नासिक (महाराष्ट्र): नासिक की 14 वर्षीय गीत ने दो अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, कोलंबिया और घाना से डॉक्टरेट की उपाधि (Doctorate Degree) प्राप्त की है, जिसमें 'बच्चों द्वारा मोबाइल फोन और अन्य गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग के स्वास्थ्य प्रभाव और योगा' पर एक थीसिस है. इतनी कम उम्र में उसने जो सफलता हासिल की है, उससे उसकी काफी तारीफ हो रही है. गीत के परिवार का दावा है कि गीत देश में सबसे कम उम्र की लड़की है, जिसने एक बार में दो अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है.
गीत पाटनी नासिक शहर के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ती है. पिता पराग पाटनी और मां काजल पाटनी दोनों डॉक्टर हैं, इसलिए वे फिटनेस पर बहुत ध्यान देते हैं. इसलिए गीत की रुचि बचपन से ही योग में थी. लेकिन गीत ने खुद योग में महारत हासिल की. वह योग कक्षाएं भी लेती है. कोरोना काल में कक्षाएं लेते हुए, उसने महसूस किया कि बच्चे मोबाइल फोन और अन्य गैजेट्स का अधिक उपयोग कर रहे हैं क्योंकि अब ऑनलाइन स्कूल खुले हैं. इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है.
इसलिए उसने इस पर एक थीसिस तैयार की और इसे दुनिया भर के सात प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में जमा किया. दो अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, कोलंबिया और घाना ने गीत के शोध को मान्यता देने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है. गीत को बचपन से ही योग का शौक रहा है. यहां तककि वह इसमें महारत हासिल कर चुकी है. वह अब तक सैकड़ों लोगों को योग की शिक्षा दे चुकी हैं. उसका कहना है कि अगर शरीर को फिट रखना है तो सभी को योग करना चाहिए.
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योग का गहन अध्ययन करते हुए उसने डॉक्टरेट की उपाधि पाकर सभी को चौंका दिया. गीत पाटनी ने कहा है कि मुझे खुशी है कि मैं अपने माता-पिता की मदद और अपने प्रयासों के कारण कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट प्राप्त कर पाया. गीत बचपन से ही होशियार रही है. वह कोई भी काम पूरे मन से करती है. उसने योग का गहन अध्ययन किया है और खुद एक अच्छी योग शिक्षिका बन गई. अब तक वह कई पुरस्कार जीत चुकी है. गीत के पिता पराग पाटनी का कहना है कि हमें अपनी बेटी पर गर्व है.