इंफाल : उग्रवादी संगठन यूनाइटेड ट्राइबल लिबरेशन आर्मी (यूटीएलए) के अध्यक्ष समेत 14 कैडेट्स ने बुधवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और अपने हथियार और गोला-बारूद जमा कर दिए. उग्रवादी संगठन के कैडेट्स ने दो केएच-33 राइफल, एक एके राइफल, एक ए1 राइफल, एक ए2 राइफल, तीन सिंगल बैरल राइफल और तीन छोटे हथियारों के साथ-साथ एक चीनी ग्रेनेड, 18 जिलेटिन सहित हथियारों और गोला-बारूद का विशाल जखीरा जमा किया.
समारोह में सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलेगा और उन्होंने सभी युवाओं से राष्ट्रीय मुख्यधारा में लौटने का आग्रह किया. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाल के राज्य के दौरे के दौरान कही बातों को दोहराया कि उन उग्रवादियों पर एक भी गोली नहीं चलाई जाएगी जो अपने सामान्य जीवन में लौटना चाहते हैं और मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं. साथ ही उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी, जब तक कि वे किसी जघन्य अपराध में शामिल न हों.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शांति से ही विकास होगा. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार के कारण विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि मणिपुर अन्य राज्यों के साथ तभी मुकाबला कर पाएगा, जब भौगोलिक भिन्नताओं के बावजूद समावेशी विकास होगा. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की पूर्वोत्तर में आतंकवादियों के आत्मसमर्पण सह पुनर्वास के लिए संशोधित योजना के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को दिए जाने वाले पुनर्वास लाभों में रुपये का एकमुश्त वित्तीय अनुदान शामिल है. प्रत्येक आत्मसमर्पण करने वाले को 4 लाख, जिसे तीन साल की अवधि के लिए सावधि जमा के रूप में उनके संबंधित बैंक खातों में रखा जाना है; प्रति व्यक्ति 6000 रुपये का मासिक वजीफा और प्रोत्साहन दिया जाएगा. आत्मसमर्पण करने वाले कार्यकर्ता तीन साल की अवधि के लिए पुनर्वास शिविर में रहेंगे जहां उन्हें विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक स्क्रीनिंग कमेटी एडीजी/आईजी स्पेशल ब्रांच के अध्यक्ष के रूप में कैडर की पहचान और पुनर्वास पर काम कर रही है और इसमें सेना, असम राइफल्स, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, एसआईबी, राज्य पुलिस, राज्य प्रशासन जैसी विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं.