नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ब्रिक्स के विस्तार का भारत पूरा समर्थन करता है और आम सहमति से इस दिशा में आगे बढ़ने का स्वागत करता है. उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण सहित कई क्षेत्रों में समूह के सदस्य देशों के बीच सहयोग का दायरा और बढ़ाने के लिए पांच सुझाव भी दिए.
अधिकारियों के अनुसार, जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) की शिखर बैठक के दौरान मोदी ने समूह से ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आह्वान किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार के लिए समयसीमा निर्धारित करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कई बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार करने और ब्रिक्स के प्रस्तावित अंतरिक्ष अन्वेषण समूह का गठन किये जाने का भी समर्थन किया.
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Following a bilateral meeting with South African President Cyril Ramaphosa, PM Modi tweets, "Had an excellent meeting with President Cyril Ramaphosa. We discussed a wide range of issues aimed at deepening India-South Africa relations. Trade, defence and investment linkages… pic.twitter.com/yYjsEdCefs
— ANI (@ANI) August 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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शिखर बैठक के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि समूह को भविष्य के लिए तैयार होने में प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में विशेषज्ञता साझा करने के लिए भारत की तैयारियों की भी पेशकश की. मोदी ने कहा कि भारत, ब्रिक्स की सदस्यता का विस्तार करने का पूरा समर्थन करता है. और इस पर सहमति के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करता है.
ब्रिक्स का विस्तार समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में एक मुख्य विषय है क्योंकि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अर्जेंटीना सहित 23 देशों ने इसकी सदस्यता के लिए आवेदन किया है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पूर्ण सत्र को मोदी के बाद संबोधित किया और उन्होंने भी वैश्विक शासन को अधिक समतापूर्ण बनाने के लिए ब्रिक्स के त्वरित विस्तार की हिमायत की.
शी जिंगपिंग ने कहा कि हमें वैश्विक शासन को और अधिक न्यायसंगत और समतापूर्ण बनाने के लिए ब्रिक्स परिवार में और भी देशों को शामिल कर समूह का विस्तार करने की प्रक्रिया तेज करने की जरूरत है. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि ब्रिक्स देश इसके विस्तार पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हम इस विषय का एक स्पष्ट समाधान ढूंढ लेंगे क्योंकि हमने इस विषय पर आपस में चर्चा की है.
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#WATCH | Prime Minister Narendra Modi and South African President Cyril Ramaphosa hold a bilateral meeting in Johannesburg, on the sidelines of the 15th BRICS Summit. pic.twitter.com/gxW20jS5J5
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भारत ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स नेताओं के रिट्रीट के दौरान सदस्यता मानदंडों और नए सदस्यों के चयन पर आम सहमति बनाने का बीड़ा उठाया. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार, 22 अगस्त को आयोजित लीडर्स रिट्रीट के दौरान ब्रिक्स विस्तार पर यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. सूत्रों ने कहा कि भारत ने सदस्यता मानदंडों और नए सदस्यों के चयन पर आम सहमति बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास हमारे रणनीतिक भागीदारों को नए सदस्यों के रूप में शामिल करने के हमारे उद्देश्य से निर्देशित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अगस्त मंगलवार को जोहानिसबर्ग के समर प्लेस में ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट में हिस्सा लिया. समर प्लेस पहुंचने पर प्रधानमंत्री का दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति और 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष सिरिल रामफोसा ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
रिट्रीट जो बंद प्रारूप में हुआ, नेताओं के लिए वैश्विक विकास और वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए ब्रिक्स मंच का लाभ उठाने के तरीकों पर चर्चा करने का एक अवसर था. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है, खासकर भारत और चीन के बीच चले आ रहे मतभेदों के बीच. महीनों पहले ऐसी अटकलें थीं कि नई दिल्ली चीन की उपस्थिति के कारण ब्रिक्स के विस्तार को लेकर झिझक रही है और साथ ही देश खुद को वैश्विक दक्षिण के नेता के रूप में स्थापित करना चाहता है.
हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने तुरंत स्थिति साफ कर दी और कहा कि हमने कुछ निराधार अटकलें देखी हैं कि भारत को विस्तार पर आपत्ति है. यह बिल्कुल सही नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हमने विस्तार पर भारत की स्थिति के बारे में बात की है और हमने पहले भी अपनी स्थिति स्पष्ट की है. जैसा कि पिछले साल नेताओं ने आदेश दिया था, ब्रिक्स सदस्य पूर्ण परामर्श और सर्वसम्मति के आधार पर ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर आंतरिक रूप से चर्चा कर रहे हैं.
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#WATCH | BRICS family photo with Brazilian President Luiz Inácio Lula da Silva, Chinese President Xi Jinping, South African President Cyril Ramaphosa, PM Narendra Modi and Russian Foreign Minister Sergey Lavrov pic.twitter.com/s9ItvwDYh6
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इस बीच, सोमवार, 21 अगस्त को एक विशेष मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो भारत का इरादा सकारात्मक है और उसका दिमाग खुला है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स का विस्तार शिखर सम्मेलन का एक प्रमुख एजेंडा है. लगभग 23 देशों ने समूह में सदस्यता के लिए अपने आवेदन जमा किए हैं.
विदेश सचिव ने कहा कि समूह के शेरपाओं के बीच ब्रिक्स में नए सदस्यों को शामिल करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की जा रही है. ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का विकास इंजन बनेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत ने आपदा और कठिन समय को आर्थिक सुधारों में बदल दिया.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मिशन मोड में किए गए कार्यों के कारण भारत में व्यापार करने में आसानी में सुधार हुआ है. हमने सार्वजनिक सेवा वितरण और सुशासन पर जोर दिया है. आज बाद में, पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले हैं।
हालांकि, सभी की निगाहें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ संभावित मुलाकात पर हैं और अगर मुलाकात होती है तो यह दोनों नेताओं के बीच इस तरह की पहली मुलाकात होगी. इस कार्यक्रम में ब्राजील के राष्ट्रपति, चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भाग लिया.
ब्रिक्स ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका की विश्व अर्थव्यवस्थाओं का समूह है. यह पीएम मोदी की दक्षिण अफ्रीका की तीसरी यात्रा है और यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का प्रतीक है.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)