हैदराबाद: केंद्र की मोदी सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तभी व्यापार सुधार करने में आसानी के मुद्दों को उठाया था. मोदी सरकार ने लगातार इन मुद्दों के जरिए देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाने की अपील की है.
बता दें, देश के तीन और राज्य गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने ’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधारों को पूरा करने की जानकारी दी है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से सिफारिश मिलने के बाद इन तीन राज्यों को खुले बाजार से 9,905 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दी है. इससे पहले, आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी इस सुधार प्रक्रिया को पूरा कर लिया है.
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे तीन और राज्यों ने व्यय विभाग के जरिए निर्धारित ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को पूरा करने की सूचना दी है.
- उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग से सिफारिश प्राप्त होने के बाद इन तीन राज्यों को ओपन मार्केट उधार के माध्यम से 9,905 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति मिली है.
- इससे पहले, आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी इस सुधार के पूरा होने की सूचना दी थी, जिसकी पुष्टि DPIIT ने की थी.
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के सुधारों को पूरा करने पर इन 15 राज्यों को 38,088 करोड़ रु की अतिरिक्त उधार दिया गया है.
अनुमत अतिरिक्त उधार की राज्यवार राशि निम्नानुसार है
क्रम संख्या | राज्य | रकम (करोड़ में) |
1. | आंध्र प्रदेश | 2,525 |
2. | असम | 934 |
3. | गुजरात | 4,352 |
4. | हरियाणा | 2,146 |
5. | हिमाचल प्रदेश | 438 |
6. | कर्नाटक | 4,509 |
7. | केरल | 2,261 |
8. | मध्य प्रदेश | 2,373 |
9. | ओडिशा | 1,429 |
10. | पंजाब | 1,516 |
11. | राजस्थान | 2,731 |
12. | तमिलनाडु | 4,813 |
13. | तेलंगाना | 2,508 |
14. | उत्तर प्रदेश | 4,851 |
15. | उत्तराखंड | 702 |
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस देश में निवेश के अनुकूल जलवायु का एक महत्वपूर्ण संकेतक है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार से राज्य की अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हो सकेगा. इसलिए, भारत सरकार ने मई 2020 में, उन राज्यों को अतिरिक्त उधारी की अनुमति देने का निर्णय लिया, जो व्यवसाय करने में आसानी के लिए सुधार का कार्य करते हैं. इस श्रेणी में निर्धारित सुधार हैं
- जिला स्तरीय व्यापार सुधार कार्य योजना के पहले मूल्यांकन का समापन.
- पंजीकरण प्रमाणपत्रों के नवीनीकरण की आवश्यकताओं का उन्मूलन/मंजूरी/विभिन्न अधिनियमों के तहत व्यवसायों द्वारा प्राप्त लाइसेंस.
कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन जरूरतों को देखते हुए सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की कर्ज लेने की सीमा उनके जीएसडीपी की 2 प्रतिशत बढ़ा दी थी. यह विशेष राशि राज्यों द्वारा किए गए नागरिक केन्द्रित सुधारों से जुड़ी थी. सुधारों के लिए चार नागरिक केन्द्रित क्षेत्रों की पहचान की गई थी जो इस प्रकार हैं.
- एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू करना
2. ईज और डूइंग बिजनेस सुधार
3. अर्बन लोकल बॉडी/यूटिलिटी सुधार
4. ऊर्जा क्षेत्र सुधार
अभी तक 18 राज्यों ने इन चार निर्धारित सुधारों में से कम-से-कम एक सुधार किया है और उन्हें सुधार से जुड़ी कर्ज अनुमति दी गई है. इनमें से 13 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू की है. 15 राज्यों ने ईज और डूइंग बिजनेस सुधार लागू किया है. 6 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों ने ऊर्जा क्षेत्र सुधार लागू किए हैं. अभी तक इन राज्यों को 86,417 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दी गई है.