ETV Bharat / bharat

Kargil Vijay Divas 2023: बिहार के जवानों ने भी छुड़ाए थे पाकिस्तानी सेना के छक्के, शहीद हुए थे 18 वीर सपूत

आज 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस है. आज से 24 साल पहले इस युद्ध में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने भी अपने की आहूती दी थी. देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले इन जांबाज सैनिकों को पूरा देश ने नमन कर रहा है.

Kargil Vijay Divas 2023
Kargil Vijay Divas 2023
author img

By

Published : Jul 26, 2023, 11:16 AM IST

पटनाः आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है. आज ही के दिन 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप के मनाया गया है. इस युद्ध में हमारी सेना के 527 जवानों की शहादत हुई थी, जबकि कुल 1300 जवान जख्मी हुए थे, इन शहीदों में बिहार के 18 जवान भी शामिल थे.

ये भी पढ़ेंः Kargil Vijay Diwas 2023 : वीर जवानों की शहादत पर जो वादे हुए, वो आज तक अधूरे

बिहार के भी 18 वीर जवान हुए थे शहीदः आज से 24 साल पहले सरहद पर भारत के वीर जवानों ने प्राणों की आहुति देकर पाकिस्तानी सेना से विजय हासिल की थी और कारगील टाइगर हिल पर अपना तिरंगा लहराया था. आज इस मौके पर देशभर में वीर सपूतों को याद किया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सपूतों को नमन किया है. इस युद्ध में बिहार के भी 18 वीर जवानों ने बलिदान देकर अहम भूमिका निभाई थी. देश और बिहार के लोग उनकी इस शहादत पर उन्हें नमन करते हैं. पटना का कारगिल चौक आज भी अपने उन जवानों की वीरता को याद दिलाता है.

कर्नल ओपी यादव का नेतृत्व में लड़ी बिहार रेजिमेंट : कारगिल युद्ध में बिहार रेजिमेंट की पहली बटालियन के कमांडर तत्कालीन कर्नल ओपी यादव थे. इस युद्ध के बाद कर्नल ओपी यादव ब्रिगेडियर बनाए गए. बता दें कि कर्नल ओपी यादव के नेतृत्व में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने 60 दिनों तक चले युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे. आज से 26 साल पहले 26 जुलाई 1999 को कारगिल पर जवानों ने तिरंगा लहराया था. इस युद्ध के बाद ही भारत सरकार और सेना ने कारगिल में युद्धस्तर की सभी तैयारियां शुरू कर दीं और मौजूदा समय में वहां की स्थिति ये है कि पाक सेना वहां से घुसपैठ करने के लिए पूरी ताकत लगा दे तो भी नाकाम रहेगी.

GFX ETV BHARAT
GFX ETV BHARAT

जानें कैसे हुई थी घुसपैठः इतिहासकारों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने 8 मई 1999 में कारगिल के सूनसान क्षेत्र और मौसम का फायदा उठाकर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी. पाक सैनिक को सबसे पहले कारगिल इलाके में एक भारतीय चरवाहे ताशी नामग्याल ने देखा था, जो अपने एक याक को खोजते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर पहुंच गए थे. उसके बाद चरवाहे ने ये बात भारतीय सेना को बताई. ताशी ने बताया कि 'अगर वो मेरा नया-नवेला याक न होता तो शायद मैं उसकी तलाश करने भी न जाता और शायद मैं पाकिस्तानी घुसपैठियों को देख भी ना पाता'

इंडियन आर्मी ने की जवाबी कार्रवाई: इसके बाद सेना के जवानों ने उस क्षेत्र का निरीक्षण किया और जान गए कि पाकिस्तानी भारतीय सीमा में घुस आए हैं. स्थिति भांप लेने के बाद इंडियन आर्मी ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग कर दी. हैरानी की बात ये थी कि पाकिस्तान ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. दरअसल, पाक की चाल कुछ और थी. पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन जनरल परवेज मुशर्रफ ने पहले से ही खुद रेकी की थी कि उस समय यहां इंडियन आर्मी रोजाना वहां पेट्रोलिंग के लिए नहीं जाती थी.

टाइगर हिल हड़पना चाहता था पाकिस्तानः आपको बता दें कि पाक सेना का लक्ष्य टाइगर हिल पर कब्जा करना था. वहीं भारतीय सेना ने भी एक कदम आगे बढ़कर तय किया कि किसी भी हाल में टाइगर हिल पर कब्जा नहीं होने देना है. चूंकि यह सबसे मुश्किल काम था, इसलिए पाकिस्तानी सेना ने कभी सोचा नहीं था की भारत ऐसा कदम उठा लेगा. भारतीय सेना ने सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करते हुए करीब 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर युद्ध को अंजाम दिया और उनकी जीत लियाय

पटनाः आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है. आज ही के दिन 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप के मनाया गया है. इस युद्ध में हमारी सेना के 527 जवानों की शहादत हुई थी, जबकि कुल 1300 जवान जख्मी हुए थे, इन शहीदों में बिहार के 18 जवान भी शामिल थे.

ये भी पढ़ेंः Kargil Vijay Diwas 2023 : वीर जवानों की शहादत पर जो वादे हुए, वो आज तक अधूरे

बिहार के भी 18 वीर जवान हुए थे शहीदः आज से 24 साल पहले सरहद पर भारत के वीर जवानों ने प्राणों की आहुति देकर पाकिस्तानी सेना से विजय हासिल की थी और कारगील टाइगर हिल पर अपना तिरंगा लहराया था. आज इस मौके पर देशभर में वीर सपूतों को याद किया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सपूतों को नमन किया है. इस युद्ध में बिहार के भी 18 वीर जवानों ने बलिदान देकर अहम भूमिका निभाई थी. देश और बिहार के लोग उनकी इस शहादत पर उन्हें नमन करते हैं. पटना का कारगिल चौक आज भी अपने उन जवानों की वीरता को याद दिलाता है.

कर्नल ओपी यादव का नेतृत्व में लड़ी बिहार रेजिमेंट : कारगिल युद्ध में बिहार रेजिमेंट की पहली बटालियन के कमांडर तत्कालीन कर्नल ओपी यादव थे. इस युद्ध के बाद कर्नल ओपी यादव ब्रिगेडियर बनाए गए. बता दें कि कर्नल ओपी यादव के नेतृत्व में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने 60 दिनों तक चले युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे. आज से 26 साल पहले 26 जुलाई 1999 को कारगिल पर जवानों ने तिरंगा लहराया था. इस युद्ध के बाद ही भारत सरकार और सेना ने कारगिल में युद्धस्तर की सभी तैयारियां शुरू कर दीं और मौजूदा समय में वहां की स्थिति ये है कि पाक सेना वहां से घुसपैठ करने के लिए पूरी ताकत लगा दे तो भी नाकाम रहेगी.

GFX ETV BHARAT
GFX ETV BHARAT

जानें कैसे हुई थी घुसपैठः इतिहासकारों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने 8 मई 1999 में कारगिल के सूनसान क्षेत्र और मौसम का फायदा उठाकर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी. पाक सैनिक को सबसे पहले कारगिल इलाके में एक भारतीय चरवाहे ताशी नामग्याल ने देखा था, जो अपने एक याक को खोजते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर पहुंच गए थे. उसके बाद चरवाहे ने ये बात भारतीय सेना को बताई. ताशी ने बताया कि 'अगर वो मेरा नया-नवेला याक न होता तो शायद मैं उसकी तलाश करने भी न जाता और शायद मैं पाकिस्तानी घुसपैठियों को देख भी ना पाता'

इंडियन आर्मी ने की जवाबी कार्रवाई: इसके बाद सेना के जवानों ने उस क्षेत्र का निरीक्षण किया और जान गए कि पाकिस्तानी भारतीय सीमा में घुस आए हैं. स्थिति भांप लेने के बाद इंडियन आर्मी ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग कर दी. हैरानी की बात ये थी कि पाकिस्तान ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. दरअसल, पाक की चाल कुछ और थी. पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन जनरल परवेज मुशर्रफ ने पहले से ही खुद रेकी की थी कि उस समय यहां इंडियन आर्मी रोजाना वहां पेट्रोलिंग के लिए नहीं जाती थी.

टाइगर हिल हड़पना चाहता था पाकिस्तानः आपको बता दें कि पाक सेना का लक्ष्य टाइगर हिल पर कब्जा करना था. वहीं भारतीय सेना ने भी एक कदम आगे बढ़कर तय किया कि किसी भी हाल में टाइगर हिल पर कब्जा नहीं होने देना है. चूंकि यह सबसे मुश्किल काम था, इसलिए पाकिस्तानी सेना ने कभी सोचा नहीं था की भारत ऐसा कदम उठा लेगा. भारतीय सेना ने सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करते हुए करीब 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर युद्ध को अंजाम दिया और उनकी जीत लियाय

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.