को रवाना किया. जिन लोगों को बीआरओ से रेस्क्यू किया है, उनमें चालक और मजदूर शामिल हैं. इसके अलावा 20 अप्रैल की रात को बीआरओ और पुलिस ने 147 लोगों को बारालाचा दर्रा से जिस्पा की ओर सुरक्षित निकाला.
रेस्क्यू अभियान को सैटेलाइट फोन के जरिये दिया अंजाम
जानकारी देते हुए बीआरओ 38 टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल उमाशंकर ने कहा कि इस पूरे रेस्क्यू अभियान को सेटेलाइट फोन के जरिये अंजाम दिया गया. इस इलाके में फोन की सुविधा नहीं है. जिंगजिंगबार स्थित बीआरओ कैंप में सभी बचाए गए लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने के साथ मेडिकल उपचार भी दिया गया है.
सभी लोगों के लिए आवश्यक चीजों की व्यवस्था
कर्नल उमाशंकर ने बताया कि फंसे हुए सभी वाहन लेह की ओर जा रहे थे. उन्होंने कहा कि मनाली-लेह मार्ग बहाल होने के बाद कई बार बर्फबारी से बाधित हुआ है. तीन दिनों के अंदर बारालाचा के आसपास करीब 220 सेमी तक हिमपात हुआ है. उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने बताया कि प्रशासन की ओर से सभी लोगों के लिए ठहरने, खाने, प्राथमिक चिकित्सा सहित सभी आवश्यक चीजों की व्यवस्था की गई है.