नई दिल्ली : सीबीएसई का ताजा हलफनामा शीर्ष अदालत के असंतुष्ट छात्रों को वैकल्पिक परीक्षा की तारीख देने, विवाद समाधान तंत्र, परिणामों की घोषणा के लिए समय निर्दिष्ट करने के निर्देश के जवाब में आया है. बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर निर्देश पारित किए गए थे.
सीबीएसई ने अदालत से कहा है कि परिणाम की गणना के संबंध में छात्रों के विवाद के लिए सीबीएसई द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा और कक्षा 12 वीं के परिणाम 31 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे. कंपार्टमेंट, प्राइवेट छात्रों के लिए नीति 2019-2020 की मूल्यांकन नीति के अनुरूप होगी. जिसे शीर्ष अदालत द्वारा अनुमोदित किया गया था. परीक्षा से जुड़े मामले जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच के सामने आए.
अभिभावक संघ द्वारा यह तर्क दिया गया था कि छात्रों को शुरुआत में ही शारीरिक रूप से उपस्थित होने का मौका दिया जाना चाहिए और सीबीएसई और आईसीएसई की एक समान नीति होनी चाहिए. उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी कि दोनों बोर्डों द्वारा घोषित योजना जटिल है. यहां तक कि शिक्षक भी इसे समझने में सक्षम नहीं हैं. सिंह ने कहा कि उन स्कूलों द्वारा हेरफेर की भी संभावना है जिन्होंने छात्रों के प्रदर्शन को रिकॉर्ड में नहीं रखा है.
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कोर्ट ने कहा कि आईसीएसई और सीबीएसई अलग हैं इसलिए अलग-अलग व्यवस्था है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की, कि एप्पल (Apple) की तुलना ऑरेंज (Orange) से नहीं की जा सकती. राज्य बोर्डों के मामले में अदालत को सूचित किया गया कि असम, त्रिपुरा और पंजाब ने 12वीं के बोर्ड रद्द कर दिए हैं. कोर्ट ने इस पहलू पर केरल और आंध्र प्रदेश से जवाब मांगा. बोर्ड परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर कल दोपहर दो बजे फिर सुनवाई होगी.