हैदराबाद : 25 अप्रैल, 2021 को देशभर में कोरोना टीकाकरण को पूरे 100 दिन हो गए. देशभर में कोरोना के रोकथाम के लिए भारत सरकार ने 16 जनवरी, 2021 से टीकाकरण प्रारंभ किया.
आईए एक बार फिर से देश की टीकाकरण यात्रा को देखते हैं...
पहला चरण : 16 जनवरी, 2021 को देश भर में स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. 13 फरवरी, 2021 से फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लगाया जाने लगा.
दूसरा चरण : 1 मार्च, 2021 से टीकाकरण का दूसरा चरण प्रारंभ हुआ, जिसके तहत 60 साल से अधिक सभी और 45 साल से अधिक उम्र वाले गंभीर रोगियों का टीकाकरण प्रारंभ हुआ. इस चरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य मुख्यमंत्रियों ने टीका लगवाया.
तीसरा चरण : 1 अप्रैल, 2021 से 45 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण प्रारंभ हो गया.
चौथा चरण : 11 अप्रैल-14 अप्रैल के बीच में देश में 4 दिन का टीका उत्सव मनाया गया. इसका उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में टीका लगवाने के प्रोत्साहित करना था. साथ ही इन चार दिनों में टीके की बिल्कुल बर्बादी नहीं होने का भी लक्ष्य रखा गया था.
पांचवा चरण : 19 अप्रैल, 2021 को सरकार ने 18 साल से अधिक आयु वाले सभी लोगों के लिए टीकाकरण की मंजूरी दे दी. 1 मई से इसे अमल में लाया जाना है.
टीकाकरण में शीर्ष पांच राज्य
24 अप्रैल सुबह 7 बजे तक देश में महाराष्ट्र 1,39,99,992 टीकों के साथ देश में टीकाकरण के मामले में शीर्ष पर है. जिसके बाद 1,20,10,244 टीकों के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर है.
भारत में अब तक कुल 13,83,79,832 टीके लगाए जा चुके हैं. पिछले 24 घंटों में 29,01,412 टीके दिए गए हैं, जिनमें से 10,38,388 लोगों ने टीके की दूसरी डोज हासिल की.
राज्य | कुल टीकाकरण |
महाराष्ट्र | 1,39,99,992 |
राजस्थान | 1,20,10,244 |
उत्तर प्रदेश | 1,16,23,695 |
गुजरात | 1,12,66,494 |
पश्चिम बंगाल | 97,80,926 |
टीकाकरण में भारत की उपलब्धि
भारत विश्व में पहला देश है जिसने सबसे कम दिनों में10 करोड़ लोगों को टीका लगाया. देश में 10 अप्रैल तक 10 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन लगा दिया गया था.
भारत ने कुल 85 दिन में यह लक्ष्य हासिल किया, वहीं अमेरिका को इसमें 89 दिन और चीन को 102 दिन लगे.
टीके की कीमतों में फर्क
- वर्तमान में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) एक स्वदेशी वैक्सीन और दो विदेशी सहयोगित टीकों को मंजूरी दी है.
- कोविशिल्ड वैक्सीन का उपयोग जनवरी से जारी है और इसने कोविड-19 के खिलाफ 79 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है.
- वहीं कोवैक्सिन है, आपातकालीन उपयोग के लिए है. इसने अपने तीसरे चरण के परीक्षण में 78 फीसदी की प्रभावकारिता दिखाई है.
- स्पुतनिक वी ने कोरोना के खिलाफ 97.6 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है. हाल ही में अप्रैल महीने में स्पुतनिक वी को भारत में मंजूरी मिली.
- सरकार ने 2 मार्च, 2021 को टीकों को सरकारी अस्पतालों में निशुल्क रखा. वहीं निजी केंद्रों पर सरकार ने इसकी कीमत 250 रुपये निर्धारित की है.
टीकों की वर्तमान मूल्य (प्रति डोज)
कोविशील्ड | कोवैक्सीन | स्पुतनिक वी |
400₹ (सरकारी अस्पताल) 600₹ (निजी अस्पताल) | 295₹ | 750₹ |