देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 इस बार पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. चारोंधामों में बड़ी सख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. हालांकि चिंता की बात ये है कि चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाएं श्रद्धालुओं पर भारी पड़ रही हैं. यही कारण है कि अभीतक चारधाम में 19 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी हैं. चारोंधामों की बात करें तो अभीतक कुल 1,56,802 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए है. सबसे ज्यादा तीर्थयात्री अभीतक केदारनाथ धाम में 59,473 पहुंचे है. वहीं सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री धाम में 11 हुई है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर धामी सरकार पर सवाल खड़े किए है. प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का आरोप है कि चारोंधामों में अव्यवस्थाएं फैली हुई है, जिसका खामियाजा तीर्थयात्रियों को भुगतना पड़ रहा हैं. कांग्रेस ने खास तौर पर स्वास्थ्य और बिजली की सुविधाओं पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया. कांग्रेस के ये आरोप कही न कही सही भी साबित हो रही है. क्योंकि चारधाम यात्रा में आए 19 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी हैं. रविवार तक ये आंकड़ा 15 था, जो आज 9 मई रविवार को बढ़कर 19 हो गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग 15 श्रद्धालुओं की मौत की ही जानकारी दे रहा है.
चारोंधामों में श्रद्धालुओं की हुई मौत के आंकड़ों पर नजर डाले तो सबसे ज्यादा 11 श्रद्धालुओं की मौत यमुनोत्री धाम हुई थी. वहीं, गंगोत्री धाम में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री और यमुनोत्री में हुई श्रद्धालुओं की मौत का कारण बीमारी बताया जा रहा है. गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट तीन मई को ही खुले थे. गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा पांच तीर्थयात्रियों की मौत केदारनाथ धाम में हुई है, जिसमें से चार मौत यहां भी बीमारी के कारण हुई है. वहीं, एक श्रद्धालु की मौत खाई में गिरने के कारण हुई है. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को ही खोले गए थे. यहां बात दें कि इससे पहले 2019 में चारधाम में 91 यात्रियों की मौत हुई थी.
चारधामों में बीमारी के कारण हो रही श्रद्धालुओं की मौत सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर रही है. क्योंकि माना ये जा रही है कि श्रद्धालुओं की जब अचानक तबियत खराब होती है तो उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पा रही है और वे दम तोड़ दे रहे हैं. इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक शैलजा भट्ट कहती हैं कि यात्रा में आए इन मरीजों की विभिन्न बीमारियों के कारण मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग की चारोंधामों में तैनात टीम को इतना मौका भी नहीं मिल पाया कि वह इन मरीजों को रिकवर कर पाते. स्वास्थ्य महानिदेशक शैलजा भट्ट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु यदि किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उन्हें अपनी यात्रा को स्थगित कर देनी चाहिए.
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वहीं, यात्रियों की बढ़ती संख्या भी पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती बनी जा रही है. क्योंकि जिस हिसाब से श्रद्धालु चारोंधाम में पहुंचे रहे है, उस हिसाब से वहां व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है. चारधाम में अभी तक 1,56,802 तीर्थयात्री कर चुके दर्शन. इसमें सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में तीन के अंदर 59,473 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किया. उसके बाद गंगोत्री धाम में 41,643, यमुनोत्री धाम में 39,144 और बदरीनाथ धाम में पहले दिन 16,542 तीर्थयात्री पहुंचे.
चार धाम यात्रा में पुलिस विभाग भी मानता है कि इस बार भीड़ बेहद ज्यादा है. खासतौर पर केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इसी को लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार कहते हैं कि जिस तरह इस बार भीड़ है, उसी हिसाब से व्यवस्थाओं को अपग्रेड किया गया है. सेक्टर बनाकर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, साथ ही उनकी अकाउंटेबिलिटी तय की गई है. वहीं यमुनोत्री में खच्चरों की संख्या को सीमित किया गया है. साथ ही डीजीपी अशोक कुमार की तरफ से कहा गया है कि जो लोग रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे उन्हें रोकना पड़ सकता है. इसलिए लोगों से अनुरोध है कि चारधाम यात्रा 2022 में आने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं.