वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Shringar Gauri Case) में पक्षकार बनने के लिए दी गई कुल 17 याचिकाओं को जिला जज ने खारिज कर दिया है. बीते कुछ दिनों से 1/10 यानी इस प्रकरण में पक्षकार बनने के लिए कई अलग-अलग संस्थाओं, संगठनों और धार्मिक पक्ष से जुड़े लोगों ने याचिका दायर की थी. इस पर कोर्ट ने सुनवाई (Gyanvapi Shringar Gauri Case hearing) करते हुए सोमवार को सभी याचिकाओं को निरस्त कर दिया.
इस मामले में पक्षकार बनने के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी के अलावा ज्ञानवापी प्रकरण के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी समेत लगभग 17 लोगों ने खुद को पक्षकार बनाने के लिए याचिका दायर की थी. इस पर कोर्ट ने पहले सुनवाई से रोक लगाई थी और कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि इस मामले की सुनवाई योग्य है या नहीं, इस बात के डिक्लेयर होने के बाद ही पक्षकार बनाए जाने को लेकर याचिका पर सुनवाई शुरू की जाएगी. इस मामले के स्वीकृत होने के बाद कोर्ट ने इस प्रकरण की सुनवाई शुरू की थी, लेकिन पिछले दिनों लगभग 7 लोगों के अनुपस्थित होने की वजह से कोर्ट ने इस पर सुनवाई आगे नहीं बढ़ाई थी. इसके बाद कोर्ट ने 17 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की थी, आज कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए लगभग 15 लोगों की एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है.
शेष दो से तीन एप्लीकेशन बची हैं, जिनके पक्षकार सोमवार को मौजूद नहीं हुए. इन्हें 21 अक्टूबर का वक्त दिया गया है. यदि इस दिन भी कोई नहीं आता, तो अनुपस्थिति दिखाते हुए इन्हें भी खारिज कर दिया जाएगा. फिलहाल कोर्ट ने सभी एप्लीकेशन को खारिज करने के पीछे यह तर्क दिया है कि एक ही स्थान या एक ही पक्ष को लेकर अलग-अलग वाद दाखिल करने का कोई तात्पर्य नहीं होता. इस प्रकरण में सुनवाई चल रही है और कोर्ट नियमित रूप से इसे आगे भी बढ़ा रहा है. एक ही भावना को लेकर अलग-अलग वाद पर सुनवाई आगे बढ़ाना संभव नहीं है इसलिए कोर्ट ने लगभग सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए शेष बची याचिका पर 21 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.
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