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उत्तराखंड में कुदरत का कहर, 71 दिन में 133 लोगों की गई जान, 18 लापता, 14 अगस्त तक रेड अलर्ट

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Published : Aug 11, 2023, 4:48 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 10:15 PM IST

उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश किस कदर कहर बरपाती है, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में बीते 71 दिनों में 133 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 18 लोग लापता हैं. इसके अलावा प्रदेश में अभी भी 133 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं.

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देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून अपने साथ सुहाना मौसम नहीं, बल्कि कुदरत का कहर लेकर आता है. उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश हर साल सैकड़ों लोगों की जान लेती है. इस साल की बात की जाए तो बीते 71 दिनों में बारिश की वजह से उत्तराखंड में 133 लोगों की जान जा चुकी है. ये आंकड़े एसडीआरएफ की तरफ से जारी किये गये हैं. वहीं पिछले साल की बात करें तो मॉनसून सीजन में उत्तराखंड के अंदर 244 लोगों की मौत हुई थी.

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भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं हो रही है.

उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश का दौरा जारी है. वहीं, इस हफ्ते भी लोगों को बारिश से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. मौसम विभाग ने आगामी 14 अगस्त तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है. भारी बारिश के कारण पहाड़ों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं, तो वहीं मैदानी जिलों में बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं. कुदरत का ये कहर उत्तराखंड में कई जिंदगियों को निकल गया है.

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उत्तराखंड में कुदरत का कहर
पढ़ें- मोहंड और डाट काली मंदिर के बीच धंसा दिल्ली देहरादून हाईवे, वाहनों की लगी कतार

भूस्खलन की 1400 से ज्यादा घटनाएं: एसडीआरएफ की तरफ से जो आंकडे़ जारी किए हैं, उसके मुताबिक बीते 71 दिनों में लोगों के डूबने और भूस्खलन की 1400 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने करीब 1,227 लोगों का रेस्क्यू किया है. हालांकि 133 लोगों की जान भी गई है. वहीं, गौरकुंड हादसे में लापता हुए 18 लोगों का अभीतक पता भी नहीं लग पाया है.

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रुद्रप्रयाग में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर कार दब गई.

पिछले साल गई थी 244 लोगों की जान: वहीं, बीते साल 2022 के मॉनसून सीजन में 244 लोगों की जान आपदा में गई थी. उत्तराखंड एसडीआरएफ के कमाडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि उनकी टीम की कोशिश यही रहती है कि कम से कम जनहानि हो. पहाड़ों और मैदान दोनों ही इलाकों में एसडीआरएफ तैनात है.
पढ़ें- कालीमठ घाटी के ब्यूंखी में बादल फटने से दहशत में ग्रामीण, खतरे की जद में आए कई परिवार

इन शहरों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ: एसडीआरएफ कमाडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि उनकी तरफ से लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है. भारी बारिश के दौरान वो लोगों से अपील करते हैं कि नदी और बरसाती नालों के पास न जाएं. इस साल अभीतक सबसे ज्यादा मौतें रुद्रप्रयाग, टिहरी, ऋषिकेश, हरिद्वार और चमोली में हुई हैं. यानी सबसे ज्यादा नुकसान गढ़वाल को पहुंचा है.

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उत्तराखंड के कई इलाकों में आपदा जैसे हालत बने हुए है.

नदियों का जल स्तर बढ़ा: पहाड़ों पर हो रही भारी का असर मैदानी जिलों पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं. हरिद्वार में तो गंगा खतरे के निशान को भी पार कर गई थी, जिसकी वजह से हरिद्वार के कांगड़ी इलाकों में तटबंध टूट गया था. 11 अगस्त दोपहर 12 बजे गंगा का जल स्तर 293.60 मीटर था. वहीं भारी बारिश के बाद प्रदेश में 133 सड़कें बंद हैं.

मौसम विभाग की चेतावनी: मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में 14 अगस्त तक इसी तरह से मौसम बना रहेगा. मौसम विभाग के निर्देशक विक्रम सिंह ने सरकार और जिलों को जो चेतावनी भेजी है, उसमें यह साफ कहा है कि अगले कुछ घंटे बाद प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भीषण बारिश हो सकती है. लिहाजा अपनी तरफ से सभी टीमों को अलर्ट रखें.

देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून अपने साथ सुहाना मौसम नहीं, बल्कि कुदरत का कहर लेकर आता है. उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश हर साल सैकड़ों लोगों की जान लेती है. इस साल की बात की जाए तो बीते 71 दिनों में बारिश की वजह से उत्तराखंड में 133 लोगों की जान जा चुकी है. ये आंकड़े एसडीआरएफ की तरफ से जारी किये गये हैं. वहीं पिछले साल की बात करें तो मॉनसून सीजन में उत्तराखंड के अंदर 244 लोगों की मौत हुई थी.

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भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं हो रही है.

उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश का दौरा जारी है. वहीं, इस हफ्ते भी लोगों को बारिश से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. मौसम विभाग ने आगामी 14 अगस्त तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है. भारी बारिश के कारण पहाड़ों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं, तो वहीं मैदानी जिलों में बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं. कुदरत का ये कहर उत्तराखंड में कई जिंदगियों को निकल गया है.

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उत्तराखंड में कुदरत का कहर
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भूस्खलन की 1400 से ज्यादा घटनाएं: एसडीआरएफ की तरफ से जो आंकडे़ जारी किए हैं, उसके मुताबिक बीते 71 दिनों में लोगों के डूबने और भूस्खलन की 1400 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने करीब 1,227 लोगों का रेस्क्यू किया है. हालांकि 133 लोगों की जान भी गई है. वहीं, गौरकुंड हादसे में लापता हुए 18 लोगों का अभीतक पता भी नहीं लग पाया है.

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रुद्रप्रयाग में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर कार दब गई.

पिछले साल गई थी 244 लोगों की जान: वहीं, बीते साल 2022 के मॉनसून सीजन में 244 लोगों की जान आपदा में गई थी. उत्तराखंड एसडीआरएफ के कमाडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि उनकी टीम की कोशिश यही रहती है कि कम से कम जनहानि हो. पहाड़ों और मैदान दोनों ही इलाकों में एसडीआरएफ तैनात है.
पढ़ें- कालीमठ घाटी के ब्यूंखी में बादल फटने से दहशत में ग्रामीण, खतरे की जद में आए कई परिवार

इन शहरों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ: एसडीआरएफ कमाडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि उनकी तरफ से लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है. भारी बारिश के दौरान वो लोगों से अपील करते हैं कि नदी और बरसाती नालों के पास न जाएं. इस साल अभीतक सबसे ज्यादा मौतें रुद्रप्रयाग, टिहरी, ऋषिकेश, हरिद्वार और चमोली में हुई हैं. यानी सबसे ज्यादा नुकसान गढ़वाल को पहुंचा है.

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उत्तराखंड के कई इलाकों में आपदा जैसे हालत बने हुए है.

नदियों का जल स्तर बढ़ा: पहाड़ों पर हो रही भारी का असर मैदानी जिलों पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं. हरिद्वार में तो गंगा खतरे के निशान को भी पार कर गई थी, जिसकी वजह से हरिद्वार के कांगड़ी इलाकों में तटबंध टूट गया था. 11 अगस्त दोपहर 12 बजे गंगा का जल स्तर 293.60 मीटर था. वहीं भारी बारिश के बाद प्रदेश में 133 सड़कें बंद हैं.

मौसम विभाग की चेतावनी: मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में 14 अगस्त तक इसी तरह से मौसम बना रहेगा. मौसम विभाग के निर्देशक विक्रम सिंह ने सरकार और जिलों को जो चेतावनी भेजी है, उसमें यह साफ कहा है कि अगले कुछ घंटे बाद प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भीषण बारिश हो सकती है. लिहाजा अपनी तरफ से सभी टीमों को अलर्ट रखें.

Last Updated : Aug 11, 2023, 10:15 PM IST
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