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दिल्ली : केंद्र और राज्य के झगड़े में फंसे 11 लाख प्रवासी कामगार, ONORC स्कीम का नहीं मिल रहा लाभ

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम अब तक दिल्ली में लागू नहीं हो पाई है. दिल्ली में खाद्यान्न संकट से जूझ रहे 11 लाख लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ लेने से वंचित हैं.

केजरीवाल सरकार
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Published : Jun 7, 2021, 5:15 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) के लागू होने के बाद कई प्रवासी कामगार (migrant workers) अपने घरों को लौटने को मजबूर हुए और अब खाद्यान्न संकट से जुझ रहे हैं. इसका कारण है कि केंद्र सरकार (Central Government) की महत्वाकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम (One Nation One Ration Card- ONORC) अब तक दिल्ली में लागू न हो पाना. दिल्ली में खाद्यान्न संकट से जूझ रहे करीब 11 लाख प्रवासी कामगार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Act- NFSA) से वंचित हैं.

केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार के बीच खींचतान

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana- PMGKAY) के तहत मुफ्त अनाज भी नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार इस योजना को दिल्ली में लागू करना चाहती है, लेकिन केजरीवाल सरकार इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है.

वहीं, 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' (Mukhyamantri Ghar Ghar Ration Scheme) को लेकर दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से भिड़ गई है. केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस योजना को शुरू नहीं करने दे रही है. इस पर केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार किसी और योजना के तहत राशन बांट सकती है, लेकिन वह जानबूझकर केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में बाधा डाल रही है.

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (Central Food and Public Distribution) का कहना है कि 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' को लागू कर केंद्र सरकार की NFSA योजना को केजरीवाल सरकार बदलना चाहती है.

पढ़ेंः पेट्रोल के दाम में वृद्धि को लेकर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

बता दें, केंद्र सरकार दिल्ली सहित सभी राज्यों को NFSA योजना के लिए अनाज देती है, लेकिन दिल्ली सरकार उन अनाजों को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत बांटना चाहती है. टकराव का मुख्य कारण यही है कि जब राशन केंद्र सरकार NFSA योजना के तहत बांटने के लिए दिल्ली सरकार को दे रही है, तो दिल्ली सरकार अपने किसी भी योजना के अंतर्गत उन अनाजों को कैसे बांट सकती है?

ONORC स्कीम के लाभ

ONORC स्कीम के तहत प्रवासी आबादी देशभर में कहीं भी एक ही राशन कार्ड के जरिये किसी भी सरकारी राशन दुकान से अपने कोटे का अनाज ले सकती है. अगस्त 2019 में ONORC स्कीम के शुरू होने से अबतक कुल 27.83 करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले चुके हैं. पिछले एक साल में कोरोना काल में अप्रैल 2020 से मई 2021 तक 19.8 करोड़ लोग अपना अनाज ले चुके हैं. हर महीने 1.35 करोड़ प्रवासी आबादी पूरे देशभर में इस योजना के तहत अपना अनाज उठा रही है.

32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में ONORC

ONORC स्कीम अभी 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है. इन राज्यों में PDS दुकानों में E-POS मशीनें लगाई गई हैं. E-POS बायोमैट्रिक पर आधारित है. इसके जरिये राशन कार्ड घारक की पहचान उसके आंख व हाथ के अंगूठे से की जाती है. E-POS व्यवस्था ही राशन उपलब्ध कराती है. राशनकार्ड धारकों का राशन कार्ड आधार से लिंक किया जाता है. देशभर में आधार प्रमाणीकरण 82 फीसदी तक हो रहा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दिल्ली में यह शून्य है.

सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2018 में ही केजरीवाल सरकार ने अपने करीब 2000 E-POS मशीनों का इस्तेमाल बंद कर दिया था. केंद्र सरकार के आग्रह पर बाद में मशीनें फिर लगाई गईं, लेकिन ज्यादातर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.

यही कारण है कि दिल्ली की प्रवासी आबादी NFSA के तहत सस्ते दर पर व PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज नहीं ले पा रही है.

नई दिल्ली : देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) के लागू होने के बाद कई प्रवासी कामगार (migrant workers) अपने घरों को लौटने को मजबूर हुए और अब खाद्यान्न संकट से जुझ रहे हैं. इसका कारण है कि केंद्र सरकार (Central Government) की महत्वाकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम (One Nation One Ration Card- ONORC) अब तक दिल्ली में लागू न हो पाना. दिल्ली में खाद्यान्न संकट से जूझ रहे करीब 11 लाख प्रवासी कामगार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Act- NFSA) से वंचित हैं.

केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार के बीच खींचतान

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana- PMGKAY) के तहत मुफ्त अनाज भी नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार इस योजना को दिल्ली में लागू करना चाहती है, लेकिन केजरीवाल सरकार इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है.

वहीं, 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' (Mukhyamantri Ghar Ghar Ration Scheme) को लेकर दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से भिड़ गई है. केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस योजना को शुरू नहीं करने दे रही है. इस पर केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार किसी और योजना के तहत राशन बांट सकती है, लेकिन वह जानबूझकर केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में बाधा डाल रही है.

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (Central Food and Public Distribution) का कहना है कि 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' को लागू कर केंद्र सरकार की NFSA योजना को केजरीवाल सरकार बदलना चाहती है.

पढ़ेंः पेट्रोल के दाम में वृद्धि को लेकर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

बता दें, केंद्र सरकार दिल्ली सहित सभी राज्यों को NFSA योजना के लिए अनाज देती है, लेकिन दिल्ली सरकार उन अनाजों को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत बांटना चाहती है. टकराव का मुख्य कारण यही है कि जब राशन केंद्र सरकार NFSA योजना के तहत बांटने के लिए दिल्ली सरकार को दे रही है, तो दिल्ली सरकार अपने किसी भी योजना के अंतर्गत उन अनाजों को कैसे बांट सकती है?

ONORC स्कीम के लाभ

ONORC स्कीम के तहत प्रवासी आबादी देशभर में कहीं भी एक ही राशन कार्ड के जरिये किसी भी सरकारी राशन दुकान से अपने कोटे का अनाज ले सकती है. अगस्त 2019 में ONORC स्कीम के शुरू होने से अबतक कुल 27.83 करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले चुके हैं. पिछले एक साल में कोरोना काल में अप्रैल 2020 से मई 2021 तक 19.8 करोड़ लोग अपना अनाज ले चुके हैं. हर महीने 1.35 करोड़ प्रवासी आबादी पूरे देशभर में इस योजना के तहत अपना अनाज उठा रही है.

32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में ONORC

ONORC स्कीम अभी 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है. इन राज्यों में PDS दुकानों में E-POS मशीनें लगाई गई हैं. E-POS बायोमैट्रिक पर आधारित है. इसके जरिये राशन कार्ड घारक की पहचान उसके आंख व हाथ के अंगूठे से की जाती है. E-POS व्यवस्था ही राशन उपलब्ध कराती है. राशनकार्ड धारकों का राशन कार्ड आधार से लिंक किया जाता है. देशभर में आधार प्रमाणीकरण 82 फीसदी तक हो रहा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दिल्ली में यह शून्य है.

सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2018 में ही केजरीवाल सरकार ने अपने करीब 2000 E-POS मशीनों का इस्तेमाल बंद कर दिया था. केंद्र सरकार के आग्रह पर बाद में मशीनें फिर लगाई गईं, लेकिन ज्यादातर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.

यही कारण है कि दिल्ली की प्रवासी आबादी NFSA के तहत सस्ते दर पर व PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज नहीं ले पा रही है.

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