बेंगलुरु : कर्नाटक के मेंगलुरु के बाहरी इलाके कैरंगला पुण्यकोटि नगर में स्थित शारदा गणपति विद्या केंद्र में 11 जुड़वा (22बच्चे) पढ़ते हैं. इन जुड़वा बच्चों में तीन जोड़े चौथी कक्षा में, दो जोड़े पांचवीं कक्षा में और एक जोड़ा छह, सात, आठ और 10वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं. इसके अलावा दो जोड़े 12वीं दो जोड़े पढ़ रहे हैं.
इन 11 जोड़े जुड़वा बच्चों में लड़कियों की चार जोड़ी हैं. इसी तरह लड़कों की भी चार जोड़ियां हैं. तीन जुड़वा जोड़े ऐसे हैं जिनमें लड़का-लड़की दोनों हैं. जैनेश और जयेश, संजना-संजय, लातेश और लवेश- चौथी कक्षा में पढ़ रहे हैं.
वहीं चैतन्य पी मल्ली और चंदना पी मल्ली एलकेजी में हैं. धन्यश्री और धनुष इसी साल स्कूल में भर्ती हुए हैं. उन्होंने पांचवीं कक्षा में दाखिला लिया है.छठी कक्षा की भावश्री और दिव्यश्री ने तीन साल पहले स्कूल में एडमिशन लिया था. कीर्ति आर गट्टी-कीरथन आर गट्टी सातवीं कक्षा में इसी साल भर्ती हुए.
आठवीं कक्षा के सुजान और सुहान पिछले साल भर्ती हुए थे, जबकि श्रीशांत और सुशांत ने 10वीं में दो साल पहले ज्वाइन किया था. इसके अलावा प्रज्ञा और प्रेक्षा, मोक्ष और मोक्षिता ने पिछले साल 12वीं कक्षा में एडमिशन लिया था.
स्कूल का भी जुड़वा नाम
इसके अलावा एक दिलचस्प बात यह है कि इस शैक्षणिक संस्थान का भी एक जुड़वा नाम है 'शारदा गणपति'.
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स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र का कहना है, 'जब मैं यहां आया, तो 11 जुड़वा बच्चे थे. उन्हें देखकर हम तो क्या कभी-कभी टीचर भी भ्रमित हो जाते हैं.' वहीं स्कूल के प्रिंसिपल श्रीहरि का कहना है कि छात्रों की जोड़ी 2008 से शुरू हुई. पहले जुड़वा बच्चों ने 2008 में स्कूल ज्वाइन किया था. उसके बाद पिछले कुछ वर्षों में स्कूल में जुड़वा बच्चों की संख्या बढ़ी है. अब 11 जुड़वा बच्चे हैं. पहले 2-3 जुड़वा बच्चों के साथ कोई विशेष अनुभूति नहीं होती, लेकिन अब यह संख्या 11 है, इसलिए हम जोड़ियों को देखकर खुश होते हैं. मुझे लगता है कि यह पहला स्कूल है, जिसमें जुड़वा बच्चों के 11 जोड़े हैं.